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    Capt Amarinder Singh: पटियाला राजघराने से संबंध रखते हैं अमरिंदर सिंह, पढ़ें कैप्टन का सेना से राजनीति तक का सफर

    By Kamlesh BhattEdited By:
    Updated: Mon, 19 Sep 2022 06:02 PM (IST)

    पंजाब के दो बार सीएम रह चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह आज भाजपा में शामिल हो गए हैं। कैप्टन ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का भाजपा में विलय कर दिया है। कैप्टन ने सेना से करियर की शुरुआत की थी और फिर राजनीति में कदम रखा।

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    पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की फाइल फोटो।

    आनलाइन डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के दो बार सीएम रह चुके कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) आज भाजपा में शामिल हो गए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बनाई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव में पार्टी एक भी सीट नहीं जीत पाई। कैप्टन खुद भी हार गए थे। अब कैप्टन अपनी पार्टी का विलय भाजपा में कर रहे हैं।

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    कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे हैं। वह 26 फरवरी 2002 से 1 मार्च 2007 व दूसरी बार 16 मार्च 2017 से 18 सितंबर 2021 तक मुख्यमंत्री रहे। कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब प्रधान बनने के बाद कैप्टन असहज हो गए। सिद्धू अपनी ही कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार को असहज करने में लगे रहे।

    आहत होकर कैप्टन ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद कैप्टन ने पार्टी भी छोड़ दी थी और अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस का गठन कर दिया। विधानसभा चुनाव में कैप्टन की पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा। चुनाव में सफलता न मिलने के बाद कैप्टन कुछ दिन राजनीति से दूर रहे। अब एक बार फिर कैप्टन सक्रिय हुए हैं। 

    11 मार्च 1942 को पटियाला राजघराने में जन्मे कैप्टन पंजाब की राजनीति में कद्दावर नेता माने जाते हैं। राजनीति में कदम रखने से पहले अमरिंदर सिंह सेना में थे। उन्होंने वर्ष 1963 में सेना ज्वाइन की थी। वर्ष 1965 में उन्होंने एक बार सेना छोड़ दी थी, लेकिन वर्ष 1966 में पाकिस्तान से युद्ध छिड़ने की संभावनाएं बनी। इस पर कैप्टन ने एक बार फिर सेना ज्वाइन कर दी। युद्ध की स्थितियों खत्म होने के बाद उन्होंने फिर सेना छोड़ दी।

    कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पहली बार वर्ष 1980 में राजनीति में कदम रखा। उन्होंने अपनी राजनीतिक सफर की शुरुआत कांग्रेस से की। 1980 में उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। वर्ष 1984 में सिख दंगों के कारण कैप्टन ने कांग्रेस छोड़ दी और शिरोमणि अकाली दल का दामन थाम लिया। 

    वर्ष 1984 में शिरोमणि अकाली दल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को राज्यसभा भेजा। अकाली सरकार में कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब के कृषि और वन मंत्री भी रहे। बाद में कैप्टन अमरिंदर सिंह एक बार फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। वह 1999 से 2002 तक पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष रहे। पंजाब विधानसभा का 2002 में हुआ विधानसभा चुनाव कैप्टन के नेतृत्व में लड़ा गया। इसमें कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की और कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम बनाया गया। वह 2007 तक सीएम रहे। 

    वर्ष 2007 के विधानसभा चुनाव में शिअद-भाजपा गठबंधन ने जीत दर्ज की। 2014 के चुनाव में भी शिअद-भाजपा गठबंधन जीता। कैप्टन ने कांग्रेस के लिए वर्ष 2017 में एक बार फिर सत्ता का सूखा खत्म किया। कांग्रेस ने उन्हें सीएम पद सौंपा, लेकिन कार्यकाल की समाप्ति से कुछ समय पूर्व वह कांग्रेस में असहज महसूस करने लगे और सीएम पद छोड़ दिया। कैप्टन ने अपनी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बनाई, जिसका आज उन्होंने भाजपा में विलय कर दिया है।

    कैप्टन अमरिंदर सिंह का परिवार

    कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला राजघराने से संबंध रखते हैं। कैप्टन की पत्नी परनीत कौर भी राजनीति में हैं। वह अभी कांग्रेस में ही हैं और पटियाला से सांसद हैं। परनीत कौर मनमोहन सिंह मंत्रिमंडल में विदेश राज्य मंत्री रह चुकी हैैं।

    कैप्टन का प्रोफाइल

    नाम : कैप्टन अमरिंदर सिंह

    पिता : पटियाला के महाराज यादविंदर सिंह

    माता : मोहिंदर कौर

    पत्नी : परनीत कौर

    बच्चे : बेटा रणिंदर सिंह व बेटी जय इंदर कौर