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    संभल करें त्योहारी सीजन में ऑनलाइन शॉपिंग, एक्टिव हैं साइबर ठग; आपकी एक गलती से साफ हो जाएगा बैंक अकाउंट

    Updated: Mon, 22 Sep 2025 11:31 PM (IST)

    त्योहारी सीजन में साइबर ठगों की सक्रियता बढ़ जाती है। बुजुर्ग और कम तकनीकी ज्ञान वाले लोग आसानी से शिकार बन जाते हैं। पंजाब में साइबर अपराध के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। साइबर हेल्पलाइन और पोर्टल के माध्यम से धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने की सुविधा उपलब्ध है।

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    त्योहारों के सीजन में आनलाइन शापिंग संभलकर करें। फाइल फोटो

    रोहित कुमार, चंडीगढ़। त्योहारों के सीजन में आनलाइन शापिंग संभलकर करें। इस समय साइबर ठग सक्रिय हैं। फर्जी काल सेंटर व डिजिटल ठगी का खतरा बढ़ रहा है। बुजुर्ग, कम तकनीकी ज्ञान वाले व ग्रामीण इलाके के लोग सबसे ज्यादा शिकार बनते हैं। ठग नकली बैंक या सरकारी काल करके पैसे और निजी जानकारी हड़पते हैं और आम जन ठगी का शिकार हो जाते हैं।

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    पंजाब में साइबर अपराधों में पिछले तीन वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है इसलिए पुलिस इस त्योहारी सीजन में लोगों को सतर्क रहने को कह रही है। 2022 में राज्य में 378 साइबर अपराध के मामले दर्ज किए गए थे, जो 2023 में बढ़कर 551 हो गए, और 2024 में यह संख्या 697 तक पहुंच गई।

    इससे स्पष्ट है कि 2022 से 2024 तक मामलों में लगभग 84 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह वृद्धि साइबर अपराधों के प्रति बढ़ती जागरूकता व रिपोर्टिंग में वृद्धि को भी दर्शाती है।

    पंजाब पुलिस की साइबर क्राइम डिवीजन ने 2024 में 82.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जिसमें कुल 374 एफआइआर दर्ज की गईं और 64 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया। इसके अतिरिक्त, नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी हेल्पलाइन (1930) ने 35,201 शिकायतें प्राप्त की, जिसमें कुल 467.1 करोड़ की धोखाधड़ी की रिपोर्ट की गई।

    इनमें से 3.34 करोड़ को लियन मार्किंग के माध्यम से बचाया गया। मुख्य मामले मई 2024 : मोहाली के फेज 8-बी में दो फर्जी काल सेंटरों का भंडाफोड़ किया गया, जिनमें 155 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया। ये काल सेंटर अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाते थे।

    उन्हें अमेजन, एप्पल व, और अन्य कंपनियों के नाम पर धोखा देते थे। पुलिस ने इन सेंटरों से 12 लैपटाप, 14 मोबाइल फोन व एक स्कार्पियो एसयूवी जब्त की। यह कार्रवाई पंजाब पुलिस की साइबर क्राइम डिवीजन ने की थी, और यह राज्य में इस तरह की पहली बड़ी छापेमारी थी।

    सितंबर 2025 : फगवाड़ा के एक होटल से साइबर फ्राड रैकेट का पर्दाफाश हुआ, जिसमें 38 लोग गिरफ्तार हुए। आरोपियों ने विदेशी उपयोगकर्ताओं को फर्जी वायरस अलर्ट भेजकर उन्हें काल करने के लिए प्रेरित किया और फिर उनके बैंक विवरण चुराए।

    पुलिस ने इस छापेमारी में 40 लैपटाप, 67 मोबाइल फोन, और 10 लाख नकद जब्त किए। यह रैकेट दिल्ली, कोलकाता, बैंगलोर व लुधियाना जैसे शहरों से जुड़े हुए थे और इनका संचालन एक दिल्ली स्थित आपराधिक एजेंसी द्वारा किया जा रहा था।

    अमृतसर में फर्जी काल सेंटर का भंडाफोड़

    अमृतसर में एक फर्जी काल सेंटर पकड़ा गया, जिसमें लगभग 80 महिलाएं कर्मचारी थी। ये काल सेंटर ग्राहकों को गिफ्ट कार्ड्स के माध्यम से धोखा देता था। पुलिस ने इस आपरेशन में 47 मोबाइल फोन, 8 अतिरिक्त सिम कार्ड्स, और 6 लैपटाप जब्त किए।

    धोखाधड़ी के तरीके इन फर्जी काल सेंटरों की ओर से फर्जी वायरस अलर्ट उपयोगकर्ताओं को भेजकर उन्हें काल करने के लिए प्रेरित किया जाता था। ग्राहकों से गिफ्ट कार्ड्स के कोड लेकर उन्हें धोखा दिया जाता था।

    कभी-कभी, आरोपी स्क्रीन शेयरिंग के माध्यम से उपयोगकर्ताओं के बैंक विवरण चुराते थे। ठगी से बचने के लिए पुलिस ने साइबर हेल्पलाइन (1930) और शिकायत पोर्टल तैयार किए, ताकि लोग आसानी से धोखाधड़ी की रिपोर्ट कर सकें।

    लोगों को संदिग्ध काल्स से बचने, व्यक्तिगत जानकारी साझा न करने और डिजिटल लेन-देन में सतर्क रहने के लिए नियमित सुरक्षा टिप्स जारी किए।

    आनलाइन शापिंग करते समय केवल भरोसेमंद और सुरक्षित वेबसाइटों का ही उपयोग करें। किसी भी संदिग्ध लिंक, फेक आफर या अनजान ईमेल पर क्लिक न करें। अपने बैंक और व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित रखें और पासवर्ड साझा न करें।

    यदि किसी धोखाधड़ी का शिकार हों, तुरंत स्थानीय पुलिस या साइबर सेल से संपर्क करें। सतर्कता अपनाकर आप अपने और अपने परिवार की खुशियों को सुरक्षित रख सकते हैं।