'ईश्वर कृपा से होता नेक कार्य'
लहरपुर (सीतापुर), सही ही कहा गया है कि ईश्वर की कृपा के बिना कुछ भी नहीं हो सकता है। ईश्वर जिससे जो कार्य करवाना चाहता है। करवा ही लेता है। ऐसा ही एक अद्भुत वाकया नगर के मोहल्ला पुरवा बेहटी में हुआ। मोहल्ले में बहुसंख्यक मजदूरी करने वाले लोग ही रहते हैं और उसी से अपने परिवार का पालन पोषण करता है। मगर ईश्वर के प्रति श्रद्धा अटूट रखते हैं। इन्हीं में से एक केशन नाम के व्यक्ति हैं। उन्हीं का मझिला पुत्र राजू कुछ समय पहले मानसिक रूप से परेशान रहने लगा। मोहल्ले में रहने वाले ओमप्रकाश की प्रेरणा से खीरी जनपद में शारदानगर में स्थित बाला जी मंदिर जाने लगा। धीरे धीरे मानसिक सही होने लगा। तभी उसे भगवान की प्रेरणा हुई। उसने सन्यास लेते हुए छोटे बाला मंदिर स्थापित करने की ठान ली। अपने व अपने पिता के द्वारा मजदूरी से जमा की गई पूंजी से निर्माण शुरू कर दिया और फिर क्या था। मोहल्ले व नगर के भामाशाह लग गए और एक एक रुपये एकत्र करके तैयार हो गया छोटे बालाजी महराज का स्थान।
स्थापना में अनवरत साप्ताहिक सीताराम धुनि हुई और अखंड रामचरित मानस का पाठ हुआ व वैदिक विधि विधान से स्थापना हुई। मंदिर की देख रेख राजू करने लगा। हर शनिवार को सप्ताह में भक्तों का मेला लगना लगा और भक्तों की अटूट आस्था दिखने को मिलती है। हनुमान जयंती पर अनवरत सुंदरकांड का पाठ भी हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचे।
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