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    भगोड़े बलराज के लिए दो थानों की अलग-अलग रिपोर्ट, उलझन में Court, हिमाचल के पूर्व CM के भतीजे की हत्या का मामला

    By Ravi Atwal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 07:10 PM (IST)

    आकांक्ष सेन हत्याकांड में भगोड़े बलराज रंधावा की गिरफ्तारी को लेकर दो थानों की विरोधाभासी रिपोर्ट ने अदालत को उलझन में डाल दिया है। सेक्टर-3 थाने ने अ ...और पढ़ें

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    आकांक्ष सेन की हत्या केस में बलराज रंधावा को चंडीगढ़ पुलिस आठ साल से ढूंढ रही।

    रवि अटवाल, चंडीगढ़। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह के भतीजे आकांक्ष सेन की हत्या कर फरार हुए आरोपित बलराज रंधावा को आठ साल से चंडीगढ़ पुलिस ढूंढ रही है। हालांकि पुलिस की तमाम कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं।

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    अब चंडीगढ़ पुलिस की एक कार्रवाई ने जिला अदालत को उलझन में डाल दिया है। बलराज रंधावा की गिरफ्तारी के संबंध में दो थानों ने जिला अदालत में एक दूसरे के बिल्कुल उलट रिपोर्ट पेश कर दी।

    सेक्टर-3 पुलिस थाने ने कोर्ट में अनट्रेस रिपोर्ट पेश कर दी और कहा कि रंधावा को पकड़ नहीं पा रहे हैं। इसलिए केस को बंद किया जा रहा है। वहीं, क्राइम ब्रांच ने भी कोर्ट में रिपोर्ट पेश कर दी कि रंधावा को पकड़ने के लिए कनाडा सरकार से बातचीत चल रही है।

    ऐसे में इन विरोधाभासी रिपोर्टों ने कोर्ट को उलझन में डाल दिया। हालांकि जज ने सेक्टर-3 पुलिस थाने की अनट्रेस रिपोर्ट को मंजूर नहीं किया और फाइल वापस जांच अधिकारी को लौटा दी। अदालत ने उन्हें दोबारा जांच करने के आदेश दिए।

    बीएमडब्ल्यू कार से आकांक्ष सेन को कुचल दिया था

    नौ फरवरी 2017 की रात सेक्टर-9 में एक झगड़े के बाद बलराज रंधावा ने अपनी बीएमडब्ल्यू कार से आकांक्ष सेन को कुचल दिया था। इस हमले में उसकी मौत हो गई थी। वारदात के बाद एक आरोपित हरमेहताब उर्फ फरीद तो पकड़ा गया था, जबकि मुख्य आरोपित बलराज रंधावा उसी रात फरार हो गया।

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    आकांक्ष की हत्या के मामले की जांच क्राइम ब्रांच थाना पुलिस कर रही है, जबकि रंधावा को वारदात के दो महीने बाद ही जिला अदालत के आदेश पर भगोड़ा घोषित कर दिया गया था। उस पर आइपीसी की धारा 174ए के तहत एक और एफआईआर दर्ज की गई थी। यह एफआईआर सेक्टर-3 थाना पुलिस ने दर्ज की थी, जिसमें उन्होंने अनट्रेस रिपोर्ट पेश की।

    कनाडा से प्रत्यर्पण की प्रक्रिया केवल कागजों में

    चंडीगढ़ पुलिस ने आरोपित के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू करते हुए केस को कनाडा के डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस को भेजा था, लेकिन दस्तावेजों में आपत्तियों के चलते फाइल वापस भेज दी गई थी। हालांकि पुलिस का कहना है कि कनाडा की ओर से उठाई गई आपत्तियां काफी ज्यादा हैं और उन्हें पूरा करने में कुछ समय लगेगा। इसलिए पुलिस ने अब फाइल लीगल रिमेम्ब्रेंस विभाग को भेज दी है।

    जज ने कहा-हैरानी है फाइल डीएसपी ने मंजूर कैसे की

    सेक्टर-3 थाने में दर्ज केस के जांच अधिकारी ने कहा कि रंधावा के पैतृक गांव सहित उसके संभावित ठिकानों पर कई बार दबिश दी गई, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा। इस पर जज ने कहा कि एक थाना कह रहा है कि हम रंधावा को पकड़ नहीं पा रहे, दूसरा कह रहा है कि हमारे प्रयास जारी हैं।

    हैरानी है कि उक्त अनट्रेस रिपोर्ट को डीएसपी (सेंट्रल) ने स्वीकार भी कर लिया, जबकि इसी को लेकर क्राइम ब्रांच थाने ने बिल्कुल विपरीत रिपोर्ट कोर्ट में पेश की है। ऐसे में जज ने अनट्रेस रिपोर्ट स्वीकार करने से मना कर दिया और फाइल जांच अधिकारी को लौटा दी।