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    दीवाली से पहले कैप्टन का कांग्रेस पर धमाका, कहा- अवैध रेत बजरी खनन में पंजाब के कई मंत्री और विधायक शामिल

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 03 Nov 2021 08:26 AM (IST)

    पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस से इस्‍तीफा देते हुए सोनिया गांधी को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्‍होंने कांग्रेस पर जमकर ...और पढ़ें

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    पंजाब के पूर्व सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस की राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। Captain Amrinder Singh Resigns Congress: पंजाब के पूर्व मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर‍ सिंह ने दीवालीीसे पहले ही धमाका कर दिया है और कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी करने के संक‍ेत दिए हैंं।  कांग्रेस से दिए अपने इस्‍तीफे में कई मुद्दे उठाए हैं और कई खुलासे किए हैं। इससे कांग्रेस के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। उन्‍होंने अवैध रेत बजरी खनन पर बड़ा खुलासा किया है। उन्‍होंने लिखा है कि अवैध रेत व बजरी खनन में कांग्रेस के कई मंत्री और विधायक भी शामिल थे। उन्‍होंने कांग्रेस को फजीहत से बचाने के लिए इन मंत्रियों और विधायकों के नाम घोषित नहीं किए। इसके साथ ही उन्‍होंने पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रभारी हरीश रावत पर भी हमला किया है। कैप्‍टन ने हरीश रावत को संदिग्‍ध व्‍यक्ति बताया है।   

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    बता दें कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस छोड़ दी और अपनी नई पार्टी की घोषणा कर दी। कैप्टन की पार्टी का नाम पंजाब लोक कांग्रेस रखा है। कैप्टन ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे सात पेज के त्याग पत्र में जहां अपने राजनीतिक करियर का जिक्र किया है वहीं इस बात के संकेत भी दिए हैं कि कांग्रेस की दुखती रग को दबाते रहेंगे।

    त्याग पत्र में कैप्टन ने पंजाब कांग्रेस के कई मंत्रियों और विधायकों पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाए कि उनकी (कैप्टन) सरकार में रेत और बजरी के अवैध खनन में कांग्रेस के कई मंत्री व विधायक शामिल थे जो आज भी सरकार में शामिल हैं। कैप्टन ने सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह सहित हरीश रावत और नवजोत सिंह सिद्धू पर भी निशाना साधा।

    त्याग पत्र में कैप्टन ने जहां अपनी सरकार के अच्छे कामों का उल्लेख किया है तो संकेत दे दिए हैं कि वह अवैध खनन के मुद्दे पर पर कांग्रेस के लिए परेशानियां खड़ी कर सकते हैं। क्योंकि कैप्टन ने करीब एक वर्ष पूर्व पंजाब विधानसभा में कुछ दस्तावेज दिखाते हुए कहा था कि उनके पास अवैध रेत का कारोबार करने वाले लोगों का कच्चा चिट्ठा मौजूद हैं। यह वह रिपोर्ट है जो उन्हें गृह मंत्री होने के नाते इंटेलीजेंस उपलब्ध करवाती थी।

    कहा- पार्टी की फजीहत न हो इसलिए विधायकों व मंत्रियों के नाम उजागर नहीं किए

    कैप्टन ने यह भी लिखा है कि पार्टी के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके नाम उजागर नहीं किए, ताकि कांग्रेस को शर्मिंदगी का का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस बात के भी संकेत दे दिए कि आने वाले समय में वह अवैध रेत के काम में लिप्त मंत्रियों व विधायकों के नामों की घोषणा कर सकते हैं। कैप्टन ने कहा है कि वह ऐसे नामों को सार्वजनिक करने की इच्छा रखते हैं।

    अवैध खनन में संलिप्त मंत्रियों और विधायकों पर कार्रवाई न करने का दुख

    रेत और बजरी के अवैध खनन में शामिल मंत्रियों और विधायकों के बारे में कैप्टन ने त्याग पत्र में यह भी लिखा है कि उन्हें इस बात का दुख है कि उन्होंने केवल इस कारण इन मंत्रियों और विधायकों पर कार्रवाई नहीं की कि कांग्रेस पार्टी की बदनामी न हो और पार्टी को शर्मिदगी का सामना न करना पड़े।

