आवारा कुत्तों को पकड़कर स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखें, यह सुप्रीम आदेश ट्राईसिटी में भी माना जाए
चंडीगढ़ में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ रहा है। नसबंदी का काम भी एजेंसी के हटने से प्रभावित हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार एडवोकेट अजय जग्गा ने चंडीगढ़ प्रशासन से आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में रखने की मांग की है ताकि बच्चों और नवजातों को बचाया जा सके।

बलवान करिवाल, चंडीगढ़। आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़कर नसबंदी करें और उन्हें स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखें। दिल्ली-एनसीआर के लिए जारी सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश चंडीगढ़-पंचकूला-मोहाली (ट्राईसिटी) में भी लागू किए जाने की मांग उठ रही है। क्योंकि अकेले चंडीगढ़ में सात महीने में ही 22 हजार लोगों को चंडीगढ़ में कुत्तों ने अपना शिकार बनाया है।
कुत्तों के काटे जाने की शिकायत पर मेडिकल आफिसर आफ हेल्थ विंग की टीम कुत्ते को पकड़कर ले जाती है लेकिन कानून के तहत उसे तीन से चार दिन बाद दोबारा उसी जगह छोड़ना पड़ता है। उसके बाद फिर वह लोगों को निशाना बनाते हैं। सेक्टर-9, 30 सहित कई एरिया में कितने ऐसे मामले आ चुके हैं जो एक ही कुत्ता आए दिन लोगों को काट रहा है।
इससे भी भयावह यह है कि इन दिनों आवारा कुत्तों की नसबंदी भी नहीं हो रही है। जिस एजेंसी को नसबंदी का काम सौंप रखा था वह कई महीने पहले ही काम छोड़ चुकी है। अब निगम अपने स्तर पर ही इक्का-दुक्का नसबंदी कर रही है।
केंद्र की क्षमता बढ़ने का भी नहीं मिल रहा फायदा
कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए रायपुरकलां डाॅग सेंटर की क्षमता बढ़ाई गई थी। यहां 310 कुत्तों की नसबंदी करने की क्षमता है। वहीं सेक्टर-38 के केंद्र की क्षमता 100 कुत्तों की है। हालांकि अब एजेंसी के नहीं होने से क्षमता के अनुसार काम नहीं हो रहा है। साथ यहां डाॅग शेल्टर होम की क्षमता भी बढ़ाई गई थी, लेकिन यहां कुत्तों को तीन दिन रखकर ही छोड़ दिया जाता है।
पिछले वर्ष के मुकाबले तेजी से बढ़ रहे केस
चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार पिछले साल शहर में आवारा कुत्तों के काटने के करीब 30 हजार मामले सामने आए थे। वहीं, इस बार सात माह में ही यह आंकड़ा 22 हजार के पार पहुंच गया है। रोजाना 100 से अधिक लोग कुत्तों का शिकार हो रहे हैं।
सात माह के आंकड़े
माह
जनवरी
फरवरी
मार्च
अप्रैल
मई
जून
जुलाई
कुल
मुआवजा इतनों को मिला
अभी तक मुआवजे के लिए मिले केस: 495
मुआवजा देने का निर्णय हुआ: 184
मुआवजा दिया जा चुका: 171
जांच के लिए लंबित: 291
कोर्ट के आदेश- बच्चों को आवारा कुत्तों से न हो नुकसान
एडवोकेट अजय जग्गा ने मुख्य सचिव और नगर निगम कमिश्नर को पत्र लिखकर सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेशों को चंडीगढ़ में भी लागू करने की मांग की है। जग्गा ने इन आदेशों का हवाला देते हुए बताया कि कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिए के नवजात व बच्चों को आवारा कुत्तों से कोई नुकसान नहीं होना चाहिए।
कोर्ट ने अति संवेदनशील क्षेत्रों से पांच हजार कुत्तों को छह से आठ सप्ताह में पकड़कर सीसीटीवी युक्त शेल्टर में स्थायी रूप से भेजने और एक सप्ताह में डाग बाइट हेल्पलाइन शुरू करने के निर्देश दिए हैं। आदेश में चेतावनी दी गई है कि अमल में बाधा डालने वालों पर सख्त कानूनी कार्रवाई और अवमानना कार्यवाही होगी।
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