चंडीगढ़ में बिना लाइसेंस चल रही दुकानों पर 30-30 हजार जुर्माना, दुकानदारों को दिनभर कोर्ट में खड़ा करके रखा
चंडीगढ़ की जिला अदालत ने सेक्टर-14 की फूड स्ट्रीट पर बिना लाइसेंस चल रही तीन दुकानों पर 30-30 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी में खुलासा हुआ कि ये दुकानें बिना लाइसेंस के खाद्य सामग्री बेच रही थीं। अदालत ने दुकान मालिकों को दिनभर कोर्ट में खड़े रहने की सजा भी सुनाई। नगर निगम की भूमिका पर भी सवाल उठे हैं।

चंडीगढ़ की जिला अदालत ने सुनाया आदेश।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। बिना फूड लाइसेंस चल रही तीन दुकानों पर जिला अदालत ने 30-30 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। अदालत ने दुकान के मालिक को दिनभर कोर्ट में खड़े रहने की सजा भी दी। यह दुकानें सेक्टर-14 की मशहूर फूड स्ट्रीट की हैं।
दो साल पहले स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां छापेमारी की थी और पाया था कि यहां कियास्क नंबर-2, 3 और 4 दुकानों पर बिना फूड लाइसेंस के खाने-पीने का सामान बेचा जा रहा है। इसलिए इनके खिलाफ जिला अदालत में केस दायर किया गया था।
इसमें अदालत ने इन्हें दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। खास बात इन दुकानों को नगर निगम अलाॅट करता है। ऐसे में नगर निगम के अफसरों पर भी सवाल उठते हैं कि बिना फूड लाइसेंस काम करने वाली फर्म को कैसे यहां दुकानें चलाने का काम दे दिया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने की थी छापेमारी
पांच सितंबर 2023 को स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां निरीक्षण करने पहुंची। इस दौरान वहां दुकानों का मैनेजर पंकज कुमार मिला। जांच के दौरान पता चला कि यहां बिना लाइसेंस शेक, कोल्ड ड्रिंक, सैंडविच व नूडल्स आदि बेचे जा रहे थे। ऐसे में इनके खिलाफ केस दायर किया गया।
जांच के दौरान ही पता चला कि यह दुकानों ज्ञान सिंह एंड एसोसिएट्स को दी गई थी। इसमें कुछ पार्टनर भी थे और विभाग ने उन्हें भी केस में पार्टी बनाया। मुकदमे के दौरान अदालत ने मैनेजर पंकज कुमार को तो बरी कर दिया, लेकिन फर्म के मालिक और पार्टनर ज्ञानो देवी और हरीश कुमार को दोषी करार देते हुए 30-30 हजार रुपये हर्जाना भरने के निर्देश दिए।

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