    एसवाइएल: कानून पास करने पर यूपीए ने मुझे नजरअंदाज किया

    पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह ने कहा कि जब 2004 में सतलुज यमुना लिंक नहर (एसवाइएल) के पानी को लेकर उनकी (कैप्टन) सरकार ने वाटर टर्मिनेशन एक्ट पास किया था तो उस समय केंद्र में यूपीए की थी। यूपीए सरकार यह कानून पास किए जाने को लेकर पंजाब के पक्ष में नहीं थी। कैप्टन ने लिखा कि मैं लगातार नौ महीने तक फोन करता रहा लेकिन सोनिया गांधी और तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने मेरा फोन तक नहीं उठाया।

    सोनिया ने बच्चों के कहने पर सिद्धू को लेकर आंखें मूंद कर लिया निर्णय

    कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने त्याग पत्र में सोनिया गांधी पर भी हमला किया। त्याग पत्र में लिखा कि नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर आपने अपने बच्चों के कहने पर आखें मूंदकर निर्णय ले लिया। जब नवजोत सिंह सिद्धू मुझ पर और मेरी सरकार पर हमला कर रहे थे तो आपके बच्चों ने उस पर लगाम लगाने के बजाय उन्हें (सिद्धू) संरक्षण दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सिद्धू को अध्यक्ष बनाकर हाईकमान पछता तो जरूर रहा होगा। कैप्टन ने पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजाेत सिंह सिद्धू को लेकर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा पर हमला किया। 

    हरीश रावत पर हमला बताया संदिग्ध्य व्यक्ति, नवजोत सिंह सिद्धू पर भी किया हमला

    कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रभारी हरीश रावत पर हमला किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सांसद व विधायकों के विरोध के बावजूद सिद्धू को कांग्रेस का प्रदेश प्रधान बनाया गया,  जबकि सिद्धू पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी हैं। सिद्धू ने पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल बाजवा को जफ्फी भी डाली थी।

    वहीं, कैप्‍टन अमरिंदर ने हरीश रावत को संदिग्ध्य व अविश्‍वसनीय व्यक्ति बताया है। काबिलेगौर है कि रावत के पंजाब का प्रभारी बनने से पहले तक पंजाब में कैप्टन की सरकार बगैर किसी विघ्न के चल रही थी और उनके प्रभारी बनने के बाद ही स्थितियों में बदलाव होना शुरू हो गया। सुनील जाखड़ को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर सिद्धू को अध्यक्ष प्रधान बनाया गया। बाद में कैप्टन ने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।

    यह भी पढ़ें: कैप्‍टन अमरिंदर सिंह के कांंग्रेस से इस्‍तीफे के बाद पंजाब की सियासत में हलचल तेज, कांग्रेस चन्‍नी सरकार को लेकर सांसत में

    सात पन्ने के अपने इस्तीफे में कैप्टन अमरिंदर ने जहां अपने द्वारा किए गए कामों का उल्लेख भी किया तो वहीं, उन्होंने इस बात के संकेत दे दिए हैं कि अवैध रेत बजरी को लेकर वह कांग्रेस के लिए आने वाले समय में परेशानियां खड़ी कर सकते है। बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक वर्ष पूर्व पंजाब विधानसभा में कुछ कागजात दिखाते हुए कहा था कि उनके पास अवैध रेत का कारोबार करने वाले लोगों का कच्चा चिट्ठा मौजूद है। कैप्टन ने साफ कहा है कि यह वह रिपोर्ट है जोकि बतौर गृह मंत्री उन्हें इंटैलिजेंस दिया करती थी।

    किसान आंदोलन और भाजपा: लोग जानते हैं कि कौन सांप्रदायिक

    कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान आंदोलन को लेकर कांग्रेस नेताओं की ओर से उन पर भाजपा और राजग के साथ मिले होने के आरोपों पर कहा है कि जब जरूरत पड़ी तो कांग्रेस ने महाराष्ट्र में शिवसेना के साथ समझौता कर लिया। लोग सब जानते हैं कि कौन सांप्रदायिक है और कौन गैर-सांप्रदायिक।

    कैप्टन ने 24 साल बाद दूसरी बार फिर छोड़ी कांग्रेस

    पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अम¨रदर सिंह ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत 1969 में कांग्रेस से की थी। 1984 में उन्होंने आपरेशन ब्लू स्टार के बाद कांग्रेस छोड़कर अकाली दल में शामिल हो गए। इसके बाद 1998 में फिर कांग्रेस में लौटे और अब 24 साल बाद एक बार फिर कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बना ली है

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