किसान आंदोलन और पीयू बंद की तैयारियां तेज, 26 नवंबर को लेकर चंडीगढ़ में बढ़ी हलचल, प्रशासन अलर्ट
चंडीगढ़ में 26 नवंबर को किसान आंदोलन और पंजाब यूनिवर्सिटी बंद के आह्वान से तनाव बढ़ गया है। किसान मोर्चा अपनी मांगों को लेकर मार्च करेगा, वहीं यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा सीनेट चुनाव की तारीख घोषित करने की मांग कर रहा है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और शांतिपूर्ण समाधान निकालने का प्रयास कर रहा है।

पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा ने उसी दिन विश्वविद्यालय में पूर्ण बंद का आह्वान किया है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। शहर में 26 नवंबर को दो बड़े विरोध प्रदर्शनों के एक साथ होने के कारण हालात फिर से तनावपूर्ण होने की आशंका बढ़ गई है। एक तरफ संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) अपने आंदोलन की पांचवीं वर्षगांठ पर एक विशाल मार्च की तैयारी में जुटा है, वहीं दूसरी ओर पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा ने उसी दिन विश्वविद्यालय में पूर्ण बंद का आह्वान किया है।
दोनों आंदोलनों की तैयारियों ने प्रशासन और पुलिस की चिंता बढ़ा दी है, जिसके चलते सुरक्षा व्यवस्था पहले से कड़ी कर दी गई है। संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने बताया कि एसकेएम ने 26 नवंबर को होने वाले विरोध प्रदर्शन के लिए सेक्टर-34 ग्राउंड की मांग की है।
उनका कहना है कि पंजाब, हरियाणा और आसपास के इलाकों से लगभग पांच हजार किसान शहर में पहुंच सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह मार्च केंद्र सरकार से अधूरे पड़े किसानों के मुद्दों एमएसपी की गारंटी, किसानों पर दर्ज मामलों की वापसी और आंदोलन के दौरान बलिदान हुए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजी जैसी मांगों को दोहराने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
प्रशासन 24 नवंबर को होने वाली बैठक में इस प्रदर्शन के लिए स्थान को लेकर अंतिम फैसला करेगा। ध्यान देने योग्य है कि पिछले वर्ष सितंबर में भी हजारों किसानों ने सेक्टर-34 ग्राउंड में पांच दिनों तक डेरा डाला था, जहां उन्होंने ट्रकों और कंटेनरों में खुद ही रहने की व्यवस्था कर ली थी।
सीनेट चुनाव तारीख की मांग तेज
पंजाब यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा ने 26 नवंबर को विश्वविद्यालय में पूर्ण शटडाउन का एलान किया है। उनकी प्रमुख मांग है कि लंबे समय से लंबित सीनेट चुनाव की तारीख घोषित की जाए। मोर्चा नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि 25 नवंबर तक चुनाव कार्यक्रम घोषित नहीं किया गया, तो वह चंडीगढ़ और पंजाब में बीजेपी कार्यालयों का घेराव करेंगे।
10 नवंबर को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान शहर में भारी अव्यवस्था फैल गई थी। कई मार्गों पर लंबा जाम लग गया था क्योंकि सुरक्षा कारणों से प्रमुख सीमाएं सील करनी पड़ी थीं। प्रदर्शनकारियों द्वारा पीयू के मुख्य गेट तोड़ने की घटना पर पुलिस ने मामला दर्ज किया था, जिसके बाद से प्रशासन इस बार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना चाहता है।
पुलिस अलर्ट मोड में, सुरक्षा-ट्रैफिक प्लान तैयार
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 26 नवंबर को किसी भी स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शहर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस जल्द ही रूट डायवर्जन और अन्य एडवाइजरी जारी करेगी ताकि आम लोगों को कम से कम परेशानी हो।
हालांकि अभी तक शहर की सीमाओं को सील करने पर कोई अंतिम फैसला नहीं हुआ है, लेकिन 10 नवंबर की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन लगातार हालात की समीक्षा कर रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार किसानों और छात्र संगठनों के संभावित रूट, ठहराव स्थल और भीड़ की संख्या पर विशेष नजर रखी जा रही है।
दो बड़े आंदोलन एक ही दिन
26 नवंबर को किसानों का विशाल मार्च और पीयू शटडाउन दोनों एक साथ होने के कारण शहर में भीड़, ट्रैफिक और सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां बढ़ सकती हैं। प्रशासन का प्रयास है कि किसी भी तरह की अराजकता न फैले और दोनों पक्षों के साथ संवाद करके शांतिपूर्ण समाधान निकाला जाए।

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