Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

     चंडीगढ़ निगम के चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा एक वर्ष में ही हटाए, फैसले पर सत्ता पक्ष खुश, विपक्ष ने खड़े किए सवाल

    Updated: Sat, 25 Oct 2025 01:33 PM (IST)

    चंडीगढ़ नगर निगम के चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा को एक साल में ही हटा दिया गया है। भाजपा इस फैसले से खुश है, वहीं विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने फैसले का विरोध किया है। डिप्टी मेयर एवं कांग्रेस नेत्री तरुणा मेहता के सवालों पर मेयर हरप्रीत कौर बबला चुप्पी साधे हुए है। 

    Hero Image

    डिप्टी मेयर तरुणा मेहता के सवालों पर मेयर हरप्रीत कौर बबला की चुप्पी।


    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। नगर निगम के चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा को एक वर्ष में ही हटा दिया गया है। उनके हटाने के आदेश शुक्रवार को जारी हुए। इस निर्णय से भाजपा खेमा खुश तो विपक्ष ने सवाल खड़े किए हैं। सांसद मनीष तिवारी ने भी इस मामले में प्रशासक से बात की। वहीं, डिप्टी मेयर एवं कांग्रेस नेत्री तरुणा मेहता समेत अन्य विपक्षी नेताओं की तरफ से उठाए गए सवालों पर मेयर हरप्रीत कौर बबला चुप्पी साधे हुए है। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तरुणा मेहता ने कहा कि भाजपा नेताओं और कुछ पूर्व अधिकारियों को साफ छवि के अधिकारी रास नहीं आ रहे। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हुई धांधली पर उनके उठाए सवालों, हार्टिकल्चर वेस्ट पर निगम को हो रहे राजस्व नुकसान, सालिड वेस्ट से राजस्व नुकसान, मनीमाजर के 24 घंटे पानी के प्रोजेक्ट पर सवालों से संजय अरोड़ा इनकी आंखों में रड़क रहे थे। वह ऐसे अधिकारी के साथ खड़े हैं।

    वहीं, कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष हरमोहिंदर सिंह लक्की ने कहा कि भाजपा ने एक अच्छे अधिकारी को हटवा कर अपनी गलत नीयत और नीति को उजागर किया है। भाजपा चाहती है कि अधिकारी उनकी हाथों की कठपुतली बने, उनके गलत और मनमाने फैसलों का समर्थन करें । कांग्रेस ऐसे अधिकारी के साथ खड़ी है। निगम की वित्तीय स्थिति खराब करने में जुटे अधिकारी के साथ ऐसा करने पर अब कोई भी अधिकारी चंडीगढ़ आने से कतराएगा।

    आम आदमी पार्टी की महिला विंग की अध्यक्ष एवं पार्षद प्रेम लता का कहना है कि चीफ इंजीनियर संजय अरोड़ा को हटाए जाने के भाजपा के मनमाने निर्णय का आम आदमी पार्टी निंदा करती है। भाजपा अच्छे अधिकारियों को दबाने का प्रयास कर रही है। भाजपा चाहती है कि अधिकारी उनके भ्रष्टाचारी मनसूबों को पूरा करें। लेकिन वह ऐसा होने नहीं देंगे।

    संजय अरोड़ा को चीफ इंजीनियर के पद से हटाए जाने के पीछे विवाद

    संजय अरोड़ा को चीफ इंजीनियर के पद से हटाए जाने के पीछे कई तरह के विवाद बताए जा रहे हैं। जिनमें भाजपा पार्षदों की नाराजगी, विपक्षी पार्षदों से नजदीकी, टेंडर में कंपनियों को फायदा पहुंचाने जैसे आरोप और कई प्रोजेक्ट को बेवजह अटकाए रखने के आरोप भी शामिल हैं। दैनिक जागरण ने भी होर्टिकल्चर वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट पीएसयू को नियमों को ताक पर रख दिए जाने, बायोमाइनिंग का कार्य ज्यादा रेट पर पीएसयू को देने जैसे मामलों का प्रमुखता से खबरों की सीरीज के जरिये खुलासा किया था। इन सभी खबरों के बाद ही प्रशासक कटारिया ने अधिकारियों की रिक्मेंडेशन के बाद भी अरोड़ा को एक्सटेंशन देना ठीक नहीं समझा।

    अरोड़ा का चीफ इंजीनियर के तौर पर अभी एक वर्ष का कार्यकाल ही हुआ था। अमूमन तीन वर्ष का कार्यकाल इस पद पर रहता है। प्रत्येक वर्ष के लिए सेवा विस्तार की मंजूरी लेनी होती है। उनकी सेवा विस्तार से जुड़ी फाइल प्रशासन के अधिकारियों ने मंजूरी के बाद प्रशासक गुलाब चंद कटारिया को भेजी थी। लेकिन कटारिया ने संजय अरोड़ा को सेवा विस्तार देने पर रोक लगा दी।

    उन्हें नगर निगम से हटाकर वापस उनके मूल विभाग यूटी प्रशासन के चीफ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में रीपैट्रिएट करने के आदेश जारी कर दिए। इन आदेशों के बाद अरोड़ा ने चंडीगढ़ प्रशासन के इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के तौर पर ज्वाइन कर लिया। संजय अरोड़ा यूटी चंडीगढ़ इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के अधिकारी हैं। उन्होंने डेपुटेशन पर 24 अक्टूबर 2024 को नगर निगम में चीफ इंजीनियर के तौर पर कार्यभार संभाला था। एक वर्ष पूरा होने पर उनकी एक्सटेंशन की फाइल प्रशासन को भेजी गई थी।

    कृष्ण पाल को वरिष्ठता का मिला लाभ, बन गए नए चीफ इंजीनियर

    नगर निगम के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर कृष्ण पाल सिंह को चीफ इंजीनियर का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा जाएगा। वह निगम के सबसे वरिष्ठ एसई हैं। हालांकि संजय अरोड़ा की नियुक्ति के समय भी कृष्ण पाल ने चीफ इंजीनियर के तौर पर आवेदन किया था। लेकिन उनका आवेदन योग्यता के पैमाने पर खरा नहीं उतरने की वजह से रद किया गया था।

    अब भी यह उनको अतिरिक्त कार्यभार सौंपने में अड़चन बन सकती है। अगर ऐसा हुआ तो एसई धर्मेंद्र को जिम्मेदारी मिल सकती है। संजय अरोड़ा को हटाने के आदेश में लोकल गवर्नमेंट एंड अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट ने स्पष्ट किया है कि निगम के सबसे सीनियर सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर को उनकी अपनी जिम्मेदारी के साथ चीफ इंजीनियर का कार्यभार नई नियुक्ति होने तक सौंपा जाए।