Chandigarh: 1.72 एकड़ जमीन पर बनेगा ईडी का दफ्तर, 220 लोगों के स्टाफ के लिए बनेगी कॉलोनी
इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट का नार्दन रीजनल ऑफिस चंडीगढ़ में बनेगा जिसके लिए यूटी प्रशासन ने 1.72 एकड़ जमीन सेक्टर 38 वेस्ट में लेबर ब्यूरो और गुरुद्वार ...और पढ़ें

इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) का नार्दन रीजनल ऑफिस चंडीगढ़ में बनेगा जिसके लिए यूटी प्रशासन ने 1.72 एकड़ जमीन सेक्टर 38 वेस्ट में लेबर ब्यूरो और गुरुद्वारा संतसर साहेब के बीच अलाट कर दी है। इस दफ्तर को बनाने में 59.13 करोड़ रुपए का खर्च आएगा जिसकी सेंक्शन जारी कर दी गई है।
यही नहीं, इस दफ्तर में 220 अधिकारी और कर्मचारी काम करेंगे जिसके लिए आवासीय कॉलोनी बनाने या अतिरिक्त मकान अलॉट करने के लिए भी यूटी प्रशासन को लिखा गया है।
उत्तरी जोन का सबसे बड़ा दफ्तर होगा
काबिले गौर है कि इस समय ईडी का एक दफ्तर जालंधर में पहले से ही काम कर रहा है, लेकिन यह दफ्तर उत्तरी जोन का सबसे बड़ा दफ्तर होगा। इस समय अस्थायी तौर पर निदेशालय ने काम करना शुरू कर दिया है और चंडीगढ़ के सेक्टर 18 की प्रेस बिल्डिंग से काम किया जा रहा है।
छह महीने पहले दफ्तर बनाने की मांग उठी थी
काबिले गौर है कि अपराध का स्वरूप जिस प्रकार से बदल रहा है और हवाला व ड्रग मनी का इसमें हाथ बढ़ता जा रहा है उसको लेकर प्रवर्तन निदेशालय की गतिविधियां भी पिछले कुछ सालों से बढ़ी हैं, लेकिन उनके पास उत्तर क्षेत्र में अपना कोई बड़ा दफ्तर न होने के कारण इन गतिविधियों को ज्यादातर दिल्ली से ही चलाया जा रहा था या फिर जालंधर स्थित छोटे से दफ्तर से चलाया जा रहा था।
छह महीने पहले ही यह मांग उठी थी कि ईडी का दफ्तर चंडीगढ़ में स्थापित करने के लिए प्रशासन उन्हें जगह मुहैया करवाए। एस्टेट ऑफिस चंडीगढ़ ने अगस्त महीने में सेक्टर 38 वेस्ट के पास 1.72 एकड़ जमीन की सिफारिश की जिसे प्रशासन ने स्वीकार कर लिया है।
आवासीय कालोनी के लिए भी मांगी जमीन
ईडी के स्पेशल डायरेक्टर एस. रविचंद्रन ने यूटी प्रशासन के सलाहकार को पत्र लिखकर कहा है कि नए ऑफिस के लिए 220 लोगों का स्टाफ होगा इनमें से काफी नई भर्ती भी की जा रही है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के पास इतने फ्लैट नहीं हैं कि इन सभी को वहां फ्लैट अलाट किए जा सकें इसलिए या तो इन कर्मचारियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कर दी जाए या फिर इनके लिए नई आवासीय कालोनी बनाने के लिए जमीन अलाट कर दी जाए। निदेशालय ने इनके लिए 14890 स्क्वायर मीटर रकबे की मांग की है।

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