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    चंडीगढ़ में पड़ोसी के कुत्ते ने महिला को काटा, Court ने सुनाया एक लाख मुआवजे का फैसला, 30 हजार इलाज खर्च भी

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Mon, 22 Dec 2025 06:36 PM (IST)

    चंडीगढ़ में एक पड़ोसी के कुत्ते द्वारा महिला को काटे जाने के मामले में कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने महिला को एक लाख रुपये का मुआवजा औ ...और पढ़ें

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    शहर में बढ़ रहे आवारा कुत्तों की संख्या, पालतू कुत्तों को भी ध्यान से नहीं रखते लोग।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पड़ाेसी के कुत्ते के काटने पर जिला अदालत ने एक पीड़ित महिला को एक लाख रुपये मुआवजा दिए जाने का फैसला सुनाया है। इसके अलावा उसके इलाज पर खर्च हुए 30 हजार रुपये भी नौ प्रतिशत ब्याज के साथ अदा करने के निर्देश दिए हैं। मुआवजे और इलाज के खर्च की रकम कुत्ते के मालिक को भरने के लिए कहा गया है। यह फैसला पालतू जानवरों के मालिकों की जिम्मेदारी में एक महत्वपूर्ण उदाहरण है

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    पांच साल पहले सेक्टर-49 स्थित निर्वाणा सोसायटी की रहने वाली डाॅ.भूमिका गुप्ता ने अपने पड़ोसी मनपाल सेतिया और उनकी पत्नी दिव्या सेतिया के खिलाफ चंडीगढ़ जिला अदालत में सिविल केस दायर किया था।

    उनका आरोप था कि मनपाल और दिव्या के कुत्ते ने उन पर हमला किया और उनके माथे और सिर पर काट लिया था। यह हादसा मालिक की लापरवाही के कारण हुआ था। इसलिए उन्होंने अदालत से मुआवजे और इलाज के खर्च के लिए याचिका दायर की थी।

    बिना चेन छत पर घूम रहे थे कुत्ते, वहीं किया हमला

    डाॅ. भूमिका की ओर से एडवोकेट इंद्रजीत सिंह ने केस दायर किया। उन्होंने बताया कि 18 जनवरी 2020 को डाॅ.भूमिका धूले हुए कपड़े उतारने के लिए छत पर गई थी। वहां उनकी पड़ोसन दिव्या के पांच पालतू कुत्ते छत पर बिना जंजीर के खुले घूम रहे थे।

    उन्होंने दिव्या से कहा कि उन्हें कुत्तों से डर लग रहा है। जिस पर तीन कुत्ते तो उसने बांध लिए जबकि दो फिर भी खुले ही थे। अचानक एक कुत्ते ने उन पर हमला कर दिया। कुत्ते ने उनके माथे और सिर पर काट लिया। हमला इतना खतरनाक था कि उनके चेहरे से खून बहने लगा। उन्होंने किसी तरह अपनी जान बचाई और छत से नीचे आई।

    शोर सुनकर वहां पड़ोसी भी जमा हो गए। उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया जहां उनके इलाज पर 30 हजार रुपये खर्च हुआ। कुत्ते के काटने से उनके चेहरे पर जो दाग लगे उनसे उन्हें मानसिक और सामाजिक नुकसान झेलना पड़ा। वहीं, पड़ोसियों ने इलाज के खर्च का भुगतान करने का आश्वासन दिया, जिस कारण इस घटना के बारे में पुलिस को शिकायत नहीं दी।

    पड़ोसियों ने अदालत में दी यह दलीलें

    पड़ोसियों ने अदालत में जवाब दिया कि उन पर लगाए आरोप झूठे और बेबुनियादी थे। उनका कहना था कि उन्होंने चंडीगढ़ पेट डाग्स बायलाज, 2010 का पूरी तरह पालन किया और उनके पास केवल दो लाइसेंसी व वैक्सीनेटेड कुत्ते थे। घटना वाले दिन दोनों कुत्ते जंजीर से बंधे थे। पीड़िता ने छत पर कुत्तों को डंडा दिखाकर उकसाया जिससे वह भौंकने लगे।

    तभी छत पर रखी एक पाइप में उनका पैर फंस ीऔर वह जमीन पर गिर गई। इससे उन्हें चोट लग गई। उन्होंने खुद ही पीड़िता काे अस्पताल भी पहुंचाया। उन्होंने कुत्ते के काटने की घटना से इनकार करते हुए कहा कि यदि ऐसा होता तो मेडिकल लीगल रिपोर्ट कराना अनिवार्य था, जोकि नहीं थी। इसलिए उन्होंने याचिका को खारिज करने की मांग की। हालांकि उनकी इन दलीलों को अदालत ने नहीं माना और पीड़िता के हक में फैसला सुनाया।