चंडीगढ़ में बिना फायर एनओसी चल रहे क्लब, क्रिसमस और नव वर्ष पर उमड़ेगी भीड़, गोवा जैसा हादसा हुआ तो जिम्मेदार कौन?
चंडीगढ़ में कई क्लब बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं, जिससे क्रिसमस और नए साल के जश्न के दौरान सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है। इन क्लबों में भारी भीड़ उ ...और पढ़ें

क्लबों में औचक निरीक्षण के दौरान मेयर हरप्रीत कौर बबला और निगम अफसर।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। गोवा के नाइट क्लब में शनिवार रात भीषण आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई। इसके लिए क्लब मालिक ही नहीं पूरा सिस्टम जिम्मेदार है। क्योंकि हादसे के बाद फायर सेफ्टी को लेकर सवाल उठे हैं। इसी तरह की लापरवाही चंडीगढ़ में चल रहे नाइट क्लबों में भी बरती जा रही है, जिसका खुलासा वीरवार को मेयर हरप्रीत कौर बबला के नेतृत्व में नगर निगम और फायर विभाग की टीम द्वारा किए गए औचक निरीक्षण में हुआ है।
इस दौरान पता चला कि कई क्लबों के पास बार लाइसेंस तो है, लेकिन अनिवार्य फायर सेफ्टी एनओसी तक नहीं ली गई है। निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि कई क्लब संचालकों ने बिना अनुमति एंट्री-एग्जिट में बदलाव कर लिए हैं। कुछ क्लबों में तो एंट्री और एग्जिट दोनों एक ही स्थान पर पाए गए, जो किसी भी आपात स्थिति में जानलेवा साबित हो सकता है।
क्रिसमस और नव वर्ष पर सेलिब्रेशन के लिए क्लबों में भीड़ उमड़ेगी। कोई हादसा हुआ तो किसकी जिम्मेदारी होगी। हालांकि, परिस्थिति को समझते हुए मेयर और ज्वाॅइंट कमिश्नर कम चीफ फायर ऑफिसर डाॅ. इंदरजीत ने मौके पर ही ऐसे क्लबों को नोटिस जारी कर सात से 21 दिन में सभी फायर सेफ्टी मानकों को पूरा कर एनओसी लेने के निर्देश दिए। साथ ही चेतावनी दी गई कि तय समयसीमा में खामियां दूर न करने पर क्लबों की रिपोर्ट एक्साइज डिपार्टमेंट को भेजी जाएगी, जिससे उनके बार लाइसेंस रद हो सकते हैं।
छोटे प्रतिष्ठान ही नहीं, बल्कि बड़े होटलों में भी लापरवाही
निरीक्षण अभियान के दौरान मेयर हरप्रीत कौर बबला ने स्वयं मौके पर पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था की जांच की। इस दौरान शहर के प्रमुख होटल, क्लब, कैफे, रेस्टोरेंट और व्यावसायिक परिसरों को खंगाला गया।
सेक्टर-26 के कई क्लबों में फायर एनओसी नहीं मिली। केवल छोटे प्रतिष्ठान ही नहीं, बल्कि बड़े होटलों तक में फायर सेफ्टी मानकों की अनदेखी सामने आई, जिस पर अधिकारियों ने नाराजगी जताई।
उपकरण थे, पर काम के नहीं
निरीक्षण के दौरान अग्निशमन यंत्रों की उपलब्धता, उनकी कार्यशीलता, फायर अलार्म सिस्टम, आपातकालीन निकास मार्ग और निकासी संकेतकों की गहन जांच की गई। कई जगह उपकरण मौजूद तो थे, लेकिन वे काम करने की स्थिति में नहीं पाए गए। कुछ क्लबों में आपातकालीन निकास मार्ग बाधित थे और दिशानिर्देश बोर्ड तक नहीं लगे थे। कई क्लब प्रबंधक पूछे जाने पर सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े सवालों का संतोषजनक जवाब भी नहीं दे पाए।
हयात से एलांते तक जांच
निरीक्षण की शुरुआत सेक्टर-17 स्थित होटल हयात सेंट्रिक से हुई, जहां फायर सेफ्टी में खामियां मिलीं। सेक्टर-34 स्थित टाय होटल में भी नियमों का पालन नहीं पाया गया। इसके बाद सेक्टर-26 और 7 के क्लबों और रेस्टोरेंट्स में जांच की गई, जहां कई प्रतिष्ठानों में गंभीर कमियां सामने आईं। इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एलांते मॉल में बेसमेंट और क्लबों की जांच की गई। यहां अधिकांश व्यवस्थाएं संतोषजनक रहीं, हालांकि कुछ क्लबों को सुधार के निर्देश दिए गए।
फेस्टिवल सीजन में सार्वजनिक सुरक्षा सर्वोपरि है। बिना फायर एनओसी चल रहे क्लबों के खिलाफ कोई ढील नहीं दी जाएगी। ऐसे मामलों में बार लाइसेंस रद करने के लिए एक्साइज विभाग को रिपोर्ट भेजी जाएगी।
— हरप्रीत कौर बबला, मेयर, चंडीगढ़

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