Chandigarh वालों के लिए राहत की सांस, बारिश के लंबे दौर से AQI में सुधार, दीवाली वाले सप्ताह में पहली बार प्रदूषण स्तर पिछले कई वर्षों के मुकाबले कम
चंडीगढ़ के लोगों के लिए राहत की खबर है। दीवाली के सप्ताह में इस बार प्रदूषण का स्तर पिछले कई वर्षों से कम रहा। विशेषज्ञों के अनुसार, दीवाली पर भी प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ने की संभावना नहीं लग रही। ग्रीन पटाखे जलाने की भी दो घंटे की ही मंजूरी रहेगी। प्रदूषण का स्तर कम रहने का मुख्य कारण बारिश का लंबे दौर तक रहना है। अक्टूबर के पहले सप्ताह कई दिन लगातार बारिश ने प्रदूषण को धो दिया।

बुधवार को एक्यूआई 132 दर्ज किया गया।
बलवान करिवाल, चंडीगढ़। बारिश से उपजी बाढ़ ने उत्तर भारत में जान-माल का बड़ा नुकसान किया, लेकिन इतनी बारिश ने एक बड़ा फायदा यह किया है कि इस बार प्रदूषण का स्तर पिछले वर्षों के मुकाबले कम है। चंडीगढ़ और पंजाब के जिन शहरों का प्रदूषण का स्तर इन दिनों रेड जोन में पहुंच जाता था, अभी इन शहरों की हवा ग्रीन और येलो जोन में होने से हानिकारक नहीं है। पिछले वर्ष दीवाली से सप्ताह पहले ही एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल अक्टूबर में 270 तक पहुंच गया था। जबकि इस बार बुधवार को एक्यूआई 132 दर्ज किया गया। दो नवंबर को दीवाली की रात तो यह बढ़कर 395 तक पहुंच गया था।
दीवाली पर भी प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ने की संभावना नहीं लग रही। ग्रीन पटाखे जलाने की भी दो घंटे की ही मंजूरी रहेगी। प्रदूषण का स्तर कम रहने का मुख्य कारण बारिश का लंबे दौर तक रहना है। अक्टूबर के पहले सप्ताह कई दिन लगातार बारिश ने प्रदूषण को धो दिया। जिससे अभी तक भी हवा साफ है। एक कारण पंजाब में पराली जलने के मामले कम होना भी है। पिछले वर्षों के मुकाबले पराली कम जल रही है। हालांकि जलनी बंद नहीं हुई। रोजाना जलने के मामले आ रहे हैं। बाढ़ से धान को बहुत नुकसान हुआ, पैदावार घटने से पराली की मात्रा भी घटी है।
देश का दिल प्रदूषण की चपेट में
चंडीगढ़ और आस-पास के शहरों में तो हवा की गुणवत्ता अभी खराब नहीं है। हालांकि देश के दिल राजधानी दिल्ली में एक्यूआइ अभी से 350 को पार कर चुका है। बुधवार को आनंद विहार दिल्ली स्टेशन पर एक्यूआइ 361 दर्ज किया गया, जो पूरे देश में ही सबसे अधिक बताया जा रहा है। हरियाणा और पंजाब में धान बेल्ट करनाल, कुरुक्षेत्र, अमृतसर जैसे शहरों में भी एक्यूआइ चौंकाने वाली स्थिति 100 के आस-पास है। इससे यह भी समझ सकते हैं कि दिल्ली में प्रदूषण की एक वजह केवल पराली जलना ही नहीं है।
अलग-अलग स्थानों का बुधवार को एक्यूआई
सेक्टर-25 90
सेक्टर-22 173
प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर
चंडीगढ़ 132
पंचकूला 144
दिल्ली 233
गुरुग्राम 251
नोएडा 318
करनाल 91
लुधियाना 114
अमृतसर 48
पटियाला 112
तीन दिन से शहर का येलो जोन में प्रदूषण का स्तर
बुधवार 132
मंगलवार 102
सोमवार 107
रविवार 86
तापमान कम होने से बढ़ेगा प्रदूषण
हवा में नमी की मात्रा बढ़ने से पर्टिक्यूलेट मैटर-2.5 और पीएम-10 के कण अधिक बढ़ जाते हैं। इससे प्रदूषण का स्तर बढ़ता है। अब तापमान रोजाना कम हो रहा है। इससे आने वाले दिनों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। बुधवार को अधिकतम 32.8 और न्यूनतम 19.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पराली जलाने के मामलों में भी पिछले वर्षों के मुकाबले कमी
चंडीगढ़ पीजीआई के डॉक्टर प्रो. रविंद्र खैवाल ने बताया कि बारिश के लंबी अवधि तक खिंचे सीजन और सभी हितधारकों के समन्वित प्रयासों से वायु प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण हुआ है। इस वजह से ही अधिकांश शहरों में एक्यूआई संतोषजनक स्थिति में दर्ज किया जा रहा है। पराली जलाने के मामलों में भी पिछले वर्षों के मुकाबले कमी आई है। पंजाब में 2024 की तुलना में 64.9 प्रतिशत की कमी आई। 2012 की तुलना में 89 प्रतिशत की कमी आई। हरियाणा में 2024 की तुलना में 62.6 प्रतिशत और दीर्घकालिक 2012 की तुलना में 77.8 प्रतिशत की कमी आई।
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