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    Punjab News: अब किसानों को मनाने में जुटी पंजाब सरकार, आज शाम होगी अहम बैठक; क्या करने जा रही AAP सरकार?

    Farmer Protest पंजाब सरकार (Punjab Sarkar) और किसान संगठनों के बीच तीन मार्च को हुई बातचीत बेनतीजा रहने के बाद अब कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां (Gurmeet Singh Khuddian) मोर्चा संभालेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन उगराहां को आज चार बजे पंजाब भवन में मीटिंग के लिए बुलाया गया है। यह बैठक काफी महत्वपूर्ण बताई जा रही है।

    By Jagran News Edited By: Nitish Kumar Kushwaha Updated: Fri, 21 Mar 2025 09:06 AM (IST)
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    कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने किसान संगठनों को मीटिंग के लिए न्यौता दिया है। फाइल फोटो

    इन्द्रप्रीत सिंह, चंडीगढ़। तीन मार्च को मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) और संयुक्त किसान मोर्चा व भारतीय किसान यूनियन उगराहां के बीच टूटी बातचीत को अब कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां आगे बढ़ाएंगे। दोनों किसान संगठनों को आज चार बजे पंजाब भवन में मीटिंग के लिए न्यौता दिया गया है।

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    बेहद महत्वपूर्ण है यह बैठक

    यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण क्योंकि अभी कल ही संयुक्त किसान मोर्चा गैर राजनीतिक के शंभू और खनौरी में पिछले एक साल से लगे मोर्चों को राज्य सरकार ने एक बड़ा ऑपरेशन करते हुए हटा दिया, जिसकी प्रदेशभर में विपक्ष की ओर से आलोचना हो रही है और किसानों के साथ इसे धोखा बताया जा रहा है।

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    दूसरी ओर राज्य सरकार के मंत्री दावा कर रहे हैं कि इन धरनों से राज्य का काफी नुकसान हो रहा था, इसलिए इन्हें हटाया गया है। अब ऐसे में संयुक्त किसान मोर्चा राजनीतिक के विरोधी गुट को जिसे पंद्रह दिन पहले ही चंडीगढ़ कूच नहीं करने दिया गया था, के साथ एक बार फिर से बातचीत शुरू करके किसानों के गुस्से को ठंडा करने की कोशिश की जा रही है।

    बीच में बैठक छोड़कर चले गए थे मुख्यमंत्री

    कृषि विभाग के निदेशक जसवंत सिंह की ओर से जारी किए गए नोटिस में संयुक्त किसान मोर्चा पंजाब चैप्टर और भारतीय किसान यूनियन उगराहां के नेताओं को बुलाया गया है। तीन मार्च को किसानों की 18 मांगों में से आठ पर ही चर्चा हुई थी कि मुख्यमंत्री बैठक को बीच में छोड़कर चले गए थे।

    हालांकि, बाद में किसान नेताओं ने आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री के उस दावे को गलत बताया कि उनकी मांगें केंद्र सरकार से संबंधित थीं, पंजाब सरकार के साथ संबंधित नहीं थीं।

    इन मांगों को लेकर दोनों किसान संगठनों का पांच मार्च का चंडीगढ़ कूच राज्य सरकार ने जबरन दबा दिया था। किसान संगठनों ने कुछ दिनों बाद चंडीगढ़ में ही एक कॉन्फ्रेंस करके मुख्यमंत्री को चुनौती दी कि वह हमारी मीटिंग में आकर साबित करें कि उनकी मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं , राज्य से नहीं। लेकिन मुख्यमंत्री भगवंत मान इस बैठक में नहीं आए।

    केंद्र के खिलाफ प्रदर्शन करें, मैं साथ देने को तैयार: भुल्लर

    कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि वह अपने सारे पद छोड़कर किसानों के साथ धरना देने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि मेरी पंजाब के किसानों को हाथ जोड़कर निवेदन है कि जो भी उनकी मांगें हैं, वे केंद्र से संबंधित हैं।

    राज्य के किसान केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करें। अगर किसानों की मांगें पंजाब के साथ संबंधित होतीं तो वह किसानों के साथ खड़े होते। भुल्लर ने कहा कि मैं भी किसान परिवार से हूं इसलिए किसानों के साथ खड़ा हूं।

    धरने से राज्य का औद्योगिक विकास बाधित हुआ: चीमा

    वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए पंजाब में मजबूत औद्योगिक विकास की आवश्यकता है। उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के कारण शंभू और खनौरी जैसी प्रमुख सीमाओं पर लंबे समय तक सड़क बंद रहने के प्रतिकूल प्रभाव पर चिंता व्यक्त की।

    ये राजमार्ग एक साल से अधिक समय तक बंद रहने से पंजाब की अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर पड़ा है और औद्योगिक विकास बाधित हुआ है। किसानों से अपील की कि वे पंजाब के बुनियादी ढांचे को बाधित न करें।

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