चंडीगढ़ में क्रिकेट खतरे में; शहर ने देश को दिए कपिल देव, युवराज सिंह, शुभमन गिल जैसे स्टार खिलाड़ी
चंडीगढ़ ने देश को कई नामी क्रिकेट खिलाड़ी दिए हैं। जिनमें वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव चेतन शर्मा अशोक मल्होत्रा योगराज सिंह सिक्सर किंग युवराज सिंह और शुभमन गिल जैसे कई क्रिकेटर्स के नाम शामिल हैं। लेकिन अब शहर में क्रिकेट खतरे में है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ से कई इंटरनेशनल स्तर के क्रिकेटर्स निकल चुके हैं। इन खिलाड़ियों में क्रिकेट वर्ल्ड कप विजेता टीम के कप्तान कपिल देव, चेतन शर्मा, अशोक मल्होत्रा, योगराज सिंह, सिक्सर किंग युवराज सिंह, दिनेश मोंगिया, वीआरवी सिंह, सिद्धार्थ कौल, शुभमन गिल, रितेंदर सिंह सोढ़ी और अर्शदीप जैसे खिलाड़ियों के नाम शामिल हैं।
मौजूद समय में भी ऐसे कई खिलाड़ी हैं जो चंडीगढ़ में कोचिंग लेकर भारतीय टीम में अपनी जगह बना चुके हैं। इनमें अंडर-19 में राज अंगद बावा, सीनियर क्रिकेट टीम में अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ी हैं। लेकिन अब चंडीगढ़ में क्रिकेट ही खतरे में आ गया है। इसकी बड़ी वजह यह है कि शहर में क्रिकेट के नए खिलाड़ी तैयार करने के लिए कोच नहीं है।
खेल प्राधिकरण आफ इंडिया ने क्रिकेट कोच सुखविंदर सिंह बावा का तबादला कर दिया है। बावा को नई दिल्ली के मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम (एमडीसीएनएस) में भेज दिया गया है। बावा से पहले जून में क्रिकेट कोच नागेश गुप्ता अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं।
सुखजिंदर सिंह बावा क्रिकेट स्टेडियम सेक्टर-16 में कोचिंग देते थे और इसी स्टेडियम में चंडीगढ़ क्रिकेट अकादमी है। अकादमी में 150 से ज्यादा क्रिकेटर्स प्रेक्टिस करते हैं। यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के 3 क्रिकेट कोचिंग सेंटर चल रहे हैं।
कांट्रैक्ट पर काम कर रहे कोच हरीश वर्मा
अभी इन कोचिंग सेंटरों की बात करें तो नागेश गुप्ता के जाने के बाद जीएमएसएस- 26 में अभी क्रिकेट कोच का पद खाली पड़ा है। क्रिकेट स्टेडियम सेक्टर-16 में बावा के तबादले के बाद संजीव पठानिया इकलौते क्रिकेट कोच रह गए हैं। जीएमएसएसएस-32 में हरीश शर्मा कोचिंग दे रहे हैं। जिन्हें रिटायरमेंट के बाद कांट्रैक्ट पर रखा गया है
मजूबरन खिलाड़ियों को लेनी पड़ती है महंगी कोचिंग
बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर की वजह से शहर को स्पोर्ट्स हब के तौर पर देखा जाता है। चंडीगढ़ ही नहीं, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और बिहार के खिलाड़ी भी बेहतर कोचिंग के लिए शहर का रूख कर करते हैं। बावजूद इसके कोच नहीं होने की वजह से खिलाड़ियों को इस इंफ्रास्ट्रक्चर का कोई फायदा नहीं मिल पाता है। कोच नहीं होने की वजह से इन खिलाड़ियों को मजबूरन प्राइवेट अकादमियों में जाकर कोचिंग लेनी पड़ती है। शहर में मौजूदा समय में 40 से ज्यादा क्रिकेट अकादमियां हैं, इनमें ज्यादातर अकादमियों में कोच प्रशिक्षित नहीं हैं, जिसका खमियाजा खिलाड़ियों को भुगतना पड़ता है।
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"खेल प्राधिकरण आफ इंडिया ने क्रिकेट कोच सुखविंदर सिंह बावा का तबादला कर दिया है। वह अनुभवी कोच हैं क्रिकेट को प्रमोट करने में उनका अहम योगदान है। उनकी जगह खेल प्राधिकरण आफ इंडिया की तरफ से जल्द नया कोच नियुक्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा क्रिकेट स्टेडियम-16 कोच संजीव पठानिया भी हैं। यह अकादमी हमारे लिए काफी अहम है। इसलिए हम तुरंत कोच नियुक्त करेंगे, ताकि खिलाड़ियों का नुकसान न हो। अन्य कोचों के रिक्त पद भी जल्द भरे जाएंगे।
-डा सुनील रेयात, ज्वांइट स्पोर्ट्स डायरेक्टर, यूटी स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट।

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