चंडीगढ़ में बायोगैस संयंत्र के लिए MOU, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और सतत कचरा प्रबंधन की दिशा में अहम कदम
चंडीगढ़ में बायोगैस प्लांट लगाने के लिए एमओयू साइन किया गया है। यह कदम स्वच्छ ऊर्जा बनाने और कचरा प्रबंधन को सुधारने में मददगार होगा। प्लांट जैविक कचरे से बायोगैस बनाएगा, जिससे बिजली बनेगी और प्रदूषण कम होगा। इससे कचरा प्रबंधन बेहतर होगा और लैंडफिल पर दबाव घटेगा।

एमओयू साइन करने के बाद एक-दूसरे से हाथ मिलते चंडीगढ़ निगम और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के अधिकारी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और सतत कचरा प्रबंधन की दिशा में अहम कदम उठाते हुए नगर निगम चंडीगढ़ और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने आज डड्डूमाजरा में पृथकित जैविक ठोस अपशिष्ट आधारित संपीड़ित बायोगैस संयंत्र स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह परियोजना डिज़ाइन–निर्माण–वित्त–संचालन मॉडल के अंतर्गत विकसित की जाएगी।
नगर निगम कार्यालय में आयोजित हस्ताक्षर समारोह में दोनों संस्थाओं के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। समझौते पर नगर निगम की ओर से सीबी ओझा, मुख्य अभियंता तथा इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड की ओर से डॉ. अजीत ठाकुर, कार्यकारी निदेशक ने हस्ताक्षर किए।
इस सहयोग के तहत नगर निगम चंडीगढ़ प्रतिदिन 200 टन पृथकित जैविक कचरा और 30 टन गोबर उपलब्ध कराएगा। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड इस संयंत्र का डिज़ाइन, निर्माण, वित्त पोषण और संचालन करेगा।
इसके अलावा, नगर निगम डड्डूमाजरा डंपिंग ग्राउंड में 10 एकड़ भूमि नाममात्र पट्टे पर उपलब्ध कराएगा। परियोजना में 33 प्रतिशत हरित पट्टी विकसित करने, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का पालन करने और 10 प्रतिशत तक मिश्रित अनुपृथकित कचरे को स्वीकार करने का प्रविधान भी शामिल है।
अधिकारियों ने बताया कि यह संयंत्र चंडीगढ़ के पर्यावरणीय लक्ष्यों को मजबूत करेगा। इससे कचरा प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि होगी, कचरे के ढेर (लैंडफिल) पर निर्भरता कम होगी, प्रदूषण में कमी आएगी और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यह परियोजना शहर के दीर्घकालिक सतत विकास के लक्ष्य को नई दिशा देने का काम करेगी।

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