मोहाली में सात करोड़ का Bank Fraud, कंपनी का मालिक परिवार समेत फरार, जमानती की प्राॅपर्टी बेचेगी CBI
इंडियन ओवरसीज बैंक के साथ 7.29 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में कंपनी का मालिक अपने परिवार के साथ फरार है। सीबीआई उन्हें ढूंढ रही है। अदालत ने जमानत देने वाले व्यक्ति पर जुर्माना लगाया है, क्योंकि वह आरोपितों को पेश करने में विफल रहा। जुर्माना न भरने पर जमानती की संपत्ति नीलाम करने के आदेश दिए गए हैं।

सीबीआई ने आरोपितों के खिलाफ 10 साल पहले केस दर्ज किया था।
- 10 साल पहले इंडियन ओवरसीज बैंक के साथ हुई थी 7.29 करोड़ रुपये की ठगी
- आरोपित कंपनी के मालिक, बेटा और पत्नी फरार, गाज गिरेगी जमानती पर
- अदालत ने आरोपित की जमानत देने वाले से जुर्माना वसूलने के दिए हैं आदेश
रवि अटवाल, चंडीगढ़। इंडियन ओवरसीज बैंक के साथ 7.29 करोड़ रुपये की ठगी कर फरार हुए आरोपितों का सीबीआई अभी तक सुराग नहीं ढूंढ सकी है। ऐसे में उनकी जमानत देने वाले शख्स पर अब गाज गिरेेगी। उसकी प्रॉपर्टी बेचकर जुर्माना वसूला जाएगा।
बैंक के साथ यह ठगी मोहाली की एक प्राइवेट कंपनी अरविंद मशीन एंड टूल्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक, उसके परिवार और बैंक के कुछ अधिकारियों ने मिलकर की थी। इस केस में कंपनी के मालिक अमरिंदर सिंह गोरवारा, उसकी बेटा साहिल और पत्नी दलजीत कौर फरार हैं और उन्हें कोर्ट भगोड़ा घोषित कर चुकी है। वह अदालत से जमानत लेकर फरार हो गए थे।
ऐसे में अदालत ने उनके जमानती को पेश होने और आरोपितों को कोर्ट में लाने के निर्देश दिए थे। हालांकि अदालत के आदेश के बाद भी जब जमानती आरोपितों को पेश नहीं कर सका, तो अदालत ने जमानती से 70 हजार रुपपये जुर्माना वसूलने के आदेश जारी कर दिए।
एक जमानती ने तो यह रकम जमा करवा दी जबकि अमरिंदर और दलजीत कौर की जमानत देने वाले डेराबस्सी निवासी अत्तर सिंह ने जुर्माने की रकम जमा नहीं की। उसने जुर्माने की रकम भरने से इन्कार कर दिया।
ऐसे में अदालत ने जमानती अत्तर सिंह की प्राॅपर्टी की नीलामी कर जुर्माना वसूलने के आदेश जारी कर दिए। हालांकि इस आदेश पर अभी तक अमल नहीं हुआ है। ऐसे में सीबीआई ने जमानती की प्राॅपर्टी बेचकर उससे रिकवरी करने के लिए डेराबस्सी के कलेक्टर को आदेश जारी कर दिए हैं।
जाली कंपनियों में घुमाया बैंक का पैसा
सीबीआई ने आरोपितों के खिलाफ 10 साल पहले केस दर्ज किया था। केस के मुताबिक आरोपित कंपनी के निदेशकों ने बैंक से 7.29 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था। आरोपितों ने कर्ज का पैसा अपनी जाली कंपनियों के खातों में ट्रांसफर कर दिया। इस तरह आरोपितों ने इंडियन ओवरसीज बैंक को 7.29 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया। इतना ही नहीं आरोपितों ने यह लोन जाली दस्तावेज दिखाकर लिया था।
आठ लोगों पर चल रहा मुकदमा
इस केस में सीबीआई ने सितंबर 2019 को चार्जशीट दाखिल की थी। जिसमें कंपनी ने अरविंद मशीन एंड टूल्स प्राइवेट लिमिटेड, उसके निदेशक अमरिंदर सिंह गोरवारा, साहिल गोरवारा, दलजीत कौर, एक अन्य निजी कंपनी के निदेशक परमिंदर सिंह, बैंक के तत्कालीन मैनेजर आदर्श कुमार राजवंशी, तत्कालीन सीनियर विजय कुमार ग्रोवर, तत्कालीन चीऊ मैनेजर सत्य कुमार पारीख और पूर्व सीनियर मैनेजर राज कुमार पांजला आरोपित हैं। इनके खिलाफ आइपीसी की धारा 420, 467, 468, 471, 120बी और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन के तहत केस चलेगा।

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