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नौकरियों के नाम पर खिलाडिय़ों के साथ हो रहा बड़ा 'खेल', विभागों में चल रही खास फिक्सिंग

पंजाब में सरकारी नौकरियों में खिलाडि़यों के कोटा के नाम पर बड़ा खेल चल रहा है। विभागों में इस पर फिक्सिंग चल रही है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 22 Jun 2019 11:37 AM (IST)Updated: Sun, 23 Jun 2019 08:03 PM (IST)
नौकरियों के नाम पर खिलाडिय़ों के साथ हो रहा बड़ा 'खेल', विभागों में चल रही खास फिक्सिंग

चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। पंजाब के सरकारी विभागों में खिलाडिय़ों के साथ बड़ा खेल हो रहा है। विभागों के अधिकारी फिक्सिंग कर खिलाडिय़ों के लिए आरक्षित किए गए तीन फीसदी कोटे को डी-नोटीफाई करके हड़प रहे हैं। इसकी भनक भी खेल विभाग को नहीं लग पा रही है। खेल विभाग जब सरकारी विभागों से यह जानकारी मांग रहा है कि उन्होंने अपने यहां कितने खिलाडिय़ों को नौकरी दी, तो इसकी जानकारी नहीं दी जा रही है। खेल विभाग के अधिकारी अब इस मामले को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के समक्ष ले जाने तैयारी में हैं।

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विभागों के अधिकारी मिलीभगत कर हड़प रहे तीन फीसद कोटा

जानकारी के अनुसार सरकारी नौकरी में खिलाडिय़ों के लिए रखे गए तीन फीसद कोटा हमेशा ही विभागों के अधिकारियों को खटकता रहता है। कई बार इस कोटे को डी-नोटीफाई करवाने के लिए विभाग के अधिकारी खेल विभाग को सिफारिश करते रहते हैं। पिछले दिनों भी खेल विभाग के सेक्रेटरी ने स्पीकिंग ऑर्डर जारी कर विभागों की इस सिफारिश को सिरे से खारिज कर दिया था।

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वहीं, खेल विभाग की जानकारी में आया है कि सब-ऑर्डिनेट सर्विस सलेक्शन बोर्ड ने पिछले तीन वर्षों में पांच हजार के करीब भर्तियां की हैं। विभाग की स्पेशल सेक्रेटरी व डायरेक्टर अमृत कौर गिल ने बोर्ड को पत्र लिख कर जानकारी मांगी है कि जो भर्तियां की गई हैं, उसमें खिलाडिय़ों की संख्या कितनी है।

जानकारी के अनुसार विभाग इससे पहले भी दो बार पत्र लिख चुका है, लेकिन बोर्ड के अधिकारियों की ओर से कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। खेल विभाग के अधिकारी अब इस मुद्दे को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पास ले जाने की तैयारी में हैं। क्योंकि खेल विभाग को शंका है कि बोर्ड खिलाडिय़ों के लिए तय तीन फीसद कोटे जनरल कोटे से भर रहा है। यही कारण है कि वह विभाग की ओर से बार-बार पत्र लिखे जाने के बावजूद कोई जानकारी नहीं दे रहा है।

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ऐसे होता है खेल

सरकार ने सरकारी नौकरी में तीन फीसद कोटा खिलाडिय़ों के लिए निर्धारित किया हुआ है। अगर खिलाड़ी कोटे से किसी ने आवेदन नहीं किया, तो संबंधित विभाग को खेल विभाग से स्वीकृति लेनी पड़ेगी कि उनके कोटे के लिए कोई आवेदक नहीं आया है। अत: संबंधित सीटों पर डी-नोटीफाई करने की स्वीकृति दी जाए। खेल विभाग को आशंका है कि विभाग अपने स्तर पर ही सीटों को डी-नोटीफाई कर रहा है। यही कारण है कि वह खेल विभाग को जानकारी नहीं दे रहे है।

फिर से जानकारी मांगी : गिल

स्पेशल सेक्रेटरी अमृत कौर गिल का कहना है कि सभी विभागों से बार-बार जानकारी मांगी जा रही है कि उन्होंने जो भर्तियां की हैं उसमें कितनों को खिलाडिय़ों के कोटेे से भरा गया है। विभाग यह जानकारी नहीं दे रहे है। इसी क्रम में सब-ऑर्डिनेट सर्विस सलेक्शन बोर्ड को दोबारा पत्र लिखा गया है। अगर जवाब नहीं आता तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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