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    हरियाणा विधानसभा सत्र के आखिरी दिन बवाल, विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल; हुड्डा ने जमकर बोला हमला

    हरियाणा विधानसभा के अंतिम दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर हमला बोला और कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए। उन्होंने आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल पर आक्रामक रुख अपनाया और कलेक्टर रेट बढ़ाने पर भी सरकार को घेरा। हुड्डा ने सरकार को अपनी कमियों को सुधारने की सलाह दी और कहा कि भाजपा को अपने कार्यकाल में हुए काम पर ध्यान देना चाहिए।

    By Sudhir Tanwar Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Wed, 27 Aug 2025 10:19 PM (IST)
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    भूपेंद्र हुड्डा की सरकार को दो टूक, हमारी छोड़ो, अपने काम बताओ।

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। हरियाणा विधानसभा के अंतिम दिन सदन में माहौल कई बार गर्म हुआ। आरोप-प्रत्यारोपों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर सधे अंदाज में कई बार हमला बोला।

    सदन में आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल पर जहां पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा काफी आक्रामक नजर आए, वहीं जमीन के कलेक्टर रेट बढ़ाने को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी सलाह दे डाली कि हमारी सरकार में किए कार्यों को छोड़कर अपनी सरकार द्वारा किए काम बताओ।

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    उन्होंने सदन के बाहर मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि कानून व्यवस्था की स्थिति राज्य में बहुत खराब है और सरकार उसे नियंत्रित नहीं कर पा रही है। यह सरकार की पूरी तरह से विफलता है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस विधायकों ने कई मुद्दों पर विधानसभा में सरकार को घेरा।

    रणनीति के तहत कांग्रेस के वरिष्ठ विधायकों ने जहां संयमित तरीके से मोर्चा संभाला, वहीं युवा विधायकों ने तीखे तेवर बरकरार रखे। यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण को कहना पड़ा कि युवा दल को मैं देख रहा हूं। वे शोर-शराबा करते हैं और फिर इकट्ठे होकर निकल जाते हैं।

    सदन में आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल पर हंगामे के दौरान हुड्डा ने नायब के साथ ही विज को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री उन्हें अपने पिता तुल्य बताते हैं तो दूसरी तरफ गलत भी बोलते हैं। मुख्यमंत्री को आपत्तिजनक शब्दों को तुरंत वापस लेना चाहिए। आखिर गलती मानने में हर्ज क्या है। उन्होंने कहा कि सरकार से जब भी कोई जवाब मांगा जाता है तो वह कांग्रेस के कार्यकाल की बात करने लगती है।

    होना यह चाहिए कि कांग्रेस के कार्यकाल की चिंता करने की बजाय मुख्यमंत्री को भाजपा के कार्यकाल में हुए काम व कानून व्यवस्था की स्थिति पर विपक्ष के सवालों का जवाब देना चाहिए। कलेक्टर रेट पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर जब मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में हुई कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी की तुलना मौजूदा सरकार से करनी शुरू की तो हुड्डा ने चुनौती दी कि आप वर्तमान की बात करो।

    हम तो हर गलत बात का विरोध करेंगे। सरकार बताए कि कलेक्टर रेट में बढ़ोतरी से क्या गरीब आदमी का आशियाना बनाना मुश्किल नहीं हो जाएगा। मुख्यमंत्री के तर्कों पर सवाल उठाते हुए हुड्डा ने कहा कि यह दावा गलत है कि जमीन बेचने वालों पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। आखिर विक्रेताओं पर भी तो कैपिटल टैक्स लगेगा।

    हुड्डा बोले- तथ्यों के साथ होनी चाहिए हर बात

    सदन में खूब ठहाके लगे, जब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि स्टांप ड्यूटी भी कांग्रेस के राज में ही लगी थी। 1885 में कांग्रेस का गठन हुआ और 1899 में पहली बार देश में जमीन पर स्टांप ड्यूटी लगाई गई। यानी कि तब भी कांग्रेस की सहमति रही होगी।

    इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कुछ भी कह देने से काम नहीं चलता। तथ्यों के साथ बात होनी चाहिए। हुड्डा ने कहा कि अपनी कमियों को कांग्रेस के सिर मढ़ देना उचित बात नहीं है।

    जनता सब जानती है कि भाजपा हर मोर्चे पर विफल है। पिछले सालों में अभी तक कोई बिजली प्लांट, मेडिकल और शिक्षा केंद्र राज्य में नहीं आए हैं।