एसवाइएल पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले कैप्टन ने राजनाथ सिंह से मांगा सहयोग
एसवाइएल विवाद को लेकर एक बार फिर पंजाब और हरियाणा की सरकारें सतर्क हो चुकी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विवाद को कोर्ट के बाहर ही सुलझाने के लिए राजनाथ सिंह से सहयोग मांगा है।
जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सतलुज यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर मुद्दे को हल करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह से सहयोग मांगा है। कैप्टन ने राजनाथ से इस मसले पर बात की और 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले हरियाणा के साथ बैठक का प्रस्ताव रखा। पंजाब सरकार चाह रही है कि हरियाणा के साथ कोर्ट के बाहर आपसी सहमति बनाई जाए।
एसवाइएल पर अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कैप्टन ने कहा कि पंजाब किसी के अधिकार को नहीं मारना चाहता, लेकिन यह भी देखना पड़ेगा कि जब यह समझौता हुआ था, तब नदी में कितना पानी था। क्या आज भी उतना पानी है। इस बात की जांच जरूर होनी चाहिए। पंजाब का जमीनी पानी खत्म हो रहा है और ऐसे में नदी का पानी भी नहीं मिला, तो पंजाब बर्बाद हो जाएगा।
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अहम बात यह है कि बीती 12 मई को उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक के बाद कैप्टन ने पहली बार इस मुद्दे पर राजनाथ सिंह से सहयोग की मांग की है। चूंकि कैप्टन चाहते थे कि एसवाईएल मुद्दे को हल करने के लिए पंजाब व हरियाणा के बीच आपसी सहमति बने, लेकिन काउंसिल की बैठक के बाद हरियाणा सरकार ने आपसी बातचीत में कोई रुचि नहीं दिखाई। हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में ही मामले को हल करवाना चाहता था। यही कारण है कि कैप्टन ने राजनाथ से रुकी हुई बातचीत को चालू करवाने के लिए सहयोग मांगा है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उम्मीद जताई है कि इस मामले का न सिर्फ कोई सकारात्मक असर दिखाई देगा, बल्कि एसवाईएल का मुद्दा उनके कार्यकाल में ही खत्म हो जाएगा। यह मुद्दा कैसे खत्म होगा, इस संबंध में मुख्यमंत्री ने कोई खुलासा नहीं किया है।
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इनेलो ने की है गाड़ियां रोकने की घोषणा
कैप्टन ने यह बात तब कही है, जब 10 जुलाई को एसवाईएल मुद्दे पर इनेलो ने हरियाणा में पंजाब की गाड़ियां रोकने की घोषणा की है। इस संबंध में पंजाब के चीफ सेक्रेटरी ने अपने समकक्ष हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी से बात कर सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने की बात कही थी।
बैठक में हुई थी बहस
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 12 मई को उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में एसवाईएल मुद्दा उठा था। कैप्टन अमरिंदर सिंह और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल में बहस भी हुई थी। मनोहर लाल ने आपसी सहमति की बात को खत्म करते हुए सुप्रीम कोर्ट में ही मामले के हल की बात कही थी। राजनाथ ने इस मामले में दोनों मुख्यमंत्रियों व केंद्रीय वाटर रिसोर्स मंत्री उमा भारती के साथ बैठक कर मामले के हल की बात कही थी, लेकिन यह बैठक आज तक नहीं हो पाई।
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