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    बैंक पर अपनी गलती पड़ी भारी, देनदारी से ज्यादा का चेक लगाया, चंडीगढ़ कोर्ट से जयश्री राम इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी और उसका पार्टनर बरी

    By Sohan Lal Edited By: Sohan Lal
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 01:37 PM (IST)

    चंडीगढ़ कोर्ट ने जयश्री राम इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी और उसके पार्टनर को बरी कर दिया है। मामला बैंक की गलती से जुड़ा था, जिसमें देनदारी से ज्यादा का चेक ...और पढ़ें

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    चंडीगढ़ जिला अदालत ने चेक बाउंस के मामले में सुनाया फैसला।

    जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। जिला अदालत ने चेक बाउंस के एक मामले में मनीमाजरा की जयश्री राम इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी और उसके पार्टनर होनराज धीमान को बड़ी राहत दी है।

    अदालत ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। उनके खिलाफ यूको बैंक ने 10 लाख रुपये के चेक बाउंस होने का केस दायर किया था। इस पर अदालत में यह साबित हो गया कि बैंक ने देनदारी से ज्यादा का चेक अपने अकाउंट में लगाया था जोकि बाउंस हो गया।

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    कंपनी की तरफ से अदालत में पेश हुए एडवोकेट दीक्षित अरोड़ा ने बहस के दौरान कहा कि उन्हें इस मामले में फंसाया गया है। उन पर कानूनी देनदारी नहीं थी। कंपनी ने उनके चेक का गलत इस्तेमाल किया था।

    यह था मामला

    कंपनी ने दो ट्रक खरीदने के लिए बैंक से 41.74 लाख रुपये का लोन लिया था। लोन की किस्त 72334 रुपये थी। शुरुआत में तो कंपनी ने किस्तें अदा की, लेकिन बाद में उन्होंने भुगतान बंद कर दिया। कंपनी पर 17.61 लाख रुपये की देनदारी थी, जिस पर उन्होंने कंपनी का 10 लाख रुपये का एक चेक अपने अकाउंट में लगा दिया। यह चेक फंड्स की कमी के चलते बाउंस हो गया। ऐसे में बैंक ने कंपनी के खिलाफ जिला अदालत में केस दायर कर दिया।

    बैंक ने ट्रकों को बेचकर रिकवर किया लोन

    अदालत में यह तथ्य सामने आए कि कंपनी पर 17.61 लाख रुपये की देनदारी थी। जिसमें उसे 8.05 लाख और 4.20 लाख रुपये कंपनी ने ट्रक बेचकर हासिल कर लिए। ऐसे में कंपनी पर केवल 5.36 लाख रुपये की देनदारी बनती थी, लेकिन बैंक ने 10 लाख रुपये का चेक अपने अकाउंट में लगा दिया। ऐसे में यह बात साबित हो गई कि बैंक ने चेक अमाउंट से ज्यादा रकम पहले ही हासिल कर ली थी, इसलिए यह केस नहीं बनता। ऐसे में अदालत ने कंपनी को बरी कर दिया।