चंडीगढ़ में 30 लाख रिश्वत मामला : एडवोकेट सलवान और बिचौलिये की हिरासत एक सितंबर तक बढ़ी
भटिंडा में तैनात जज के नाम पर 30 लाख रुपये रिश्वत मांगने के मामले में एडवोकेट जतिन सलवान और बिचौलिए सतनाम सिंह को सीबीआई ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से जिला अदालत में पेश किया। जज ने उनकी हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी है। अब उन्हें एक सितंबर को फिर से पेश किया जाएगा। दोनों पर तलाक के एक मामले में रिश्वत मांगने का आरोप है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। बठिंडा में तैनात जज के नाम पर 30 लाख रुपये रिश्वत मांगने के आरोप में फंसे हाई कोर्ट के नामी वकील जतिन सलवान और बिचौलिये सतनाम सिंह को सीबीआई ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से जिला अदालत में पेश किया। इस दौरान जज ने उनकी हिरासत 14 दिन और बढ़ा दी है।
आरोपितों को अब एक सितंबर को अदालत में फिर से पेश किया जाएगा। सीबीआई के मुताबिक दोनों तलाक के एक मामले में रिश्वत मांग रहे थे। इनके खिलाफ फिरोजपुर के रहने वाले हरसिमरनजीत सिंह ने शिकायत दी थी।
हरसिमरनजीत ने बताया कि उनकी बहन का तलाक का केस बठिंडा की अदालत में लंबित है। एडवोकेट जतिन सलवान ने उस केस में उनके हक में फैसला करवाने का दावा करते हुए 30 लाख रुपये मांगे। इधर, हरसिमरनजीत ने बताया कि पैसे देने की बारी आई तो उन्होंने सीबीआई को सूचना दे दी।
पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं एडवोकेट सलवान
एडवोकेट जतिन सलवान को 2016 में चंडीगढ़ पुलिस ने भी गिरफ्तार किया था। पुलिस ने एक बिजनेसमैन सुखबीर सिंह शेरगिल के ड्राइवर को 2.6 किलो अफीम और 15 लाख रुपये जाली करेंसी के साथ पकड़ा था। जांच के दौरान पता चला था कि शेरगिल को फंसाने के लिए कुछ लोगों ने मिलकर यह साजिश रची थी, जिनमें एडवोकेट सलवान का भी नाम शामिल था।
शेरगिल को फंसाने के मामले में सलवान और अन्य लोगों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था, हालांकि बाद में एडवोकेट सलवान को जमानत मिल गई थी। सलवान समेत अन्य आरोपितों के खिलाफ यह मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है।
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