चंडीगढ़ के लोगों को 31 मई तक जमा करवाना हो हाउस टैक्स, प्रशासन नहीं देगा राहत; निगम ने 50% छूट का प्रस्ताव पास किया
चंडीगढ़ की 11 ईडब्ल्यूएस कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को नगर निगम की तरफ से हाउस टैक्स के नोटिस भेजे गए हैं। करीब 22 हजार लोगों को हाउस टैक्स जमा करन ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर की ईडब्ल्यूएस कॉलोनियों में रहने वाले लोगों हर हाल में हाउस टैक्स जमा करवाना होगा। नगर निगम की सदन की बैठक में यह प्रस्ताव पास कर भेजा था कि ईडब्ल्यूएस कालोनी के लोगों से जो हाउस टैक्स चार्ज किया जा रहा है उसमें 50 फीसद किया जाए लेकिन इस प्रस्ताव पर प्रशासन की मंजूरी जरूरी थी। प्रशासन के अधिकारी इस प्रस्ताव पर मंजूरी देने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में लोगों को पूरा हाउस टैक्स जमा करवाना होगा। बता दें कि शहर की 11 ईडब्ल्यूएस कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को नगर निगम की तरफ से हाउस टैक्स के नोटिस भेजे गए हैं।
चंडीगढ़ नगर निगम की तरफ से मौजूदा वित्तीय सत्र के अलावा पिछले 3 साल का भी प्रॉपर्टी टैक्स मांगा जा रहा है। इस संबंध में 22000 लोगों हाउस टैक्स के नोटिस भेजे गए हैं। इस कारण नगर निगम के प्रति लोगों का रोष बढ़ता जा रहा है। नगर निगम के अनुसार 55 गज से ऊपर के मकानों पर प्रॉपर्टी टैक्स लगता है। जबकि लोगों का कहना है कि उनके मकान 55 गज से कम हैं। नगर निगम ने इस समय सेल्फ असेसमेंट स्कीम लागू की है, जो कि 31 मई तक जारी रहेगी। 31 मई तक प्रापर्टी टैक्स जमा कराने वालों को 10 फीसद और हाउस टैक्स जमा कराने वालों को 20 फीसद छूट दी रही है।
धनास हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के प्रधान सुखदेव सिंह का कहना है कि ईडब्ल्यूएस कॉलोनी में गरीब लोग रहते हैं। उनसे प्रॉपर्टी टैक्स लेना नाजायज है। महंगाई काफी बढ़ गई है। नगर निगम ने शहर में पानी के रेट भी बढ़ा दिए हैं और अब गार्बेज कलेक्शन चार्जेस भी 5 फीसद बढ़ा दिए गए हैं। कई लोगों ने अभी तक अपने घर का हाउस टैक्स जमा नहीं करवाया है। उन्हें लगता है कि प्रशासन 50 फीसद की छूट देगा, लेकिन प्रशासन यह राहत देने के लिए तैयार नहीं है।
नगर निगम ने इस बार प्रापर्टी और हाउस टैक्स से 75 करोड रुपये की कमाई करने का टारगेट रखा है। एक जून से प्रापर्टी और हाउस टैक्स महंगा हो जाएगा। क्योंकि 25 फीसद जुर्माना और 12 फीसद ब्याज भी लोगों को अदा करना पड़ेगा। नगर निगम ने एक अप्रैल से पहली बार ईडब्ल्यूएस कॉलोनियों में हाउस टैक्स लगाया है। इसके साथ-साथ गांव की कमर्शियल प्रॉपर्टी पर भी टैक्स लगाया है। इस कारण गांव के लोगों में भी रोष बढ़ रहा है।
अकाली दल के अध्यक्ष प्रदीप सिंह का कहना है कि जब तक गांव का विकास शहर के बराबर नहीं हो जाता तब तक यहां पर प्रॉपर्टी टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए। इस माह होने वाली सदन की बैठक में एक बार फिर से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के पार्षद ईडब्ल्यूएस कालोनियों में लगाए गए हाउस टैक्स के मामले पर हंगामा करेंगे। उनका कहना है कि भाजपा शासित नगर निगम दिन प्रतिदिन लोगों पर नए-नए टैक्स लगा रहा है। वहीं अब नगर निगम ने दूसरे राज्यों से आने वाले कमर्शियल वाहनों पर भी एंट्री टैक्स लगाने का प्रस्ताव तैयार किया है, जिसके लिए अधिकारी पॉलसी तैयार कर रहे हैं।

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