मानव तस्करी रैकेट के खिलाफ सीबीआई को नहीं मिले सुबूत, कोर्ट में दी क्लोजर रिपोर्ट, चंडीगढ़ की महिला पर थे आरोप
दिल्ली सीबीआई ने मानव तस्करी के मामले में चंडीगढ़ की महिला और उसके साथी के खिलाफ क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की है। आरोप था कि वे लोगों को नौकरी का झांसा देकर म्यांमार भेजते थे जहांउनसे जबरन काम करवाया जाता था। सीबीआई को आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सुबूत नहीं मिले जिसके चलते यह रिपोर्ट दाखिल की गई। पीड़ितों ने आपबीती सुनाई थी कि उन्हें धोखे से म्यांमार भेजा गया था।

रवि अटवाल, चंडीगढ़। सीबीआई दिल्ली ने पिछले साल देश में मानव तस्करी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश करने का दावा किया था। सीबीआई का आरोप था कि चंडीगढ़ के सेक्टर-32 की रहने वाली महिला और उसका एक साथी अजय यह रैकेट चला रहे हैं। हालांकि सालभर चली जांच के बाद सीबीआई इस रैकेट के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटा नहीं सकी और अब दोनों के खिलाफ जांच एजेंसी ने चंडीगढ़ में सीबीआई की विशेष अदालत में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। सीबीआई का कहना है कि इनके खिलाफ केस चलाने के लिए पर्याप्त सुबूत नहीं हैं। ऐसे में इनके खिलाफ केस बंद किया जा रहा है। अब क्लोजर रिपोर्ट पर 28 अक्टूबर को सुनवाई होगी।
पिछले साल सीबीआई ने इन दोनों आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 370(3)(मानव तस्करी) और 120बी(साजिश रचना) के तहत एफआइआर दर्ज की थी। तब सीबीआइ ने दावा किया था कि यह दोनों लोगों को अच्छी नौकरी का झांसा देकर म्यांमार, कंबोडिया और लाओस जैसे देशों में भेज रहे हैं जहां चीनी कंपनियां साइबर क्राइम का काम करती हैं।
वहां इन लोगों से इनका इच्छा के विरूद्ध काम करवाया जाता। वहां लोगों को यात्नाएं दी जाती हैं और उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया जाता है। हालांकि सीबीआई ने इस मामले में किसी को गिरफ्तार नहीं किया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद सालभर तक जांच चली, लेकिन सीबीआई को इनके खिलाफ ऐसे कोई सबूत नहीं मिले, इसलिए केस को बंद कर दिया गया।
तीन युवकों ने भारत आकर दी थी पूरे रैकेट की जानकारी
सीबीआई के मुताबिक आरोपित महिला ने अभिषेक नेगी और आशीष त्यागी नाम के दो युवकों को भी म्यांमार भेजा था। लेकिन वे किसी तरह वहां से बच निकले। उन्होंने यहां आकर सीबीआई को जानकारी दी। अभिषेक और आशीष ने बताया था कि फरवरी 2024 में नौकरी के संबंध में उन्होंने महिला से संपर्क किया। उसने उन्हें थाईलैंड की एक चीनी कंपनी में एक हजार यूएस डाॅलर वेतन वाली नौकरी का आफर दिया।
अभिषेक और आशीष इस काम के लिए तैयार हो गए। अभिषेक नेगी ने अपने रिश्तेदार गौरव बिष्ट को भी थाइलैंड जाने को राजी कर लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें थाइलैंड बताकर म्यांमार की टिकट भेज दी गई। वहां उन्हें म्यावाड्डी नामक जगह पर जाने को कहा गया।
पहले तो उन्होंने विरोध किया, लेकिन आरोपित महिला ने उन्हें बातों में फंसा दिया और म्यांमार जाने को तैयार कर दिया। वहां जब पहुंचे तो पता चला कि म्यावाड्डी तो बेहद खतरनाक जगह थी। उन्हें जो नौकरी के बारे में बताया गया था, वह सब फर्जी निकला। उन्होंने काम करने से मना कर दिया और किसी तरह बचकर भारतीय दूतावास पहुंचे। वहां से उन्हें वापस भारत भेज दिया गया और यहां आकर उन्होंने सीबीआइ को सारी बात बताई।
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