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    आतंकी भुल्लर की रिहाई का बिट्टा ने किया विरोध, दिल्ली की CM रेखा गुप्ता को पत्र लिखकर क्या कहा?

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 08:28 PM (IST)

    एंटी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिंदर जीत सिंह बिट्टा ने आतंकी दविंदर पाल सिंह भुल्लर की संभावित रिहाई का विरोध किया है। उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा कि भुल्लर को रिहा करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होगा। बिट्टा ने आरोप लगाया कि भुल्लर की रिहाई के लिए विदेशी फंडिंग हो रही है। 1993 में भुल्लर ने दिल्ली में कार बम धमाका किया था, जिसमें 11 लोग मारे गए थे।

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    बिट्टा ने दिल्ली की सीएम को लिखा पत्र, आतंकी भुल्लर को न दें स्थायी रिहाई (फोटो: जागरण)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। 1993 में दिल्ली में कार बम धमाके के दोषी आतंकी दविंदर पाल सिंह भुल्लर की संभावित स्थायी रिहाई का एंटी टेररिस्ट फ्रंट के अध्यक्ष मनिंदर जीत सिंह बिट्टा ने कड़ा विरोध किया है।

    उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और तिहाड़ जेल प्रशासन को पत्र लिख कहा है कि यदि उसे छोड़ा गया तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा, न्याय प्रणाली का अपमान और आतंकवाद को राजनीतिक संरक्षण देने जैसा होगा।

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    बिट्टा ने अपने पत्र में कहा है कि कुछ राजनीतिक दल और धार्मिक संगठन गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती के अवसर पर भुल्लर की स्थायी रिहाई के लिए लाबिंग कर रहे हैं। इसके लिए विदेश से फंडिंग भी हो रही और खालिस्तानी नेटवर्क भी बड़ी भूमिका निभा रहा है।

    कनाडा में रहती भुल्लर की पत्नी नवनीत कौर ने करोड़ों रुपये जुटाकर वरिष्ठ वकीलों कपिल सिब्बल, केटीएस तुलसी और मुकुल रोहतगी को फीस दी ताकि भुल्लर को बचाया जा सके। दूसरी तरफ पीड़ित परिवार अपने मामलों के लिए वकील तक नहीं कर सके।

    भुल्लर ने 11 सितंबर 1993 को दिल्ली के रायसीना रोड पर इंडियन यूथ कांग्रेस कार्यालय के बाहर बिट्टा को निशाना बनाकर कार बम धमाका किया था। इस धमाके में 11 लोग मारे गए और 50 से अधिक घायल हुए थे।

    इनमें आइटीबीपी, सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवान भी शामिल थे। भुल्लर की गिरफ्तारी के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 2001 में उसे मौत की सजा सुनाई लेकिन 2014 में इसे उम्रकैद में बदल दिया गया। तब से वह तिहाड़ जेल में बंद है।

    बिट्टा का आरोप है कि उस समय शीला दीक्षित सरकार और बाद में अरविंद केजरीवाल सरकार ने मिलकर राजनीतिक दबाव में भुल्लर को मानसिक रोगी घोषित कराया।

    बिट्टा ने दिल्ली सरकार और सजा समीक्षा बोर्ड से आग्रह किया है कि कोई भी निर्णय लेने से पहले केंद्रीय व राज्य की खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट को जरूर देखा जाए।

    कनाडा में रहते आतंकी गोल्डी बराड़ और अमेरिका में सक्रिय एसजेएफ प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की ओर से उन्हें धमकियां मिली हैं। अगर उसकी रिहाई के बाद उनके या किसी भी गवाह पर हमला होता है, तो इसकी जिम्मेदारी समीक्षा बोर्ड और सिफारिश करने वालों की होगी।