चंडीगढ़ में गहरा सकता है सांसों का संकट, पाकिस्तान में जलने वाली पराली के धुएं से हवा होगी जहरीली, बुजुर्ग-बच्चों के लिए ज्यादा खतरा
पाकिस्तान के पंजाब में पराली जलाने से चंडीगढ़ की हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने की आशंका है। सैटेलाइट डाटा के अनुसार, पाकिस्तान में भारत के मुकाबले पराली जलाने के मामले बहुत अधिक हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नवंबर के पहले सप्ताह में चंडीगढ़ का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार जा सकता है, जिससे बुजुर्गों और बच्चों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खेतों में जल रही पराली का धुआं सीमाओं को लांघकर चंडीगढ़ तक पहुंच रहा है।
मोहित पांडेय, चंडीगढ़। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के खेतों में जल रही पराली की धुआं अब न सिर्फ स्थानीय इलाकों की हवा को दूषित कर रही है, बल्कि उसका जहरीला असर सीमाओं को लांघकर चंडीगढ़ तक पहुंचने लगा है। पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) और पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआई) की संयुक्त टीम सैटेलाइट डाटा के जरिये हर दिन आगजनी के मामलों की निगरानी कर रही है। सैटेलाइट डाटा के अनुसार पाकिस्तान के पंजाब में भारत के मुकाबले कई गुना अधिक पराली जल रही है। वहां का धुआं हवाओं के रुख के साथ चंडीगढ़ की ओर बढ़ रहा है, जिस कारण आने वाले दिनों में शहरवासियों जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर होना पड़ेगा।
पाकिस्तान के पंजाब में पराली जलाने के मामले भारत के पंजाब की तुलना में 88.8 प्रतिशत अधिक है। एक सितंबर से अब तक पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में 4350 पराली जलाने के मामले, भारत के पंजाब में 484 और हरियाणा में 340 मामले दर्ज किए गए हैं। केवल दीपावली के दिन पाकिस्तान में 1768 घटनाएं दर्ज की गई, जबकि भारत के पंजाब में 200 और हरियाणा में 65 मामले सामने आए।
पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंगलवार तक की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब में केवल 33 प्रतिशत धान की फसल की कटाई हो चुकी है, जबकि 67 प्रतिशत फसल कटना अभी बाकी है। विशेषज्ञों के अनुसार जैसे-जैसे कटाई की प्रक्रिया बढ़ेगी, चंडीगढ़ की हवा में जहर और घुलेगा। पीजीआइ के प्रोफेसर डा. रविंद्र खैवाल के अनुसार वायुमंडलीय हवाओं के साथ पाकिस्तान की दिशा से उठता धुआं आने वाले दिनों में शहर की हवा को प्रदूषित करेगा।
हवा की खराब गुणवत्ता के चलते कमजोरी होगी सांसों की डोर
डाॅ. रविंद्र खैवाल के अनुसार, पाकिस्तान के पंजाब में जल रही पराली का असर चंडीगढ़ में नवंबर के पहले सप्ताह सबसे अधिक दिखने की संभावना है। इस दौरान एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 पार पहुंचने के आसार है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। इस प्रदूषण से सबसे अधिक परेशानी बुजुर्गों, बच्चों और सांस के मरीजों को हो सकती है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर हालात ऐसे बने तो आने वाले हफ्तों में चंडीगढ़ का आसमान धुंध से ढक जाएगा और शहर की सांसें और बोझिल हो जाएंगी।
एक्यूआइ स्तर
नंबर ----- स्थिति
0-50---अच्छा
51-100---संतोषजनक
101-200---मध्यम प्रदूषित
201-300--खराब
301-400---- बहुत खराब
400----------गंभीर
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