चंडीगढ़ में निर्माण और सुधार कार्य पकड़ेंगे रफ्तार, संशोधित बजट में निगम को मिल सकते हैं 100 करोड़
चंडीगढ़ नगर निगम को संशोधित बजट में निर्माण और सुधार कार्यों के लिए लगभग 100 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इस धनराशि से शहर में रुके हुए विकास कार्यों को गति मिलेगी और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा। बजट आवंटन की तैयारी चल रही है, जिसमें निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दी जाएगी।

चंडीगढ़ नगर निगम कार्यालय का सिंबोलिक फोटो।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। निर्माण और सुधार कार्यों में तेजी आ सकती है। क्योंकि फंड की कमी से जूझ रहे नगर निगम को अब संशोधित बजट में निगम को 100 करोड़ रुपये मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही है। संशोधित अनुमान में निगम ने 245 करोड़ रुपये मांगे थे। जिसे यूटी प्रशासन के फाइनेंस डिपार्टमेंट ने केंद्र सरकार को भेज रखा है।
केंद्र सरकार से बजट की मंजूरी आनी है और नवंबर के आखिरी में 100 करोड़ मिलने की प्रबल संभावना है। हालांकि, प्रशासन से 125 करोड़ रुपये की विशेष ग्रांट मिलने के बाद भी निगम की वित्तीय हालत काफी सुधार आया है और रुके विकास कार्य भी शुरू हो चुके हैं।
इस बार निगम को प्रशासन से भी 750 करोड़ रुपये का अनुदान मिलने की संभावना है। इसमें से 593 करोड़ 75 लाख रुपये अप्रैल से अक्टूबर के बीच मिल चुके हैं, जबकि बाकी 156 करोड़ रुपये मार्च 2026 तक मिलने की उम्मीद है। पिछले वर्ष यह राशि 560 करोड़ रुपये थी।
चालू वित्त वर्ष 2025-26 के संशोधित बजट में विकास कार्यों के लिए 245 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि मांगी है। उम्मीद है कि उन्हें इसमें फंड मिलेगा। यह राशि शहर में चल रहे निर्माण और सुधार कार्यों को पूरा करने के लिए जरूरी है।
अमित कुमार, निगम कमिश्नर, चंडीगढ़
राजस्व भी 44 प्रतिशत बढ़ा
वित्त वर्ष की शुरुआत में स्टाफ की सैलरी तक दे पाने में मोहताज नगर निगम ने बड़ी छलांग लगाते हुए 44.27 प्रतिशत अतिरिक्त राजस्व जुटा लिया है। यह राजस्व की बढ़ोतरी अप्रैल से अक्टूबर 2025 तक की है। सालभर में वित्तीय सुधार के बड़े और सख्त निर्णय लेने की वजह से यह संभव हो पाया है। वर्षाें से फंसे एरियर की रिकवरी भी इसमें शामिल है।
निगम कमिश्नर अमित कुमार ने इन सात महीनों का लेखा जोखा निगम सदन में रखा। उन्होंने राजस्व ही नहीं खर्च पर भी रिपोर्ट पेश की। वित्त वर्ष 2024 में अप्रैल से अक्टूबर तक निगम ने 210.23 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया था। जबकि 2025 वित्त वर्ष में 254.50 करोड़ रुपये जुटा लिए हैं। ग्रांट इन एड पिछले साल इस समयावधि में 487 करोड़ मिले थे। जबकि इस वर्ष 593 करोड़ रुपये मिले हैं। कुल मिलाकर 21.66 प्रतिशत की वृद्धि की है।
राजस्व के साथ खर्च भी बढ़ा
अप्रैल से 31 अक्टूबर 2025 तक निगम ने 44 करोड़ 59 लाख रुपये खर्च किए हैं। पूरे साल के लिए खर्च का अनुमान 467 करोड़ 75 लाख रुपये है। पिछले वित्त वर्ष में यह खर्च 72 करोड़ 11 लाख रुपये रहा था। अनिवार्य भुगतान की श्रेणी में अब तक करीब 82 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं। 15 दिनों में आरडब्ल्यूए और ठेकेदारों की बकाया राशि का भुगतान करने के निर्देश कमिश्नर ने दिए।

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