एक और बड़ा फैसला लेने की तैयारी में मान सरकार, सरकारी खजाने से नहीं भरा जाएगा विधायकों का इनकम टैक्स
पंजाब की भगवंत मान सरकार एक और बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है। मान सरकार ने अभी विधायकों को वन टर्म पेंशन देने का फैसला किया है। अब विधायकों का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से न भरने के फैसले की तैयारी है।
जय सिंह छिब्बर, चंडीगढ़। पंजाब सरकार द्वारा पूर्व को विधायकों वन टर्म पैंशन देने का फैसला लेने के बाद सरकार एक ओर महत्वपूर्ण फैसला लेने का विचार कर रही है। सरकार की ओर से विधायकों का इनकम टैक्स न भरने का विचार किया जा रहा है। इस मामले को लेकर सरकार जल्द ही कोई बड़ा फैसला कर सकती है।
बता दें, अभी तक राज्य में जिस किसी की सरकार रही हो विधायकों का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से भरा जाता है। हालांकि पूर्व की कैप्टन अमरिंदर सरकार की ओर से विधायकों का इनकम टैक्स सरकारी खजाने से न भरने का फैसला लिया गया था। विधायकों का टैक्स भरने का फैसला उनकी इच्छा शक्ति पर छोड़ दिया गया था।
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कैप्टन की अपील पर सिर्फ तीन विधायकों ने अपना टैक्स भरना शुरू कर दिया था। पूर्व विधायक कुलजीत सिंह नागरा, पूर्व विधायक सिमरनजीत सिंह बैंस, पूर्व विधायक बलविंदर सिंह बैंस अपना इनकम टैक्स खुद भरते थे।
दैनिक जागरण ने बीते वर्ष अक्टूबर 2021 में इस मामले को उठाया था। इसके बाद आप के सुनाम से विधायक अमन अरोड़ा ने विधानसभा स्पीकर को पत्र लिखकर अपना टैक्स खुद भरने की बात कही थी। विधायक हरपाल चीमा की अगुवाई में उन्होंने अपना टैक्स खुद भरने की हामी भरी थी।
बता दें, मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा पूर्व विधायकों को वन टर्म पेंशन देने की घोषणा की है। मान ने घोषणा में कहा है कि कोई भी पूर्व विधायक चाहे कितनी बार विधायक रहा हो लेकिन उसे पेंशन सिर्फ एक टर्म की मिलेगी। सरकारी खजाने पर बोझ कम करने के लिए सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है।
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इनकम टैक्स सरकारी खजाने से न भरने को लेकर भी आम आदमी पार्टी में मंथन चल रहा है। ऐसे फैसले लेकर पार्टी लोगों को यह संदेश देना चाह रही है कि जिन खर्चों की जरूरत नहीं है उनकी कटौती की जा रही है। पार्टी आगामी हिमाचल प्रदेश चुनाव को लेकर भी तैयारी कर रही है। हालांकि पार्टी ने अन्य राज्यों में चुनाव लड़ने की भी घोषणा की है।
इतना भरा टैक्स
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पूर्व कांग्रेस सरकार ने 2017-18 में 82,77,506 रुपये, 2018-19 में 65,95,264 रूपये, 2019-20 में 64,93,652 रुपये का टैक्स भरा। अगर मौजूदा सरकार ये फैसला ले लेती है तो इससे सरकारी खजाने पर बोझ काफी कम हो जाएगा।