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Air Show: वायु सेना का परशुराम विमान और हार्वर्ड विंटेज एयरक्राफ्ट, पाक युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका

एयर फोर्स डे पर आयोजित हो रहे एयर शो में सिर्फ अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट और लाइट कांबेट हेलीकाप्टर प्रचंड की ही धूम नहीं है बल्कि पाकिस्तान से युद्ध और आजदी आंदोलन के दौरान व पहले अपनी ताकत का लोहा मनवा चुके विंटेज एयरक्राफ्ट भी दम दिखा रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Ankesh ThakurPublished: Fri, 07 Oct 2022 10:56 AM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 10:56 AM (IST)
Air Show: वायु सेना का परशुराम विमान और हार्वर्ड विंटेज एयरक्राफ्ट, पाक युद्ध में निभाई थी अहम भूमिका
एयर शो में डकोटा जिसे भारतीय वायु सेना में शामिल करने के बाद परशुराम नाम दिया गया है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। एयर फोर्स डे पर आयोजित हो रहे एयर शो में सिर्फ अत्याधुनिक एयरक्राफ्ट और लाइट कांबेट हेलीकाप्टर प्रचंड की ही धूम नहीं है बल्कि पाकिस्तान से युद्ध और आजदी आंदोलन के दौरान व पहले अपनी ताकत का लोहा मनवा चुके विंटेज एयरक्राफ्ट भी दम दिखा रहे हैं। एयर शो में डकोटा जिसे भारतीय वायु सेना में शामिल करने के बाद परशुराम नाम दिया गया है और हार्वर्ड विंटेज एयरक्राफ्ट भी परफार्म कर रहे हैं। यह दोनों ही एयरक्राफ्ट अपनी खास पहचान रखते हैं। साथ ही दोनों को एयर शो के दौरान देखकर लोग भी सम्मान में तालियां बजाकर स्वागत करते हैं। 

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परशुराम की कम शोर वाली धीमी गति इसके शौर्य की पहचान

डकोटा वीपी905 जिसे भारतीय वायु सेना में शामिल करने के बाद परशुराम नाम दिया गया। लड़ाकू विमान परशुराम को 1930 में रायल इंडियन एयरफोर्स में शामिल किया गया था। यह 12वीं स्क्वार्डन का हिस्सा था। जो मुख्य तौर पर लद्दाख और पूर्वोत्तर क्षेत्रों में काम करता था। डकोटा वीपी905 में से एक का नवीनीकरण किया गया और फिर भारतीय वायु सेना को इसे दिया गया। 1947 में पाकिस्तान के साथ युद्ध के दौरान 'परशुराम' ने पहली सिख रेजिमेंट के सैनिकों को श्रीनगर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आजादी के बाद पाकिस्तान की तरफ से कबायलियों के साथ कश्मीर में किए जा रहे हमलों का जवाब देने के लिए भारतीय सेना ने इसकी मदद ली थी। इसे अपग्रेड और दुरुस्त कर अभी भी एयर शो का हिस्सा बनाया जाता है।

हार्वर्ड विंटेज एयरक्राफ्ट

हार्वर्ड विंटेज एयरक्राफ्ट एक अमेरिकी डिजाइन किया गया विमान है जिसे दो सदस्यीय क्रू द्वारा उड़ाया जाता है। इसे 1930 और 40 के दशक में एक लड़ाकू ट्रेनर विमान के तौर पर उड़ाया जाता था। यह विमान 1400 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता था। रेडियल पिस्टन इंजन द्वारा मिलने वाली शक्ति के जरिए यह विमान 156 नोटिकल की अधिकतम गति हासिल कर सकता है। हार्वर्ड आठ घंटे तक लगातार उड़ान भर सकता है और यह 22 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकता है। इस विमान का इस्तेमाल, कनाडा, अमेरिका समेत कई देशों की वायुसेना द्वारा किया गया। यह भारतीय वायु सेना का विंटेज एयरक्राफ्ट है इसे हर एयर शो में लाया जाता है।


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