Punjab Politics: बीजेपी 3 साल बाद फिर लगाएगी जनता की विधानसभा, कैग रिपोर्ट पेश कर आप को घेरने की तैयारी
चंडीगढ़ में भाजपा आप द्वारा पीएम मोदी के बाढ़ राहत निधि को जुमला कहने के विरोध में जनता की विधान सभा आयोजित करेगी। यह आयोजन सेक्टर 37 में होगा जहां पहले भी 2022 में ऐसी ही सभा हुई थी जब आप सरकार विश्वास प्रस्ताव लाई थी। भाजपा का आरोप है कि आप सरकार सदन की गरिमा को गिरा रही है और लोगों को गुमराह कर रही है।

कैलाश नाथ, चंडीगढ़। पंजाब विधान सभा के विशेष सत्र में सत्तारूढ़ आप आदमी पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बाढ़ राहत के लिए दिए गए 1600 करोड़ रुपये को ‘जुमला’ बताकर सदन में विरोध करने, राज्य आपदा प्रबंधन फंड में पड़े 12,000 करोड़ रुपये के फंड को लेकर लोगों को गुमराह करने के विरोध में भारतीय जनता पार्टी सोमवार 29 सितंबर को जनता की विधान सभा लगाएगी।
भाजपा के सेक्टर 37 स्थित प्रदेश कार्यालय के पास बंद पड़े बत्रा सिनेमा के पार्किंग में यह आयोजन किया जाएगा। अहम बात यह हैं कि 27 सितंबर 2022 को भी भाजपा ने इसी स्थान पर जनता की विधान सभा का आयोजन किया था।
भारतीय जनता पार्टी अपने इतिहास को दोहराने जा रही है। 27 सितंबर 2022 को पार्टी ने इसलिए जनता विधान सभा आयोजित की थी क्योंकि सत्ताधारी आम आदमी पार्टी विधान सभा में विश्वास प्रस्ताव लेकर आ रही थी।
विधानसभा में पेश किया गया था प्रस्ताव
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 28 सितंबर 22 को यह प्रस्ताव विधान सभा में पेश किया था। इस प्रस्ताव को इसलिए ऐतिहासिक माना गया था क्योंकि विधान सभा में अविश्वास प्रस्ताव तो पेश हो सकता था लेकिन विश्वास प्रस्ताव नहीं।
इसी प्रकार बीते कल 26 सितंबर को आप सरकार ने विधान सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए 1600 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को जुमला बताकर विरोध किया। आप के विधायक वेल में आकर पोस्टर लहराने लगे। जिसके कारण स्पीकर को सदन 20 मिनट के लिए स्थगित करनी पड़ी।
विधान सभा के इतिहास में पहला मौका था जब सत्ता पक्ष की वजह से सदन की कार्यवाही स्थगित हुई हो और सत्ता पक्ष ने विरोध किया हो।
जनता की विधानसभा
भाजपा ने इसे सदन की गरिमा को तार-तार करने वाला बताया है। जानकारी के अनुसार इस घटना के बाद भाजपा कोर ग्रुप की बैठक में फैसला लिया गया कि भाजपा जनता की विधानसभा लगाएगी।
हालांकि, इस बार इस विधान सभा की कमान कार्यकारी प्रधान व पठानकोट के विधायक अश्वनी शर्मा संभालेंगे। जबकि 2022 में सुनील जाखड़ ने कमान संभाली थी। जाखड़ इन दिनों शहर में नही हैं।
वहीं, अश्वनी शर्मा ने अपने एक्स एकाउंट पर लिखा कि ‘जब विधान सभा की मर्यादा को ठेस पहुंच जाए, स्पीकर अपना संवैधानिक फर्ज भूल जाए, सत्ता पक्ष जनता की आवाज का मजाक उड़ाने लगे और सरकार जनता के जख्मों पर मरहम की जगह नमक छिड़कने लगे तो लोगों की अपनी विधान सभा बुलाना लाजमी हो जाता है।
वहीं, भाजपा नेता डॉ. सुभाष शर्मा का कहना हैं कि ‘आप ने विधान सभा की मर्यादा को तार-तार कर दिया है। सरकार अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए इतना नीचे गिर गई हैं कि उसने विधान सभा का भी नहीं छोड़ा।
2022 में सरकार विश्वास प्रस्ताव लाई। वो भी राज्यपाल को गुमराह करके। क्योंकि नियमानुसार सरकार विश्वास प्रस्ताव ला ही नहीं सकी।
अब सरकार सदन के अंदर प्रधानमंत्री का विरोध करते हैं तो देश के 140 करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं और तो और सदन में ही सरकार एसडीआरएफ के 12000 करोड़ को लेकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश करती हैं। कैग रिपोर्ट का भी खुलासा होगा और सरकार की सच्चाई भी जनता के सामने लाई जाएगी।’
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