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    चंडीगढ़ में हाईटेक होंगे बस अड्डे, मिलेगी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं, टिकट बुकिंग होगा एकदम आसान

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 10:56 AM (IST)

    चंडीगढ़ में अब बसों में सफर के दौरान यात्रियों को डिजिटल जानकारी मिलेगी। रोडवेज को आधुनिक बनाने के लिए ऑटोमेटिक टिकटिंग सिस्टम, बस ट्रैकिंग सिस्टम और ...और पढ़ें

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    रोडवेज में ऑटोमेटिक टिकटिंग सिस्टम । (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ में सरकारी बस से यात्रा करना अब बेहद आसान होने वाला है। बसों में सफर के दौरान यात्रियों को डिजिटल इंडिया की झलक दिखाई देगी। दरअसल, रोडवेज को आधुनिक बनाने के लिए ऑटोमेटिक टिकटिंग सिस्टम, बस ट्रैकिंग सिस्टम और मोबाइल एप विकसित किए जा रहे हैं। यात्री पेटीएम, डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड के जरिए टिकट ले सकेंगे। वहीं, बस अड्डों पर डिजिटल स्क्रीन लगेंगी, जिससे बसों के टाईमिंग और आवाजाही की जानकारी मिल सकेगी। इतना ही नहीं, ई-बसों के लिए डिपो भी तैयार हैं और चार्जिंग नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा है। 

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    विज ने बताया कि शहर को अलाट हुई 50 बसों में से 15 आ चुकी हैं। बाकी की तीन महीनों के अंदर मिल जाएंगी।

    इलेक्ट्रिक मोड में शिफ्ट होंगी परिवहन सेवाएं

    ऊर्जा एवं परिवहन मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को विधानसभा में फतेहाबाद के कांग्रेस विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया द्वारा उठाए सवाल के जवाब में कहा कि सार्वजनिक परिवहन को इलेक्ट्रिक मोड पर शिफ्ट करने का काम शुरू हो गया है। रोडवेज बसों में पहले से ही आटोमैटिक टिकटिंग सिस्टम किया जा चुका है, जिसे और एडवांस किया जा रहा है। आने वाले समय में यात्री पेटीएम, डेबिट कार्ड और क्रेटिड कार्ड के जरिए टिकट ले सकेंगे। इससे नकद लेन देन का झंझट कम होगा।

    उन्होंने बताया कि बसों में ट्रैकिंग सिस्टम भी लगाया जा रहा है, जिससे यह पता चल सकेगा कि बस कब आएगी और अभी कहां पहुंची है। इस सिस्टम ठीक उसी तरह काम करेगा, जैसे एयरपोर्ट पर विमान की स्थिति के बारे में पता लगाया जाता है।

    बस अड्‌डों पर लगेंगी डिजिटल स्क्रीन

    विज ने कहा कि मैनुअल तरीके से बसों की मानिटरिंग करना व्यावहारिक नहीं है। इसलिए टेक्नोलॉजी का सहारा लिया जा रहा है। इसी के तहत सभी प्रमुख बस अड्‌डों पर डिजिटल स्क्रीन लगाई जाएंगी, जो बताएगी कि कौन-सी बस किस रूट पर है और कितने समय में बस अड्डे पर पहुंचेगी। इससे यात्रियों का समय बचेगा और उन्हें ज्यादा समय बस स्टैंड पर नहीं गुजारना पड़ेगा।

    प्राइवेसी से जुड़े सवालों पर परिवहन मंत्री ने जवाब दिया। उन्होंने बताया कि टिकटों का पूरा रिकार्ड भी सुरक्षित रहेगा। हर टिकट सही तरीके से पंच होगा और उसका डिजिटल रिकार्ड रहेगा।

    चार्जिंग इकोसिस्टम होगा मजबूत: विज

    उनका कहना है कि सरकार सिर्फ बसें नहीं, बल्कि पूरे चार्जिंग इकोसिस्टम को भी मजबूत करने पर काम कर रही है। विज ने बताया कि राज्य में विकसित किए जा रहे इलेक्ट्रिक बस डिपो अब पूरी क्षमता के साथ कार्य करने के लिए तैयार हैं। इन डिपो से आने वाले तीन महीनों के भीतर इलेक्ट्रिक बसों का नियमित संचालन शुरू कर दिया जाएगा।

    उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का फोकस केवल एक शहर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसे प्रदेश स्तर पर एक माडल के रूप में विकसित किया जा रहा है।

    'यात्रियों की सुविधा पहली प्राथमिकता'

    ऊर्जा मंत्री ने स्वीकार किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों के विस्तार में सबसे बड़ी चुनौती चार्जिंग स्टेशनों की कमी है। उन्होंने कहा कि आज इलेक्ट्रिक कार और बसें तो आ गई हैं, लेकिन चार्जिंग स्टेशन उतनी संख्या में नहीं हैं, जितनी होनी चाहिए। विज ने वाहन निर्माता कंपनियों को सलाह दी कि चार्जिंग स्टेशन केवल तकनीकी सुविधा तक सीमित न हों। उन्होंने कहा कि जब किसी वाहन को चार्ज होने में एक से दो घंटे का समय लगता है, तो उस दौरान यात्रियों के लिए शौचालय, रेस्ट एरिया, रेस्तरां और रिफ्रेशमेंट जैसी सुविधाएं भी होनी चाहिए।

    उनका तर्क था कि केवल पेट्रोल पंप पर चार्जिंग प्वाइंट बना देने से समस्या का समाधान नहीं होगा, क्योंकि वहां परिवार के साथ रुके यात्रियों के लिए बुनियादी सुविधाएं नहीं होतीं।