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    चंडीगढ़ में IAS अफसरों ने दो साल में फूंका 30 लाख का तेल, मुख्य सचिव की स्टाफ कार का पेट्रोल खर्च दोगुना

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 01:13 PM (IST)

    चंडीगढ़ में वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने दो साल में सरकारी गाड़ियों पर करीब 30 लाख रुपये का पेट्रोल खर्च किया। आरटीआई से पता चला कि वित्त सचिव की गाड़ी ...और पढ़ें

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    पेट्रोल और डीजल खर्च के आंकड़े वर्ष 2022-23 और 2023-24 से संबंधित।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में तैनात वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों ने पिछले दो वर्षों में अपनी सरकारी गाड़ियों के लिए लगभग 30 लाख रुपये का पेट्रोल खर्च किया। अधिकतर महीनों में तत्कालीन वित्त सचिव की गाड़ी का पेट्रोल बिल सबसे अधिक रहा।

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    मुख्य सचिव की स्टाफ कार का ईंधन खर्च कई बार उनकी अपनी गाड़ी से लगभग दोगुना पाया गया। यह जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त हुई है।

    आरटीआई के माध्यम से मुख्य सचिव, सचिव और प्रधान सचिव स्तर के उन अधिकारियों की गाड़ियों के ईंधन खर्च का विवरण मांगा गया था, जो सीधे मुख्य सचिव को रिपोर्ट करते हैं। यह आंकड़े वर्ष 2022-23 और 2023-24 से संबंधित हैं। कुल मिलाकर 24 महीनों में लगभग 29 लाख रुपये का खर्च सामने आया है। मासिक आंकड़ों में एक समान पैटर्न दिखता है। 

    अप्रैल 2022 में करीब 10 वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों की गाड़ियों पर कुल 1.55 लाख रुपये का ईंधन खर्च हुआ। इसमें वित्त सचिव की गाड़ी का बिल सबसे अधिक करीब 21 हजार रुपये रहा, जिसमें 200 लीटर से ज्यादा पेट्रोल की खपत दर्ज की गई।

    गृह सचिव और विशेष सचिव (कार्मिक) का खर्च क्रमशः लगभग 18 हजार और 15 हजार रुपये रहा। इसके विपरीत, मुख्य सचिव की अपनी गाड़ी का खर्च 4 हजार रुपये से भी कम था, जबकि उनकी स्टाफ कार पर 7,500 रुपये से ज्यादा खर्च हुए।

    मई 2022 में भी यही स्थिति रही। मुख्य सचिव की गाड़ी का खर्च 4 हजार रुपये से कम रहा, जबकि उनकी स्टाफ कार का बिल 9 हजार रुपये से अधिक था। वित्त सचिव का खर्च फिर सबसे ज्यादा—करीब 20 हजार रुपये, और गृह सचिव का लगभग 12 हजार रुपये रहा।

    जून 2022 में वरिष्ठ अधिकारियों की कुल ईंधन लागत 1.41 लाख रुपये रही। वित्त सचिव की गाड़ी पर लगभग 14 हजार, गृह सचिव की गाड़ी पर करीब 13 हजार रुपये खर्च हुए। मुख्य सचिव की गाड़ी का खर्च लगभग 4,300 रुपये रहा, जबकि स्टाफ कार पर 7,500 रुपये से ज्यादा।

    यह सिलसिला पूरे साल जारी रहा। अगस्त और नवंबर 2022 में वित्त सचिव की गाड़ी का मासिक बिल फिर 19 से 20 हजार रुपये के आसपास रहा, जिसमें करीब 200 लीटर पेट्रोल की खपत दिखाई गई। इन महीनों में भी मुख्य सचिव की गाड़ी का खर्च 4 हजार रुपये से कम और स्टाफ कार का खर्च लगभग दोगुना रहा।

    जनवरी 2023 में कुल मासिक खर्च 1.27 लाख रुपये से अधिक पहुंच गया। इसमें अकेले वित्त सचिव की गाड़ी का हिस्सा लगभग 20 हजार रुपये था। मुख्य सचिव की गाड़ी का खर्च फिर 4 हजार रुपये से कम, जबकि स्टाफ कार का खर्च 7 हजार रुपये से अधिक रहा।

    अप्रैल 2023 में कुल मासिक खर्च 1.22 लाख रुपये दर्ज किया गया। वित्त सचिव का बिल सबसे अधिक 17 हजार रुपये से ज्यादा, जबकि मुख्य सचिव की गाड़ी का खर्च 3 हजार रुपये से कम रहा। अगस्त 2023 में कुल ईंधन खर्च बढ़कर 1.36 लाख रुपये हो गया, जिसमें वित्त सचिव की गाड़ी का बिल फिर 22 हजार रुपये से अधिक था।