एक लाख लेकर बुरे फंसे चंडीगढ़ इस्टेट ऑफिस का क्लर्क और बिचौलिया, सीबीआई विशेष अदालत ने भी दिखाया कड़ा रुख
चंडीगढ़ में सीबीआई की विशेष अदालत ने इस्टेट ऑफिस के क्लर्क संजीव कुमार और बिचौलिये सतपाल सिसोदिया के खिलाफ रिश्वत लेने के आरोप में मुकदमा चलाने का आदेश दिया है। दोनों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए हैं। मामले की सुनवाई दिसंबर महीने से शुरू होगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। एक लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए इस्टेट आफिस के क्लर्क संजीव कुमार और बिचौलिये सतपाल सिसोदिया के खिलाफ प्रिवेंशन आफ करप्शन एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा चलेगा। सीबीआई की विशेष अदालत ने दाेनों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। केस की सुनवाई एक दिसंबर से शुरू होगी।
सीबीआई ने बापूधाम निवासी नारायण स्वामी की शिकायत पर क्लर्क और बिचौलिये को पिछले साल गिरफ्तार किया था। स्वामी ने सीबीआई को दी शिकायत में बताया था कि वह करीब 40 साल से अपनी नानी के मकान में रहते हैं। इस मकान को लेकर उसके पिता ने कोर्ट में केस किया था, जिसमें वर्ष 2006 और 2013 में उनके पक्ष में फैसला हुआ।
उनका काशिलिंगम नाम के व्यक्ति के साथ इस मकान के मालिकाना हक को लेकर विवाद चल रहा था। नौ अक्तूबर 2024 को सतपाल सिसोदिया नाम का एक व्यक्ति उनके घर आया और खुद को इस्टेट ऑफिस का कर्मचारी बताया। उसने उन्हें धमकी दी थी कि वह अवैध रूप से इस मकान में रह रहे हैं और यह मकान काशिलिंगम का है।
सतपाल ने इस विवाद को सुलझाने के लिए उनसे ढाई लाख रुपये मांगे। उसने यह रकम इस्टेट ऑफिस की कालोनी ब्रांच में कार्यरत क्लर्क संजीव कुमार के नाम पर मांगी। ईधर, स्वामी ने इस बारे में सीबीआई को सूचना दे दी।
सीबीआई ने फिर आरोपितों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। 14 अक्तूबर 2024 को सतपाल ढाई लाख में से पहली किस्त के एक लाख रुपये लेने बापूधाम कालोनी आया। वहां सीबीआई की टीम पहले से मौजूद थी और उन्होंने सतपाल को गिरफ्तार कर लिया। बाद में संजीव कुमार को भी गिरफ्तार कर लिया गया ।
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