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    पंजाब-हरियाणा बार काउंसिल ने मांगी शिकायतें, ‘बेंच हंटिंग’ और ‘फोरम शॉपिंग’ पर होगी सख्त कार्रवाई

    पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल ने बेंच हंटिंग और फोरम शॉपिंग की शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए सूचना मांगी है। यह कदम रूप बंसल मामले के बाद उठाया गया है जिसमें कई वकीलों को तलब किया गया था। बार काउंसिल ने स्पष्ट किया है कि न्यायपालिका की गरिमा बनाए रखने के लिए बेंच हंटिंग को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

    By Dayanand Sharma Edited By: Sushil Kumar Updated: Tue, 26 Aug 2025 02:43 PM (IST)
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    पंजाब हरियाणा बार काउंसिल ने मांगी शिकायतें। सांकेतिक फोटो

    राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल ने वकीलों और वादकारियों द्वारा की जा रही कथित बेंच हंटिंग (विशेष पीठ से अनुकूल आदेश प्राप्त करने या किसी पीठ से बचने का प्रयास) और फोरम शापिंग की प्रथा पर संज्ञान लेते हुए शिकायतें आमंत्रित की हैं।

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    काउंसिल की प्रिविलेज कमेटी ने कहा है कि कोई भी अधिवक्ता, प्रभावित व्यक्ति या आमजन इस तरह की अनैतिक गतिविधियों से संबंधित जानकारी, साक्ष्य या शिकायतें साझा कर सकता है।

    इसके लिए शिकायत प्रिविलेज कमेटी पर ईमेल या बार काउंसिल के आधिकारिक व्हाट्सएप नंबर 77400-03408 पर भेजी जा सकती हैं।यह कदम रूप बंसल मामले के बाद उठाया गया है, जिसमें "बेंच हंटिंग" की शिकायतें सामने आई थीं।

    दिल्ली एनसीआर व गुरुग्राम के बिल्डर एम3एम के रूप कुमार बंसल सैकड़ों करोड़ रुपये के गबन का आरोप है और उसके खिलाफ ईडी ने मामले दर्ज किए हुए है। बार काउंसिल इस प्रकरण में कुल 16 वकीलों को तलब किया गया था।

    इनमें से दो वरिष्ठ वकीलों को प्रिविलेज कमेटी ने क्लीन चिट दे दी है, क्योंकि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया और स्पष्ट किया कि उक्त याचिका उनके कार्यालय से दाखिल नहीं हुई थी। वे केवल बाद में इस मामले में पेश हुए थे।

    कमेटी ने यह भी पाया कि रूप बंसल की ओर से हाई कोर्ट में पेश होने वाले कई वकील, दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले दो वकीलों द्वारा नियुक्त किए गए थे।

    इस पर दोनों दिल्ली-स्थित वकीलों को नोटिस जारी कर बार काउंसिल आफ दिल्ली के सचिव के माध्यम से व्यक्तिगत पेशी और लिखित जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है।बार काउंसिल ने साफ किया है कि न्यायपालिका की गरिमा और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए "बेंच हंटिंग" जैसी अनैतिक प्रथाओं को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।