अब अंगदान में नहीं होगी देरी, चंडीगढ़ प्रशासन बनाएगा कमेटी, PGI के ये डाक्टर्स होंगे सदस्य
पीजीआइ चंडीगढ़ के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट प्रोफेसर विपिन कौशल ने बताया कि पीजीआइ में अभी तक ब्लड रिलेशन या फिर किसी अन्य व्यक्ति के अंगदान के जरिए दूसरे व्यक्ति में आर्गन ट्रांसप्लांट करने से पहले केंद्र सरकार की बनाई गई कमेटी की 24 घंटे के भीतर मंजूरी लेनी पड़ती थी।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। पीजीआइ चंडीगढ़ में अभी तक अंगदान को लेकर केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का पालन किया जाता था और यहां तक कि अंगदान से पहले जिस कमेटी से इसकी मंजूरी लेनी होती थी वह कमेटी भी केंद्र सरकार की ही थी और उस कमेटी के सदस्य भी अधिकतर केंद्र सरकार के ही थे। पहली बार चंडीगढ़ प्रशासन की तरफ से अंगदान करने से पहले जिस कमेटी की मंजूरी ली जाती है, उस कमेटी को प्रशासन गठित करेगा। कमेटी के सदस्य भी प्रशासन द्वारा तय किए जाएंगे। जल्द ही चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से पीजीआइ में अंगदान को लेकर जो कमेटी बनाई गई है, उस कमेटी की नोटिफिकेशन जारी की जाएगी।
प्रशासन की तरफ से इस कमेटी का चेयरमैन पीजीआइ के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को बनाया जाएगा, जबकि इस कमेटी के 6 सदस्य होंगे जिसमें यूटी डायरेक्टर हेल्थ सर्विसेज, यूटी के स्वास्थ्य सचिव, पीजीआइ के माइक्रोबायोलाजी डिपार्टमेंट के हेड, हरियाणा के पूर्व डीजीपी पीजीआइ के इंटरनल मेडिसिन के हेड और पंजाब यूनिवर्सिटी इवनिंग स्टडी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर केशव मल्होत्रा को सदस्य बनाया जाएगा।
पीजीआइ चंडीगढ़ के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट प्रोफेसर विपिन कौशल ने बताया कि पीजीआइ में अभी तक ब्लड रिलेशन या फिर किसी अन्य व्यक्ति के अंगदान के जरिए दूसरे व्यक्ति में आर्गन ट्रांसप्लांट करने से पहले केंद्र सरकार की बनाई गई कमेटी की 24 घंटे के भीतर मंजूरी लेनी पड़ती थी। ऐसे में कई बार देरी भी हो जाती थी। क्योंकि उसका मुख्य कारण है कि यह कमेटी केंद्र सरकार की ओर से गठित की गई थी और इसमें पीजीआइ चंडीगढ़ के एक या दो सदस्य को छोड़कर बाकी सभी सदस्य केंद्र सरकार के थे। ऐसे में सभी सदस्यों से ऑर्गन ट्रांसप्लांटेशन को मंजूरी लेने के लिए कई बार देरी भी होती थी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।