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    पंजाब में गाड़ियों को बुलेटप्रूफ बनाना अब आसान नहीं, पहले बतानी होगी ये बातें; फिर मिलेगी अनुमति

    Updated: Sun, 01 Jun 2025 04:39 PM (IST)

    चंडीगढ़ में अब वाहनों को बुलेटप्रूफ बनाने के लिए सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। इसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है जो नियम और लाइसेंसिंग प्रक्रिया तय करेगी। शौक के लिए बुलेटप्रूफ करवाने वालों पर अब पुलिस निगरानी रखेगी क्योंकि पहले ऐसे वाहनों का कोई रिकॉर्ड नहीं था जिससे अपराधियों को फायदा हो रहा था। अब कंपनियों को भी जानकारी देनी होगी।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    रोहित कुमार, चंडीगढ़। अब किसी भी वाहन को बुलेटप्रूफ बनाने के लिए पहले अनुमति लेनी होगी। इस के लिए नियम बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन कर दिया गया है। जिस में अलग अगल विभागों के छह अधिकारियों व एक तकनीकी विशेषज्ञ को शामिल किया गया है। इस कमेटी की अध्यक्षता गृह विभाग के अतिरिक्त सचिव करेंगे।

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    इसमें एडीजीपी सिक्योरिटी, एडीजीपी इंटेलिजेंस, परिवहन विभाग, उद्योग विभाग के सचिव, पंजाब के लीगल रिमेंबरेंस और एक तकनीकी विशेषज्ञ को शामिल किया गया है। कमेटी प्राइवेट वाहनों को बुलेटप्रूफ बनाने की प्रक्रिया, इसके लिए आवश्यक लाइसेंसिंग और तकनीकी सुरक्षा मानकों पर अपनी सिफारिशें तैयार करेगी।इन सिफारिशों को पूरा करने का काम एक माह में पूरा किया जाएगा।

    अधिकारियों के मुताबिक कई लोग शौक के लिए भी अपने वाहनों को बुलेटप्रूफ करवा लेते है। ऐसे में अपराधी भी इस का लाभ उठा लेते है। अब जो भी व्यक्ति अपने वाहन को बुलेटप्रूफ करवाना चाहेगा पुलिस देखेगी कि उस किस से कितना खतरा है।

    वह वाहन को बुलेटप्रूफ क्यों करवाना चाहता है इसके बाद ही अनुमति दी जाएगी। ध्यान रहे कि राज्य में अभी तक निजी वाहनों को बुलेटप्रूफ करवाने के कोई नियम नहीं है।

    न ही किसी तरह का कोई डाटा मौजूद है कि राज्य में कितने लोगों के पास बुलेटप्रूफ वाहन है। इन वाहनों के लिए किसी तरह की अलग से आरसी या दस्तावेज भी जारी नहीं किया जाता। राज्य में कई गैंगस्टरों, नशा तस्करों के साथ मुठभेड़ में बुलेटप्रूफ वाहन मिलने के बाद चिता बढ़ गई थी। वहीं अब जो कंपनियां वाहनों को बुलेटप्रूफ बनाने का काम करती है उन्हें भी इस बात की जानकारी देनी होगी कि उन्होंने किस व्यक्ति के वाहन को बुलेटप्रूफ किया है।

    क्या वाहन बुलेटप्रूफ करवाने से पहले उसके पास सरकारी अनुमति दिखाई गई थी या नहीं। लेकिन अब इस के लिए अलग से आरसी या दस्तावेज जारी किया जाएगा। राज्य में बुलेटप्रूफ वाहनों के माडिफिकेशन से संबंधित कोई स्पष्ट नीति या नियमावली मौजूद नहीं है।

    राज्य की प्रशासनिक नाकामी और आपराधिक तत्वों को खुली छूट दिए जाने का संकेत है। गैंगस्टरों को इस तरह की अतिरिक्त सुरक्षा मिलना, उनकी ताकत को और बढ़ावा देने जैसा है, जो कानून के शासन के लिए अत्यंत खतरनाक है।