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    Chandigarh: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट एक महीने तक रहेगा बंद, अब पुलिस लेगी प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा पर फैसला

    By Jagran NewsEdited By: Himani Sharma
    Updated: Sat, 03 Jun 2023 03:14 PM (IST)

    Chandigarh News हाई कोर्ट ने हरियाणा पंजाब और चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशकों को आदेश जारी किए हैं। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले या बिना तलाक के दोबारा शादी करने वाले व्यक्तियों द्वारा सुरक्षा की मांग को लेकर हाई कोर्ट में काफी संख्या में याचिका दायर हो रही हैं।

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    एक महीने तक बंद रहेगा हाई कोर्ट, अब पुलिस लेगी प्रेमी जोड़ों की सुरक्षा पर फैसला

    दयानंद शर्मा, चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट सोमवार से लगभग एक महीने तक बंद रहेगा। इसलिए हाई कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के पुलिस अधिकारियों से प्रेमी जोड़ों के मामलों की जांच करने के लिए कहा है, जो सुरक्षा के लिए अधिकारियों से संपर्क करते हैं। कोर्ट ने दोनों राज्यों व चंडीगढ़ के पुलिस प्रमुख को आदेश दिए हैं कि वे जरूरत पड़ने पर प्रेमी जोड़ों को सुरक्षा भी प्रदान करें।

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    कोर्ट ने कहा कि चूंकि हाई कोर्ट गर्मी की छुट्टियों के कारण लंबे समय तक बंद रहेगा, किसी भी पक्ष के अधिकारों या कर्तव्यों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, एक अंतरिम उपाय के रूप में, यह कोर्ट राज्यों में संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देश जारी करना उचित समझता है। हाई कोर्ट के जस्टिस संजय वशिष्ठ ने रनवे कपल्स की तरफ से दायर संरक्षण याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिए हैं।

    प्रेमी जोड़ों ने हाई कोर्ट में सुरक्षा को लेकर दी याचिका

    संरक्षण याचिकाओं के इस समूह में, याचिकाकर्ताओं ने अपने रिश्तेदारों/परिवार के सदस्यों के हाथों अपने जीवन और स्वतंत्रता के लिए खतरे की आशंका जताते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले या बिना तलाक के दोबारा शादी करने वाले व्यक्तियों द्वारा सुरक्षा की मांग को लेकर हाई कोर्ट में काफी संख्या में याचिका दायर हो रही हैं। जस्टिस संजय वशिष्ठ ने सभी याचिकाओं को एक साथ सुनने का निर्णय लिया था।

    ठोस कानून न होने के चलते काफी केस बढ़ रहे

    जस्टिस संजय वशिष्ठ ने यह स्पष्ट किया कि इस मुद्दे पर कोई ठोस कानून न होने के चलते काफी केस बढ़ रहे है। खंडपीठ इस बात पर भी विचार करेगी कि क्या इस तरह के निर्देश सामाजिक संरचना और भविष्य की पीढ़ी की स्थिति को जटिल करेंगे, कोर्ट के आदेश से सामाजिक ताना-बाना तो नहीं बिगड़ रहा या कहीं विवाहेतर संबंधों की प्रवृत्ति को बढ़ावा तो नहीं मिल रहा। जस्टिस वशिष्ठ ने कहा कि सभी हितधारकों को विस्तार से सुनने के बाद कम से कम सात बिंदु को तैयार किया गया है।

    स्थिति रिपोर्ट रजिस्ट्री में कर सकते हैं दायर

    गर्मी की छुट्टियों के दौरान मामले में सुनवाई न होने के चलते कोर्ट ने सरकार या याची पक्ष को कहा कि वो इस मामले में स्थिति रिपोर्ट रजिस्ट्री में दायर कर सकते हैं। इन आदेशों के साथ, रनवे कपल जिन्होंने अपने परिवारों / रिश्तेदारों की मर्जी के खिलाफ शादी की है और अपने जीवन और स्वतंत्रता के लिए खतरे की आशंका जता रहे हैं, उन्हें अपने क्षेत्र के एसएसपी या स्थानीय पुलिस से संपर्क कर अपने जीवन की सुरक्षा की मांग करनी होगी। उनका अभ्यावेदन प्राप्त होने पर संबंधित पुलिस अधिकारियों को ऐसे जोड़ों की सुरक्षा पर निर्णय लेना होता है।