सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में बिक्रम मजीठिया को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत, पंजाब सरकार ने पेश की स्टेटस रिपोर्ट
वरिष्ठ अकाली नेता बिक्रम मजीठिया को सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली। कोर्ट ने सुनवाई 29 सितंबर तक स्थगित कर दी। मजीठिया पर विजिलेंस विभाग की छापेमारी के दौरान सरकारी कार्य में बाधा डालने का आरोप है जिसके चलते उनके खिलाफ एक नई एफआईआर दर्ज की गई है।

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। वरिष्ठ अकाली नेता व पूर्व कैबिनेट बिक्रम सिंह मजीठिया को सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली। मंगलवार को सुनवाई के दौरान जस्टिस त्रिभुवन दहिया ने कोई राहत न देते हुए सुनवाई 29 सितंबर तक स्थगित कर दी है।
उधर, मंगलवार को कोर्ट के आदेश पर पंजाब सरकार ने इस मामले में स्टेटस रिपोर्ट पेश की। आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तारी के बाद उनके खिलाफ एक नई एफआइआर दर्ज की गई है, जिसमें उन पर विजिलेंस विभाग की छापेमारी के दौरान सरकारी कार्य में बाधा डालने का गंभीर आरोप लगाया गया है।
25 जून 2025 को पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया के अमृतसर स्थित आवास सहित पंजाब के 25 स्थानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार किया गया था। छापेमारी के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे, जिनमें मजीठिया और उनकी पत्नी अकाली विधायक गुनीव कौर मजीठिया, विजिलेंस अधिकारियों से तीखी बहस करते नजर आए।
उन्होंने अधिकारियों पर बिना सूचना घर में घुसने और बच्चों को डराने का आरोप लगाया था। इसी घटना के आधार पर अमृतसर पुलिस ने मजीठिया और उनके समर्थकों के खिलाफ नई एफआइआर दर्ज की है।
एफआइआर में कहा गया है कि मजीठिया ने छापेमारी के दौरान विजिलेंस टीम के कार्य में हस्तक्षेप किया और उन्हें कर्तव्य निभाने से रोका। मजीठिया इस समय जेल में बंद है और उन्होंने हाई कोर्ट में नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की है।
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