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    “युद्ध नशियां विरुद्ध”: भगवंत मान सरकार ने लिया नशामुक्त पंजाब का संकल्प, उठाए गए कई कदम

    Updated: Tue, 18 Nov 2025 05:20 PM (IST)

    पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में 'युद्ध नशियां विरुद्ध' अभियान चल रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य को नशामुक्त करना है। सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और सीमा पर सुरक्षा बढ़ाई है। अभियान के तहत कई मामले दर्ज किए गए हैं और भारी मात्रा में नशीले पदार्थ बरामद किए गए हैं। गांव-गांव में नशामुक्त समितियां बनाई गई हैं और पुनर्वास केंद्र स्थापित किए गए हैं।

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    डिजिटल टीम, चंडीगढ़। पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में फरवरी 2025 से शुरू हुआ “युद्ध नशियां विरुद्ध” अभियान अब एक सशक्त जन-आंदोलन बन चुका है। इस ऐतिहासिक अभियान का उद्देश्य राज्य को नशे की जकड़न से मुक्त कर एक स्वस्थ, खुशहाल और प्रगतिशील पंजाब का निर्माण करना है। मुख्यमंत्री मान ने कहा, “हमने नशामुक्त पंजाब का संकल्प लिया है, और जनता के सहयोग से कोई ताकत हमें रोक नहीं सकती।”

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    सरकार ने नशा तस्करों के खिलाफ शून्य सहिष्णुता नीति अपनाई है। 553 किलोमीटर लंबी पंजाब-पाकिस्तान सीमा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए गए हैं ताकि सीमा पार से हो रही तस्करी को रोका जा सके। तस्करों की अवैध संपत्तियों पर बुलडोजर चलाकर सरकार ने स्पष्ट संदेश दिया है कि अब पंजाब में नशे के कारोबार को कोई संरक्षण नहीं मिलेगा।

    इस अभियान के तहत अब तक की उपलब्धियां अभूतपूर्व हैं। अभियान के तहत अब तक (6 नवंबर 2025) कुल 23,823 मामले दर्ज किए जा चुके हैं, जबकि 35,563 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। हेरोइन 1,525.068 किलोग्राम, स्मैक 0.266 किलोग्राम, अफीम 545.058 किलोग्राम, पोपी हस्क/हरे पौधे 26,254.965 किलोग्राम, चरस 38.245 किलोग्राम, गांजा 527.162 किलोग्राम, कोकीन 4.124 किलोग्राम, आइस (नशीला पदार्थ) 15.156 किलोग्राम, नशीला पाउडर 36.978 किलोग्राम बरामद किया गया है। इसके अलावा इंजेक्शन 1,575, टैबलेट्स/कैप्सूल्स (संख्या में) 40,00,444 तथा ड्रग मनी 13,60,95,651 रुपये बरामद हुई है।

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    सरकार ने गांव-गांव ‘नशामुक्त ग्राम रक्षा समितियां’ गठित की हैं। अब तक 4,500 से अधिक गांव खुद को नशामुक्त घोषित कर चुके हैं, जिनमें नवांशहर जिले का लंगड़ोया गांव मिसाल बना है। नशे के शिकार लोगों के पुनर्वास के लिए डी-एडिक्शन सेंटरों को मज़बूत किया गया है और कक्षा 9 से 12 तक नशा विरोधी शिक्षा को शामिल किया गया है।

    लुधियाना की मनमीत कौर (काल्पनिक नाम) जैसी कई महिलाएं सरकार के पुनर्वास कार्यक्रमों से नई जिंदगी पा रही हैं। मनमीत का कहना है कि पति से नशे की लत लगी थी। घर की स्थिति कंगाल हो गई है। अब सरकार की मुहिम से जिंदगी में फिर से रोशनी आई है। मुख्यमंत्री मान के शब्दों में “‘युद्ध नशियां विरुद्ध’ केवल एक अभियान नहीं, बल्कि पंजाब की आत्मा को पुनर्जीवित करने की लड़ाई है।” यह जंग अब हर पंजाबी की जंग बन चुकी है एक नशामुक्त, उज्ज्वल और सशक्त पंजाब के लिए।