नकली मेजर की गिरफ्तारी से आरोपों में चंडीगढ़ क्राइम ब्रांच, केस ट्रांसफर पर डीजीपी से रिपोर्ट तलब
चंडीगढ़ में एक महिला कांस्टेबल से ठगी के आरोप में गिरफ्तार नकली मेजर ने क्राइम ब्रांच पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक इंस्पेक्टर की मिलीभगत बताई जा रही है। इस कारण मामले को दूसरे थाने में स्थानांतरित किया जा सकता है। इस संबंध में जिला अदालत ने डीजीपी से रिपोर्ट तलब कर ली है।

रवि अटवाल, चंडीगढ़। महिला कांस्टेबल से पांच लाख रुपये की ठगी के मामले में गिरफ्तार नकली मेजर को रिमांड पर लेने की क्राइम ब्रांच की अर्जी जिला अदालत ने खारिज कर दी। इसके साथ ही खुद क्राइम ब्रांच के आरोपों के घेरे में आने से इस मामले की जांच भी क्राइम ब्रांच से किसी दूसरे थाने को ट्रांसफर करने को लेकर डीजीपी से रिपोर्ट मांग ली गई है।
पिछले महीने क्राइम ब्रांच की टीम ने एक शातिर ठग को गिरफ्तार किया था जाे खुद को आर्मी का मेजर बताता था। वह सेना की वर्दी पहनकर चंडीगढ़ पुलिस के थानों और विशेषकर क्राइम ब्रांच में घूमता रहता था। उसकी असलियत तब सामने आई जब उस पर एक महिला कांस्टेबल ने पांच लाख रुपये की ठगी के आरोप लगाए।
वीरवार को मामले की सुनवाई जिला अदालत में थी। क्राइम ब्रांच ने आरोपित पिथौरागढ़, उत्तराखंड निवासी गणेश भट्ट से पूछताछ के लिए अदालत से सात दिनों का रिमांड मांगा। अदालत ने क्राइम ब्रांच की अर्जी खारिज कर दी।
साथ ही डीजीपी से रिपोर्ट भी मांग ली और पूछा कि क्या इस मामले को किसी और थाने में ट्रांसफर किया जा सकता है। कारण ये है कि एक तो महिला कांस्टेबल से ठगी में क्राइम ब्रांच के ही एक इंस्पेक्टर पर आरोप हैं। दूसरा, आरोपित ने भी पुलिस पर थर्ड डिग्री टार्चर करने और मारपीट के आरोप लगाए हैं।
आरोपित का यह भी कहना है कि क्राइम ब्रांच के कुछ पुलिस अधिकारियों ने निजी रंजिश में उस पर तीन महीने पहले पंचकूला में हमला किया था। उसकी गाड़ी के शीशे तोड़े थे और उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी दी थी। इस संंबंध में उसने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर दी थी जोकि अभी लंबित है। इस याचिका पर हाईकोर्ट ने डीजीपी, हरियाणा से जवाब मांगा था।
वर्दी बरामद करने जयपुर जाना था...
जांच अधिकारी ने जिला अदालत में कहा कि मामले की जांच के लिए आरोपित को जयपुर ले जाना है जहां से उसकी आर्मी की यूनिफार्म बरामद की जानी है। इसके अलावा उसका मोबाइल भी बरामद करना है जोकि गुरुग्राम हैं। उसके बैंक अकाउंट्स, आदि भी जांच की जानी है।
वहीं, आरोपित के वकील निखिल के.वशिष्ट ने अदालत में कहा कि उसे झूठे केस में फंसाया जा रहा है। पुलिस झूठी कहानी बनाकर आरोपित का रिमांड हासिल करना चाहती है। पहले भी उसके साथ हिरासत में खूब मारपीट की गई थी।
यह है मामला
सेक्टर-11 पुलिस थाने में तैनात एक महिला कांस्टेबल ने आरोप लगाया था कि गणेश भट्ट ने उसके एक रिश्तेदार को नौकरी लगवाने के नाम पर उससे पांच लाख रुपये ले लिए। दरअसल, भट्ट की चंडीगढ़ पुलिस के एक इंस्पेक्टर के साथ अच्छी दोस्ती थी।
वह अक्सर आर्मी की वर्दी पहनकर थाने में आता रहता था और पुलिसकर्मी उसे सैल्यूट भी करते थे। शिकायतकर्ता महिला कांस्टेबल भी उसकी चालबाजी का शिकार हो गई। उसकी शिकायत के बाद पुलिस को भट्ट की असलियत का पता चला और पिछले महीने उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
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