चंडीगढ़ में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म करने वाले को सजा, 30 साल तक जेल में सड़ेगा
चंडीगढ़ में आठ साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने 30 साल की सजा सुनाई है। दो साल पुराने इस मामले में अदालत ने डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिट ...और पढ़ें

दो साल पुराने केस में जिला अदालत ने सोमवार को सजा पर फैसला सुनाया।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। आठ साल की बच्ची के दुष्कर्म करने वाला अब 30 साल जेल में सड़ेगा। दो साल पुराने केस में जिला अदालत ने सोमवार को सजा पर फैसला सुनाया। साथ ही डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी को बच्ची को चार लाख रुपये दिलाने को कहा।
इस मामले में दोषी 25 वर्षीय मुकेश उर्फ डाडी झूठ बोलकर की बचने की कोशिश करता रहा, लेकिन डीएनए मैच होने पर सच्चाई सामने आई थी। पुलिस ने वीमेन एंड चाइल्ड हेल्पलाइन की काउंसलर की रिपोर्ट के आधार पर यह केस दर्ज किया था। घटना वाले दिन बच्ची अपने घर के पास खेल रही थी।
पड़ोस में रहने वाले मुकेश ने दुकान से कुछ सामान लाने के लिए उसे पैसे दिए। फिर बहाने से उसे अपने घर के अंदर बुला लिया। वहां उसने थप्पड़ मारे और फिर दुष्कर्म किया। बच्ची ने घर आकर अपनी मां को सारी बात बताई। जिसके बाद मामला सामने आया और पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।
बच्ची के कपड़ों और शरीर के हिस्सों से कुछ डीएनए सैंपल लिए थे
पुलिस ने जांच के दौरान बच्ची के कपड़ों और शरीर के हिस्सों से कुछ डीएनए सैंपल लिए थे। जब उनकी जांच की गई तो वह किसी पुरुष के डीएनए पाए गए। उन्हें मुकेश के डीएनए से मैच करवाया गया तो वह मेल खा गए। ऐसे में यह पुष्टि हो गई थी कि मुकेश ने ही बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था। हालांकि वह अदालत में कहता रहा कि उसने बच्ची के साथ कुछ गलत नहीं किया।
उसके वकील ने अदालत में दलील दी कि बच्ची ने जज के आगे दिए बयान में कहा था कि उसके साथ दो लोगों ने दुष्कर्म किया, लेकिन केवल उसे ही गिरफ्तार किया गया जबकि दूसरे आरोपित के बारे में जांच ही नहीं की गई। बच्ची ने मेडिकल ऑफिसर के सामने कुछ और बयान दिए। ऐसे में उसकी गवाही पर संदेह जाता है। हालांकि इन दलीलों को अदालत ने नहीं माना और दोषी करार दे दिया था, जिसकी सजा पर सोमवार को फैसला सुनाया।

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