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    भारत से प्रतिबंधित केमिकल विदेशों में करते थे सप्लाई, चंडीगढ़ में पकड़े तस्करों के खिलाफ ईडी ने दाखिल की चार्जशीट

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Sat, 13 Dec 2025 01:29 PM (IST)

    प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने प्रतिबंधित केमिकल एफिड्रिन की तस्करी के आरोप में तीन आरोपितों के खिलाफ चंडीगढ़ जिला अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। चेन्नई क ...और पढ़ें

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    प्रतिबंधित केमिकल से काफी काला धन इकट्‌ठा किया था, जिसकी ईडी ने जांच की।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। प्रतिबंधित केमिकल एफिड्रिन को गैरकानूनी तरीके से ऑस्ट्रेलिया में तस्करी करने के आरोप में पकड़े गए तीन आरोपितों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चंडीगढ़ जिला अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है।

    आरोपितों में चेन्नई निवासी 36 वर्षीय एस. अशफाक रहमान, 41 वर्षीय विजया कुमार और 28 वर्षीय एन.जफर शरीफ शामिल हैं। चेन्नई के इस गिरोह को चार साल पहले चंडीगढ़ पुलिस ने पकड़ा था।

    तब इन्हें कोकीन की तस्करी के शक में गिरफ्तार किया गया था। फिर पुलिस से मामला नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पास चला गया। पिछले साल ईडी ने भी इस मामले में मनी लाॅन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी थी।

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    प्रतिबंधित केमिकल से काफी काला धन इकट्‌ठा किया

    केस के मुताबिक आरोपितों ने प्रतिबंधित केमिकल से काफी काला धन इकट्‌ठा किया था, जिसकी ईडी ने जांच की। इसी काले धन से बनाई गई संपत्तियों की भी ईडी जांच कर रही है। मई 2021 में चंडीगढ़ पुलिस ने नशा तस्करी के एक बड़े गिरोह को पकड़ा था।

    उनसे पुलिस को 10 किलो नशीला पदार्थ बरामद हुआ था, जिसे पुलिस ने प्राथमिक जांच के दौरान कोकीन बताया था जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 100 करोड़ रुपये बताई जा रही थी।

    हालांकि एनसीबी की जांच में ये स्पष्ट हो गया था कि यह कोकीन नहीं बल्कि एक तरह का कैमिकल था जिसे एफिड्रिन कहा जाता है। आरोपित इस कैमिकल को गैरकानूनी ढंग से ऑस्ट्रेलिया में एक्सपोर्ट कर रहे थे।

    पुराने फोन बेचने वाला दुकानदार बना केमिकल एक्सपोर्टर

    यह मामला नशा तस्करी के साथ-साथ गैरकानूनी ढंग से कैमिकल एक्सपोर्ट से भी जुड़ा था। एनसीबी की जांच के मुताबिक आरोपित जफर चेन्नई के बर्मा बाजार में पुराने फोन खरीदने-बेचने का काम करता था। 2019 में उसकी मुलाकात सिंकदर अली नाम के शख्स से हुई जो उसे फोन बेचने आया था।

    सिंकदर ने बताया कि वह आस्ट्रेलिया में केमिकल एक्सपोर्ट करता है। यह काम गैरकानूनी तो है लेकिन कमाई खूब है। जफर भी इस काम में जुड़ गया। इसी तरह अशफाक और विजय भी इस गिराेह का हिस्सा बन गए। अशफाक चेन्नई में छोटा-मोटा कारोबार करता था लेकिन सफल नहीं हो रहा था। विजय मुंबई में जेमस्टोन बेचता था। यहीं से उन्होंने केमिकल एक्सपोर्टर बनने के लिए योजना बनाई और चंडीगढ़ को बेहतर जगह के तौर पर चुना।

    एक किलो केमिकल के एक्सपोर्ट पर मिलने थे 40 हजार रुपये

    एनसीबी की जांच में सामने आया कि आरोपितों को एक किलो केमिकल एक्सपोर्ट करने पर 40 हजार रुपये मिलने थे। तीनों आरोपित ट्रेन से चंडीगढ़ पहुंचे और यहां नकली आइडी देकर सेक्टर-26 के सत्संग भवन में ठहरे।

    फिर उन्होंने एक कुरियर कंपनी से केमिकल को ऑस्ट्रेलिया में भेजने की बात की, लेकिन कुरियर कंपनी को शक हुआ और उन्होंने पुलिस को शिकायत दे दी। पुलिस ने फिर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। वह बर्तनों के डिब्बों में इस केमिकल को छिपा कर ऑस्ट्रेलिया भेज रहे थे।