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चंडीगढ़ में अब नहीं होगी पावर कट और ओवरलोड की समस्या, यूटी प्रशासन को केंद्र से मिली संजीवनी

इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से शहर के लोगों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक तो गर्मी ने हाय तौबा मची हुई है वहीं बिजली कट ने लोगों को परेशान किया हुआ है। लेकिन अब यह परेशानी खत्म हो जाएगी।

By Ankesh ThakurEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 02:23 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 02:23 PM (IST)
चंडीगढ़ में अब नहीं होगी पावर कट और ओवरलोड की समस्या, यूटी प्रशासन को केंद्र से मिली संजीवनी
अत्याधिक गर्मी में बिजली की मांग निरंतर बढ़ रही है।

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। अब चंडीगढ़ में पावर कट की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी। बार-बार पावर कट नहीं झेलने पड़ेंगे। पावर कट और ओवरलोड की समस्या को खत्म करने के लिए यूटी प्रशासन को संजीवनी मिल गई है। अत्याधिक गर्मी में बिजली की मांग निरंतर बढ़ रही है। मांग पूरी नहीं होने से पावर कट लगाए जा रहे हैं। इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने चंडीगढ़ का पावर कोटा नौ फीसद बढ़ा दिया है। यह बढ़ा हुआ कोटा चंडीगढ़ को अगस्त के आखिर तक मिलेगा।

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15 अप्रैल के बाद से ही चंडीगढ़ को इस कोटे का लाभ मिल रहा है। अब केंद्र सरकार ने इसकी आधिकारिक मंजूरी दे दी है। इस कोटे की मदद से चंडीगढ़ अब 495 मेगावाट प्रतिदिन बिजली उपलब्ध करवा सकता है। हालांकि इतनी बिजली की चंडीगढ़ में जरूरत नहीं रहेगी। पिछले साल भी एक दिन में अधिकतम 428 मेगावाट बिजली की जरूरत पड़ी थी। बता दें कि यूटी प्रशासन ने केंद्र सरकार के पास मांग बढ़ने पर पावर कोटा बढ़ाने की अपील भेजी थी, जिसे केंद्र सरकार ने मान लिया है।

आइटी पार्क और मनीमाजरा एरिया के लिए अच्छी खबर है। अब इन एरिया में पावर कट की समस्या खत्म होने वाली है। इन सभी एरिया में किशनगढ़ सब स्टेशन से बिजली की सप्लाई आती है। किशनगढ़ सब स्टेशन पर पावर लोड काफी अधिक रहता है। अगर इस पर और भार डाला गया तो इससे पावर सप्लाई बाधित होने लगेगी। चंडीगढ़ हाउसिंग बोर्ड (सीएचबी) आइटी पार्क स्थित अपनी 123 एकड़ जमीन पर रेजिडेंशियल, कॉमर्शियल, इंस्टीट्यूश्नल, होटल और फायर स्टेशन डेवलप करेगा। यह सभी शहर के सबसे बड़े हाउसिंग और कॉमर्शियल प्रोजेक्ट होंगे। साथ ही सबसे लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट भी यहीं डेवलप होगी। इसको देखते हुए सीएचबी अपने इन सभी प्रोजेक्ट के लिए पावर सप्लाई भी बेहतर रखेगा। सीएचबी ने इसके लिए अपना ही पावर सब स्टेशन भी सेटअप करेगा। इससे किशनगढ़ सब स्टेशन पर पावर लोड नहीं बढ़ेगा।

कंसल्टेंट होगा अपॉइंट

66 केवी ग्रिड पावर सब स्टेशन के लिए सीएचबी ने कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए टेंडर जारी किया था। उस टेंडर की फाइनेंशियल बिड खाेलने पर 1.49 करोड़ रुपये सबसे कम बिड मिली है। इसके लिए सीएचबी को तीन बिड मिली। कोलकाता बेस्ड जिस कंपनी ने सबसे कम बिड दी है उसके दस्तावेज डिपार्टमेंट चैक कर रहा है। यह ठीक मिले तो इस कंपनी को ग्रिड पावर सब स्टेशन के लिए कंसल्टेंट नियुक्त कर दिया जाएगा।

डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट होगी तैयार

कंसल्टेंट नियुक्त होने के बाद इस पूरे प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करेगा। इसी डीपीआर के आधार पर सब स्टेशन बनेगा। इतना ही नहीं प्रोजेक्ट के ऑपरेशनल मोड में आने तक कंसल्टेंट अथॉरिटी के साथ रहेगा। अभी तक सीएचबी ने इस सब स्टेशन का कोई बजट निर्धारित नहीं किया है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि सब स्टेशन तैयार होने पर लगभग 80 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कंसल्टेंट रखने के लिए आवेदन मांगने पर सीएचबी ने यह स्पष्ट किया था कि वही इसके लिए आवेदन कर सकता है जिन्हें पावर सेक्टर में जीआईएस टेक्नोलॉजी और वोल्टेज क्षमता के सब स्टेशन बनाने का अनुभव है। जिस कंसल्टेंट ने 66 केवी ग्रिड पावर सब स्टेशन पहले इस टेक्नोलॉजी बेस्ड तैयार किया हो वही आवेदन करेगा।


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