त्योहारों पर मीठे में जहर! चंडीगढ़ में आधे सैंपल आते हैं फेल, मिठाई खरीदने से पहले गुणवत्ता और मिलावट की कर लें जांच
फेस्टिवल सीजन में मिठाई खरीदने से पहले गुणवत्ता और मिलावट की अच्छे से जांच कर लें। क्योंकि मिठाई की दुकानों से लिए गए सैंपलों में से आधे फेल आते हैं। ...और पढ़ें

चंडीगढ़ में 311 सैंपल लिए गए, जिनमें से 165 में मिलावट पाई गई। चंडीगढ़ से ज्यादा पंजाब-हरियाणा में सैंपल लिए गए।
मोहित पांडेय, चंडीगढ़। त्योहारों के सीजन में बाजारों में मिठाइयों और दूध उत्पादों की मांग चरम पर है। मिठाई खरीदने से पहले एक बार मिलावट और गुणवत्ता पर जरूर ध्यान दें। क्योंकि चंडीगढ़ में मिठाई के 311 सैंपलों की जांच की तो 165 में मिलावट पाई गई। दूसरी तरफ, शहर की खाद्य गुणवत्ता जांच और मिलावट नियंत्रण व्यवस्था बेहद ढीली है। उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार चंडीगढ़ खाद्य सुरक्षा मानकों पर सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वालों में शामिल है।
मंत्रालय की ओर से जारी राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक में चंडीगढ़ को संसाधन और निगरानी के लिए केवल दो अंक प्राप्त हुए हैं। इसके मुकाबले पड़ोसी राज्यों पंजाब को सात और हरियाणा को 7.5 अंक मिले हैं। चंडीगढ़ समेत पड़ोसी राज्यों में अच्छे स्वास्थ्य के लिए दूध एवं दुग्ध उत्पादों का सेवन करते हैं, लेकिन इनमें मिलावट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2023-24 में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल व चंडीगढ़ से कुल 11,454 खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए गए। इनमें पंजाब में 6041, हरियाणा में 3485, हिमाचल में 1617 और चंडीगढ़ में 311 सैंपल लिए गए। इनमें से 1653 पंजाब, 935 हरियाणा, 351 हिमाचल और 165 चंडीगढ़ के सैंपलों में मिलावट पाई गई।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की रिपोर्ट (वर्ष 2023-24)
राज्य सैंपल मिलावट नहीं रिवील्ड केस क्रिमिनल केस
पंजाब 6041 3929 1577 76
हरियाणा 3485 2566 818 117
हिमाचल 1617 1266 346 8
चंडीगढ़ 311 217 128 31
मिलावट से किडनी, लिवर फेल होने और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा
आहार विशेषज्ञों के अनुसार मिलावट वाले खाद्य पदार्थों पर गंभीर असर पड़ सकता है। इसमें यूरिया, डिटर्जेंट, स्टार्च, फार्मेलिन और सिंथेटिक पदार्थों की मिलावट से किडनी, लिवर और कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं। जो आगे चलकर जानलेवा भी हो सकती हैं।
लैब में करवा सकते हैं जांच
दूध एवं दुग्ध उत्पादों की जांच के लिए अब फूड सेफ्टी विभाग की लैब में सैंपल जांच की सुविधा उपलब्ध है। कोई भी नागरिक कुछ रुपये देकर जांच करवा सकता है। विभाग के अनुसार, सैंपल में मिलावट पाए जाने पर संबंधित रिपोर्ट दर्ज की जाती है और दोषियों पर कार्रवाई होती है।

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