Chandigarh Crime: 50 से अधिक छात्राओं की अश्लील फोटो वायरल, 24 घंटे में पुलिस के हत्थे चढ़ा नाबालिग आरोपी
छात्राओं की फोटो वायरल (Chandigarh Students Photos Viral) करने के मामले में पुलिस अब उस स्नैपचैट आईडी के बारे में जानकारी जुटा रही है जिसके जरिये इसे वायरल किया गया। इस संबंध में चंडीगढ़ पुलिस (Chandigarh Police) ने स्नैपचैट की अथॉरिटी से संबंधित आईडी की डिटेल मांगी थी। इस पर स्नैपचैट की ओर से सवाल किया गया है कि पुलिस को कब से कब तक की डिटेल चाहिए।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ । Chandigarh Crime: शहर के नामी निजी स्कूल छात्राओं की आपत्तिजनक फोटो वायरल (Female Student Photos Viral) करने के मामले में चंडीगढ़ पुलिस (Chandigarh Police) ने एक नाबालिग को हिरासत में लिया है। उसे जुवनाइल जस्टिस बोर्ड में पेश करने के बाद बाल सुधार गृह भेजा गया। पुलिस ने फोन कब्जे में लेकर सीएफएसएल जांच को भेजा है।
मामले में केस दर्ज होने के बाद एसपी साइबर केतन बंसल के निर्देशानुसार डीएसपी वेंकटेश और इंस्पेक्टर रंजीत सिंह के सुपरविजन में टीम गठित की गई। इन्हीं को वारदात में उपयोग स्नैपचैट आईडी के आईपी एड्रेस की जांच के आधार पर आरोपित की जानकारी मिली है।
फर्जी बनाई थी स्नैपचैट आईडी
पुलिस ने आपत्तिजनक फोटो इंटरनेट मीडिया से हटवा दिया है। वहीं पुलिस की जांच में सामने आया कि वारदात में उपयोग स्नैपचैट आईडी किसी ने फर्जी बनाई थी। मामले की जांच जारी है। बता दें कि इस संबंध में चंडीगढ़ पुलिस ने स्नैपचैट की अथॉरिटी से संबंधित आईडी की डिटेल मांगी थी। इस पर स्नैपचैट की ओर से सवाल किया गया है कि पुलिस को कब से कब तक की डिटेल चाहिए।
50 से ज्यादा छात्राओं की फोटोज के साथ हुई छेड़छाड़
इस बीच पुलिस ने एक संदिग्ध छात्र से पूछताछ की है। इसके अलावा स्कूल के अन्य छात्र-छात्राओं से भी पूछताछ की गई है। मामला शहर के एक निजी स्कूल का है। स्कूल के पोर्टल से डाउनलोड कर 50 से ज्यादा छात्राओं की फोटो से पहले छेड़छाड़ की गई थी। इसके बाद इन फोटो को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कर दिया गया। बुधवार को मामला सामने आने पर छात्राओं के स्वजन ने एसएसपी से मुलाकात कर शिकायत देते हुए कार्रवाई की मांग की थी।
स्कूल के आधिकारिक पोर्टल से डाउनलोड की गई फोटोज
स्वजन की शिकायत पर मामले में सेक्टर-11 थाने में आईपीसी की धारा 67 ए आईटी एक्ट और 13 पोक्सो के तहत अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने 12 अक्टूबर को इस मामले को उजागर किया। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यह तस्वीरें स्कूल के आधिकारिक पोर्टल से डाउनलोड की गई थी। इसके बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक के जरिये तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें स्नैपचैट पर प्रसारित कर दिया गया। मामला पुलिस के संज्ञान में आने के बाद अब संबंधित आईडी को बंद कर दिया गया है।
अन्य छात्र-छात्राएं भी संदेह के घेरे में
पुलिस ने एक संदिग्ध छात्र से भी पूछताछ की है। बाद में उसे भी जाने दिया गया। सूत्रों के अनुसार जिस स्नैपचैट आईडी पर छात्राओं की फोटो प्रसारित की गई, उस आइडी को कुछ समय से स्कूल के सीनियर चला रहे थे। उस पर तमाम छात्र आपसी बातचीत करने के साथ अपनी छोटी-बड़ी गलतियां लिखकर स्वीकार करते थे। उधर, इस प्रकरण से छात्राओं और अभिभावकों में रोष है। पोर्टल से जुड़ा स्कूल स्टाफ और अन्य छात्र-छात्राएं भी संदेह के घेरे में हैं। पुलिस स्कूल का पोर्टल हैक करने की भी जांच कर रही है।
यह है मामला
पुलिस को दी गई शिकायत के अनुसार नौ अक्टूबर को दो छात्राओं के अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन को मामले की जानकारी दी थी। 10 अक्टूबर को पिता को इसकी जानकारी तब मिली जब उन्होंने स्कूल के बाहर मौजूद अपनी बेटी को रोता देखा। इस पर पिता ने मौके पर पीसीआर और चौकी पुलिस बुला लिया। दोपहर में सभी अभिभावक एकत्र होकर एसएसपी कंवरदीप कौर से मिले और लिखित शिकायत दी। मामले की गंभीरता के मद्देनजर देर रात संबंधित थाना पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया।
प्रिंसिपल ने तोड़ी चुप्पी, बोले- प्रकरण में स्कूल का हाथ नहीं
मामले में वीरवार को स्कूल प्रिंसिपल ने भी चुप्पी तोड़ी। कहा कि इस प्रकरण में स्कूल का कोई हाथ नहीं है। उन्होंने स्कूल के विद्यार्थियों और स्टाफ का बचाव किया। कहा कि स्कूल में साइबर अपराध से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। स्कूल में इस प्रकार की हरकत संभव नहीं है। छात्राओं की जो फोटो वायरल हो रही है वह स्कूल परिसर की नहीं है। प्रिंसिपल ने कहा कि जांच में पुलिस और अभिभावकों का पूरा सहयोग किया जा रहा है।
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