शिवराज सिंह चौहान ने की डल्लेवाल से अनशन समाप्त करने की अपील, कहा- हम 4 मई को करेंगे बातचीत
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan)ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjeet Singh Dallewal) से अनशन समाप्त करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ पहले से तय तिथि के अनुसार 4 मई को बातचीत होगी। डल्लेवाल न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल से अनशन समाप्त करने की अपील की है। शिवराज सिंह ने कहा है कि किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ पहले से तय तिथि के अनुसार हम 4 मई को बातचीत के लिए मिलेंगे।
एक्स पर दी जानकारी
केंद्रीय कृषि मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि भारत सरकार के प्रतिनिधियों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच उनकी मांगों को लेकर चल रहा बातचीत का सिलसिला लगातार जारी है।
शिवराज सिंह ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल अब अस्पताल से वापस आ चुके हैं और हम उनके अतिशीघ्र पूर्ण रूप से स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
इसके साथ ही हम उनसे अनुरोध करते हैं कि वे अपना अनशन समाप्त करें और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ पहले से तय तिथि के अनुसार हम 4 मई को सुबह 11 बजे बातचीत के लिए मिलेंगे।
क्या है विवाद?
भारतीय किसान यूनियन (एकता सिद्धपुर) के चीफ जगजीत सिंह डल्लेवाल, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आमरण अनशन कर रहे हैं। उनका मानना है कि सरकार को किसानों को उनकी फसलों के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए MSP को कानूनी रूप से बाध्यकारी बनाना चाहिए।
बता दें कि हाल ही में पंजाब सरकार ने मांगों को लेकर खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बैठे किसानों को मोर्चा से हटा दिया। इससे पहले किसानों से केंद्र सरकार की वार्ता भी हुई। लेकिन उसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला। जिसके बाद डल्लेवाल को हिरासत में लिया गया और पंजाब सरकार द्वारा कार्रवाई करते हुए दोनों मोर्चों से किसानों को हटा दिया गया।
बता दें कि डल्लेवाल पंजाब के फरीदकोट जिले के डल्लेवाल गांव के निवासी हैं और किसानों के अधिकारों के लिए लंबे समय से आमरण अनशन पर हैं। खनौरी बॉर्डर पर अनशन के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति गंभीर हो गई। डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती होने की सलाह दी, लेकिन उन्होंने आंदोलन स्थल पर ही रहना पसंद किया।
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