26 का अलर्ट! Chandigarh पहुंचने की तैयारी में 10 हजार किसान; PU में पूर्ण बंद का आह्वान, पुलिसकर्मियों की छुट्टियां रद
26 नवंबर को चंडीगढ़ में किसान मोर्चा की रैली और पंजाब यूनिवर्सिटी बंद के आह्वान से शहर में तनाव बढ़ गया है। पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और नागरिकों से सहयोग की अपील की है। किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे, जबकि छात्र सीनेट चुनाव की मांग कर रहे हैं। शहर में ट्रैफिक व्यवस्था प्रभावित होने की आशंका है।

10 नवंबर को प्रदर्शन के दौरान किसान व अन्य संगठनों के लोग पीयू में जबरदस्ती घुसे थे। तस्वीर तभी की है।
मनोज बिष्ट, चंडीगढ़। 26 नवंबर को चंडीगढ़ में दो बड़े विरोध प्रदर्शनों के एक साथ होने से ट्राईसिटी में सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर तनाव बढ़ गया है। एक ओर संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) अपने आंदोलन की 5वीं वर्षगांठ पर विशाल मार्च निकालेगा, तो दूसरी ओर पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा ने विश्वविद्यालय में पूर्ण बंद की घोषणा की है।
इन दोनों प्रदर्शनों के ओवरलैप होने से शहर में भीड़, जाम और सुरक्षा चुनौतियां बढ़ने की आशंका है। पुलिस ने किसान संगठनों को सेक्टर-43 के दशहरा ग्राउंड में शांतिपूर्ण रैली करने की अनुमति दी है। पुलिस के अनुसार देशभर के 30 से अधिक किसान संगठनों से जुड़े करीब 10,000 प्रदर्शनकारी पंजाब, हरियाणा और आसपास के राज्यों से चंडीगढ़ पहुंच सकते हैं।
10 नवंबर को कुछ किसान संगठनों के पीयू पहुंचने पर कैंपस में अराजक स्थिति बन गई थी। गेट तोड़े गए, बॉर्डर बंद किए गए और कई मुख्य सड़कों पर घंटों जाम लगा रहा। पुलिस ने उस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। प्रशासन को आशंका है कि इस बार भी पीयू बंद और किसान मार्च के साथ होने से कुछ क्षेत्रों में अतिरिक्त दबाव बन सकता है।
एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया संघों द्वारा अनुमति मांगे जाने पर हमने उन्हें सेक्टर-43 में स्थान उपलब्ध कराया है। शहर में 3000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। अभी तक बार्डर सील करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। हमारा उद्देश्य शांतिपूर्ण रैली सुनिश्चित करना है।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि रैली का उद्देश्य एसकेएम आंदोलन की पांचवीं वर्षगांठ को चिह्नित करना, एमएसपी की कानूनी गारंटी, दर्ज मामलों की वापसी, एवं आंदोलन के दौरान शहीद किसानों के परिवारों को मुआवजा जैसी लंबित मांगों को दोहराना है।
सीनेट चुनाव का शेड्यूल जारी करने की मांग
किसान रैली के साथ ही पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा ने 26 नवंबर को पीयू में पूर्ण बंद का आह्वान किया है। मांग है कि विश्वविद्यालय में लंबित सीनेट चुनावों का शेड्यूल जारी किया जाए। पीयू की छात्रा व प्रदर्शनकारी, मानिका (पीएसयू ललकार) ने बताया 26 नवंबर को पीयू के सभी गेट, प्रशासनिक भवन, स्टूडेंट सेंटर और मार्केट बंद रहेंगे। यह हमारी मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण विरोध है।
बाहर से भी मंगाई फोर्स
किसानों की भारी संख्या में एंट्री और पीयू आंदोलन के चलते चंडीगढ़ पुलिस ने सोमवार को आदेश जारी कर सभी छुट्टियां बंद कर दीं। कोई भी कर्मचारी 26 नवंबर से पहले अवकाश पर नहीं जा सकेगा। कानून-व्यवस्था मजबूत करने के लिए बाहरी राज्यों से अतिरिक्त फोर्स भी चंडीगढ़ में तैनात की गई है। कुल मिलाकर 3000 से अधिक जवान शहर भर में चेकिंग, रूट मैपिंग और भीड़ नियंत्रण की जिम्मेदारी संभालेंगे।
ट्रैफिक पुलिस जारी करेगी विस्तृत एडवाइजरी
चंडीगढ़ के ट्रैफिक एसएसपी सुमेर प्रताप सिंह ने कहा हम ट्रैफिक मूवमेंट के लिए विशेष योजना तैयार कर रहे हैं। 26 नवंबर को शहर में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसका पूरा ध्यान रखा जाएगा। एडवाइजरी मंगलवार को जारी की जाएगी। संभावना है कि कई मुख्य मार्गों पर ट्रैफिक डायवर्जन होंगे,
यूनिवर्सिटी व सेक्टर-43 के आसपास भारी जाम की स्थिति बन सकती है और मोहाली से लगते प्रवेश बिंदुओं पर भी अतिरिक्त निगरानी रखी जाएगी। पुलिस ने हालांकि यह स्पष्ट किया है कि किसान प्रदर्शनकारियों को एंट्री प्वाइंट पर नहीं रोका जाएगा, लेकिन भीड़ और वाहनों की संख्या को देखते हुए वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा जा सकता है।
पिछला अनुभव-5 दिन तक रुके थे किसान
पिछले साल सितंबर में हजारों किसान चंडीगढ़ आए थे और पांच दिनों तक धरणा दिया था। वे ट्रकों में ठहरने की व्यवस्था, राशन और पानी के कंटेनर लेकर पहुंचे थे। उस समय लंबे प्रदर्शन के चलते शहर में कई क्षेत्रों में जाम और अन्य समस्याएँ हुई थीं। बाद में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की आश्वासनों के बाद आंदोलन समाप्त हुआ था।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि 26 नवंबर को अनावश्यक यात्रा से बचें, ट्रैफिक एडवाइजरी का पालन करें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें।

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