गैंगस्टर अंकित भादू के खिलाफ पंजाब में छह और राजस्थान में 15 संगीन मामले थे दर्ज
मुठभेड़ के दौरानर मारे में गए गैंगस्टर अंकित भादू पर राजस्थान में कुल 15 व पंजाब में 6 संगीन मामले दर्ज थे।
मोहाली, संदीप कुमार। मुठभेड़ में मारे में गए गैंगस्टर अंकित भादू पर राजस्थान में कुल 15 व पंजाब में 6 संगीन मामले दर्ज थे। अंकित ने 12 दिसंबर की रात अंबाला में एक सुनार का कत्ल किया था, उसके बाद उसकी लोकेशन चंडीगढ़ की ट्रेस हुई, परंतु इंटेलिजेंस उस तक नहीं पहुंच पाई। उसका कारण था वह कॉन्टेक्ट करने के बाद अपना नंबर बंद कर लेता था और उसे लेने के लिए पंजाब यूनिवर्सिटी से गाड़ी आती थी। जोकि उसे उसके बताए हुए ठिकाने पर छोड़कर चली जाती थी।
सोपू को करता था सपोर्ट लारेंस बिश्नोई
सूत्रों के अनुसार संपत नेहरा की गिरफ्तारी के बाद अंकित भादू ही गैंग को संभाल रहा था। अंकित भी पंजाब यूनिविर्सिटी में सोपू को सपोर्ट करता था और इलेक्शन के दौरान सपोर्टर के तौर पर उसका फोटो भी पोस्टर में छपता था। अंकित वारदात के बाद चंडीगढ़ में आता और सोपू से जुडे़ नए प्रमोटरों के पीजी में शरण लेता। पार्टी से जुडे़ व बाहरी एरिया से आकर यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे युवक उसे पार्टी का स्ट्राग कैंडिडेट मानकर समर्थन करते। सुनार के कत्ल के बाद भी वह चंडीगढ़ में एक पीजी में रुका था।
अजय के खिलाफ राजस्थान में दर्ज थे 23 मामले
गैंगस्टर अंकित भादू पिछले एक साल से अपने घर से बाहर था, जोकि उसके परिजनों ने भी बताया है। सोमवार को वह पीर मुच्छला की महालक्ष्मी अपार्टमेंट में ही था और इससे पहले भी वह चार से पांच बार इस फ्लैट में रहने आया था। मंगलवार को एक फोन कॉल आने पर बहादुरगढ़ निकल गया, जहा मंगलवार की रात उसकी अपने विरोधी गुट के गैंगस्टर से मुठभेड़ हुई, जहा करीब 22 राउंड गोलिया चली और वहा अजय उर्फ डंका नाम के गैंगस्टर की हत्या की थी। मरने वाले अजय उर्फ डंका के खिलाफ भी राजस्थान में कत्ल व डकैती के 23 मामले दर्ज थे। कत्ल के बाद वह वापस ढकौली महालक्ष्मी अपार्टमेंट आ गया और वीरवार को उसका एनकाउंटर हो गया।
पुलिस को विरोधी गैंग ने दी थी अंकित भादू के छिपने की सूचना
सूत्रों से यह भी पता चला है कि पुलिस बता रही है कि अंकित चंडीगढ़ की एक लड़की के संपर्क में था। इसलिए लड़की के फोन लोकेशन को ट्रैप करने के बाद उसकी लोकेशन ट्रेस हुई। परंतु सूत्रों के अनुसार बहादुरगढ़ में कत्ल करने के बाद उसके विरोधी गुट ने पुलिस को अंकित भादू के छिपने का ठिकाना बताया था। इसी को आधार बनाकर पुलिस ने ट्रैप लगाकर उसका एनकाउंटर किया। यही नहीं, सूत्रों के अनुसार मौका-ए-वारदात पर एक संदिग्ध व्यक्ति को पुलिस की मुस्तैदी के दौरान एनकाउंटर का लाइव वीडियो किसी को दिखाते हुए देखा गया, जिसका फोटो भी कैमरे में कैद है। परंतु पुलिस क्रेडिट के लिए खुद का नेटवर्क स्ट्राग बता रही है।