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    'BJP सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार', अश्वनी शर्मा बोले- कैप्टन का बयान व्यक्तिगतन

    Updated: Mon, 01 Dec 2025 10:03 PM (IST)

    कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भाजपा और शिरोमणि अकाली दल के गठबंधन की वकालत की है, जबकि भाजपा के अश्वनी शर्मा ने पंजाब की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी की बात कही है। कैप्टन ने 2027 में सरकार बनाने के लिए गठबंधन को ज़रूरी बताया। आप मंत्री हरपाल चीमा ने इसे नकारे गए लोगों का मिलन बताया। 

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    पंजाब चुनाव पर क्या बोले बीजेपी नेता अश्विनी शर्मा। फाइल फोटो

    कैलाश नाथ, चंडीगढ़। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शिरोमणि अकाली दल के साथ भाजपा गठबंधन की वकालत की है। जबकि भाजपा के कार्यकारी प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा ने कहा हैं कि पार्टी पंजाब की सभी 117 सीटों पर अकेले लड़ने को लेकर तैयार है।

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    कैप्टन ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान इस बात पर जोर दिया था कि भाजपा को 2027 में सरकार बनानी है तो शिअद के साथ गठबंधन कर लेना चाहिए। नहीं तो 2027 क्या 2032-2037 भूल जाओ। कैप्टन के इस बायन पर आम आदमी पार्टी के कैबिनेट मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि लोगों द्वारा नकारे गए लोग एक बार फिर एकजुट होने लगे हैं। वहीं, अश्वनी शर्मा ने कहा कि यह कैप्टन के व्यक्तिगत राय है।

    वहीं, शिअद के साथ गठबंधन कि हमेशा ही हिमायत करने वाले भाजपा के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ कैप्टन के इस बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके। जबकि अश्वनी शर्मा ने कहा ‘कैप्टन अमरिंदर सिंह वरिष्ठ नेता हैं। वह दो बार पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। यह उनके व्यक्तिगत विचार है। क्योंकि पार्टी सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।’

    उन्होंने कहा, भाजपा अकेले 2022 के विधान सभा और 2024 की लोक सभा चुनाव लड़ चुकी है। पार्टी लगातार पंजाब में अपने पैर मजबूत कर रही है। वहीं, हरपाल चीमा द्वारा गठबंधन को लेकर दिए गए बयान पर अश्वनी शर्मा ने कहा ‘चीमा साहब को इधर-उधर की बात छोड़ कर यह बताना चाहिए कि ‘आप’ ने पंजाब को क्यों लूटा। राज्य के कानून व्यवस्था हो या अवैध माइनिंग का मुद्दा, ड्रग्स का मुद्दा हो या मुलाजिमों पर पुलिस के अत्याचार का।

    उस पर तो चीमा कुछ नहीं बोलते।’ उन्होंने कहा, ‘जब मैंने अवैध माइनिंग की बात की तो मुख्यमंत्री भगवंत मान उसे मजाक में उड़ा देते हैं। जब एक विधायक कोई मुद्दा उठाता हैं तो मुख्यमंत्री का फर्ज होता हैं कि उसे गंभीरता से लें लेकिन सरकार अपनी आदत से मजबूर है। आज पंजाब सरकार की कोर्ट में रोजाना फजीहत हो रही है।

    सही कहें तो अब सरकार की कारगुजारी के आगे फजीहत शब्द भी छोटा लगने लगा है। इस सब पर तो चीमा साहब कुछ नहीं बोलते। कैबिनेट मंत्री को अपनी सरकार की कारगुजारी पर फोकस करना चाहिए।’ वहीं, कैप्टन के बयान के बाद सबकी नजरें सुनील जाखड़ की तरफ थी। क्योंकि वह शुरू से ही इस बात के पक्षधर रहे हैं कि शिअद-भाजपा का गठबंधन हो जाना चाहिए लेकिन वह अपना पक्ष रखने के लिए उपलब्ध नहीं हो सके।