Move to Jagran APP

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 1350 पद खाली, खानापूर्ती के लिए ज्वाइन करेंगे 7 एनटीटी

चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में 10 जनवरी यानि सोमवार को नए सात शिक्षक ज्वाइन कर रहे हैं। यह शिक्षक एनटीटी हैं जो कल ज्वाइन कर रहे हैं। इसे विभाग की तरफ से खानापूर्ती ही कहा जा सकता है। क्योंकि विभाग के पास 1350 पद अभी खाली पड़े हैं।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Sun, 09 Jan 2022 01:45 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jan 2022 01:45 PM (IST)
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग में शिक्षकों के 1350 पद खाली, खानापूर्ती के लिए ज्वाइन करेंगे 7 एनटीटी
चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के पास शिक्षकों की कमी बहुत पहले से चल रही है।

सुमेश ठाकुर, चंडीगढ़। चंडीगढ़ के सरकारी स्कूलों में 10 जनवरी यानि सोमवार को नए सात शिक्षक ज्वाइन कर रहे हैं। यह शिक्षक एनटीटी हैं, जो कल ज्वाइन कर रहे हैं। इसे विभाग की तरफ से खानापूर्ती ही कहा जा सकता है। क्योंकि विभाग के पास 1350 पद अभी खाली पड़े हैं। नवंबर 2019 में शिक्षा विभाग द्वारा निकाली गई 131 पदों पर नर्सरी टीचर्स की भर्ती में से सात शिक्षकों को विभाग ने मंजूरी दे दी है। मंजूरी मिलने के बाद शिक्षक सोमवार को शहर के विभिन्न सरकारी स्कूलों में ज्वाइन करेंगे। इसके बाद विभाग के पास नर्सरी टीचर्स की संख्या 100 हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि विभाग के पास सात हजार स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए विभाग के पास 93 नर्सरी टीचर हैं।

loksabha election banner

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने भले ही सात शिक्षकों की भर्ती को मंजूरी दी है, लेकिन नवंबर 2021 में नर्सरी क्लास एडमिशन के लिए आठ हजार सीट पर एडमिशन की प्लानिंग थी। जिसे न्यू एजुकेशन पालिसी के तहत चलाना मुश्किल हो जाएगा। न्यू एजुकेशन पालिसी के मुताबिक नर्सरी के 25 स्टूडेंट्स पर एक शिक्षक होना अनिवार्य है। यदि चंडीगढ़ शिक्षा विभाग ने अप्रैल 2022 में न्यू एजुकेशन पालिसी के अनुसार पढ़ाई शुरू करेगा तो विभाग के पास 2000 अध्यापक होने चाहिए, जो कि विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।  

विभाग के पास खाली है 1350 से ज्यादा पद

चंडीगढ़ शिक्षा विभाग के पास इस समय नर्सरी से लेकर जेबीटी, एनटीटी और पीजीटी के 1350 शिक्षकों की कमी है। ऐसे में कोरोना महामारी के बाद यदि सभी क्लासें आफलाइन लगना शुरू होती है तो स्टूडेंट्स को पढ़ाना मुश्किल होगा।

नियमों में उलझ कर फंसी थी भर्ती

नवंबर 2019 में शुरू की गई भर्ती प्रक्रिया नियमों में उलझ कर रह गई थी। विभाग ने जब भर्ती की पब्लिक नोटिफिकेशन की ताे आवेदकों से नर्सरी टीचर का डिप्लोमा मांगा। वर्ष 2017 में नर्सरी टीचर डिप्लोमा एक साल का था और उसके बाद दो साल का हो गया। विभाग द्वारा जारी किए गए पब्लिक नोटिफिकेशन में साफ नहीं था कि वह डिप्लोमा कितने समय का होगा। लिखित परीक्षा के बाद विभाग ने कहा कि दो वर्ष का नर्सरी डिप्लोमा करने वाले और कंप्यूटर कोर्स में डिप्लोमा या डिग्री धारक ही नौकरी के लिए योग्य हैं। विभाग के फैसले के बाद आवेदकों ने कैट की शरण ली जहां पर मामला अभी तक लंबित है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.